नई दिल्ली: दिल्ली में मॉनसूनी बारिश इस बार राहत की बजाय आफत बनकर आई है. बारिश ने राजधानी वासियों पर कहर बरपाया है. शासन प्रशासन की नाकामी के चलते दिल्ली में वाटर लॉगिंग, डूबने, करंट लगने और मकान ढहने आदि की घटनाओं में पिछले 40 दिनों के भीतर 22 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. जबकि जून माह में भी इन सभी वजहों से 10 लोगों की मौत हो गई थी. मॉनसून सीजन में अब तक राजधानी दिल्ली में करीब 32 से ज्यादा लोगों की अलग-अलग वजह से हुए हादसों में मौत हुई है.
हैरान करने वाली बात यह है जून माह से जारी प्रशासनिक लापरवाही का यह सिलसिला बदस्तूर जारी है. प्रशासन की ओर से हादसों की पुनरावृति नहीं हो, इसको लेकर कोई ठोक कदम नहीं उठा जा रहे हैं, जिसका बड़ा उदाहरण यह है कि अकेले जुलाई और अगस्त में ही करीब 22 से ज्यादा लोग प्रशासनिक लापरवाही की भेंट चढ़ गए हैं. बता दें, सबसे ज्यादा हादसे जमा बारिश में डूबने और करंट लगने की वजह से हुए हैं.
बात अगर 31 जुलाई की करें तो भारी बारिश की वजह से उस दिन अकेले 6 लोगों की मौत रिकॉर्ड की गई. यह सभी बारिश के जलभराव की वजह डूबने और करंट लगने से हुईं. ओल्ड राजेन्द्र नगर आईएएस कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में अचानक आई बाढ़ की वजह से तीन छात्रों की दर्दनाक मौत भी जुलाई माह में हुई. इससे पहले यूपीएससी की तैयारी कर रहे एक अन्य छात्र की पटेल नगर इलाके में करंट लगने से मौत हो गई थी. इस तरह के मामलों को लेकर प्रशासन कोई खास संजीदा नहीं रहा और अगस्त माह में भी लापरवाही की भेंट मासूम लोग चढ़ते आ रहे हैं.
दिल्ली में जुलाई-अगस्त में हुए ये बड़े हादसे:
- 13 जुलाई को नजफगढ़ में चोरी के एक मामले की जांच के दौरान एक पुलिस हेड कांस्टेबल की करंट लगने से मौत हो गई
- जुलाई में बीएसईएस के एक कर्मचारी की द्वारका में बिजली का खंभा ठीक करते वक्त मौत हो गई
- जुलाई माह में भजनपुरा में एक 34 वर्षीय महिला की मौत खुले बिजली के तार के संपर्क में आने से हुई.
- करावल नगर इलाके में 20 जुलाई को दोपहर 12.30 बजे के आसपास एक निर्माण स्थल पर 30 वर्षीय एक श्रमिक की मौत हो गई.
- सदर बाजार इलाके में एक 45 वर्षीय शख्स की 24 जुलाई को उसके अपने घर में करंट लगने से मौत हो गई थी.
- पटेल नगर इलाके में 25/26 जुलाई को यूपीएससी अभ्यर्थी नीलेश राय की पटेल नगर मेट्रो स्टेशन पर जलभराव की वजह से करंट दौड़ने से मौत हो गई.
- 27 जुलाई को ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित राऊ आईएएस कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में बाढ़ आने की वजह से यूपीएससी की तीन छात्रों की मौत हो गई थी.
- 31 जुलाई को पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर क्षेत्र में तनुजा (22) और उसके 3 साल के बेटे प्रियांश की पानी से भरे नाले में गिर जाने से डूबकर मौत हो गई.
- 31 जुलाई को दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में करंट लगने से 12 साल के एक लड़के की मौत हो गई.
- 31 जुलाई को संगम विहार में 18 साल के अनिल कुमार साह की करंट लगने से मौत हो गई.
- 31 जुलाई को दक्षिण पूर्व दिल्ली के मीठापुर में 28 वर्षीय प्रभात की करंट लगने से मौत का मामला सामने आया था.
- 31 जुलाई को दिल्ली के सब्जी मंडी इलाके में बारिश के दौरान मकान ढह जाने की वजह से 62 वर्षीय अनिल कुमार गुप्ता की मौत हो गई थी.
- 10 अगस्त को बारिश के दौरान दिल्ली के मॉडल टाउन इलाके के महेंद्रू एन्क्लेव में एक जर्जर बिल्डिंग के गिर जाने से एक व्यक्ति की मौत हो गई है.
- 10 अगस्त को क्रिकेट खेलने के दौरान रणहौला इलाके में 7वीं कक्षा के छात्र आदित्य राज (13) की क्रिकेट मैदान में करंट लगने से मौत हुई.
- 10 अगस्त शनिवार देर रात अमन विहार इलाके में पार्क में बने गड्ढे में जमा बारिश के पानी में 10 वर्षीय बच्चे की डूबने से मौत हो गई.
- 10 अगस्त को द्वारकाधीश के बिंदापुर इलाके के डीडीए फ्लैट के 13 वर्षीय छात्र की भी करंट लगने से मौत हो गई थी.
जून माह में बारिश के दौरान 10 लोगों की जान गई: जून माह में वसंत विहार में भी एक निर्माणाधीन दीवार के ढहने से 3 मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई थी. आउटर दिल्ली के बादली इलाके में एक अंडरपास में जलभराव में दो बच्चों के डूबने की मौत सामने आई थी. उत्तर पूर्वी दिल्ली के उस्मानपुर इलाके में बारिश के जमा पानी के पौंड में दो बच्चों (8 और 10 साल) के डूबने से दर्दनाक मौत हो गई थी.
उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के शालीमार बाग इलाके के एक अंडरपास में जमा बारिश के पानी में 20 साल के एक युवक की डूबने से मौत हो गई थी. इसी तरह से दक्षिणी दिल्ली के ओखला अंडरपास में एक बुजुर्ग की मौत हो गई थी. बारिश के दौरान किराड़ी इलाके में करंट दौड़ने की वजह से एक शख्स की मौत हो गई थी. रोहिणी इलाके के प्रेम नगर में 39 साल के व्यक्ति की करंट लगने से मौत होने गई थी.
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