जयपुर. वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के लिए आवेदन बुधवार यानी 31 जुलाई तक ही हो सकेगा. आज इस आवेदन की आखिरी तारीख है. नंबर प्लेट लगवाने के लिए आज के बाद आवेदन नहीं किया जा सकेगा. परिवहन विभाग ने पहले जून 2024 का समय दिया था, लेकिन कम वाहनों में नंबर प्लेट लगने के कारण आवेदन की तारीख को बढ़ाकर 31 जुलाई तक कर दिया गया था. अब जिन गाड़ियों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगी होगी, 1 अगस्त से उनके चालान किए जाएंगे.
परिवहन विभाग के मुताबिक 8 महीने में 7 लाख 27 हजार वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट इंस्टॉल करवाई गई है, जबकि करीब 21 लाख से ज्यादा वाहनों में अभी भी नंबर प्लेट लगनी बाकी है. इसके पहले जून 2024 तक हाई सिक्योरिटी प्लेट लगवाने वाले वाहनों का आंकड़ा 3 लाख 33 हजार के करीब था. सबसे ज्यादा नंबर प्लेट के लिए आवेदन बीते महीने जून में करीब 1 लाख 26 हजार वाहन चालकों ने किए थे. गौरतलब है कि परिवहन विभाग ने दिसंबर 2023 से ऑनलाइन नंबर प्लेट के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू की थी.
गाड़ियों के फास्टैग में बदलेंगे नियम : देश में फास्टैग से जुड़ी सेवाओं के लिए नया नियम 1 अगस्त से लागू होने जा रहा है. इसके तहत अब वाहन लेने के बाद 90 दिन के अंदर फास्टैग नंबर पर वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर अपलोड करना होगा. अगर तय मियाद में नंबर अपडेट नहीं किया तो उसे हॉट लिस्ट में डाल दिया जाएगा. इसके बाद 30 दिन का अतिरिक्त समय मिलेगा, लेकिन उसमें भी वहां नंबर अपडेट नहीं हुआ तो फास्टैग ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा.
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फास्टैग सेवा प्रदाता कंपनियों को 31 अक्टूबर तक 3 और 5 साल पुरानी गाड़ियों में फास्टैग की केवाईसी करनी होगी. गौरतलब है कि भारतीय राष्ट्रीय भुगतान नियम एनसीपीआई ने जून में फास्टैग को लेकर गाइडलाइन जारी की थी, जिसके मुताबिक 1 अगस्त की तारीख के बाद फास्टैग सेवा प्रदाता कंपनियां को केवाईसी की प्रक्रिया को शुरू करने के लिए कहा गया था.
ये नियम होंगे प्रभावी
- कंपनियों को 5 साल पुराने फास्टैग को प्राथमिकता के आधार पर बदलना होगा.
- 3 साल पुराने फास्टैग की पुनः केवाईसी करनी होगी.
- फास्टैग से वाहन पंजीकरण नंबर, चैसिस नंबर जुड़ा होना चाहिए.
- नया वाहन लेने के बाद 90 दिन में उसका नंबर अपडेट करना होगा.
- फास्टैग सर्विस प्रोवाइडर कंपनी गाड़ियों का डाटाबेस वेरीफाई करेगी.
- केवाईसी के दौरान गाड़ी के सामने की और साइड की फोटो अपलोड करनी होगी.
- केवाईसी वेरीफिकेशन के लिए ऐप या पोर्टल जैसी सर्विस देनी होगी.
ये लोग हो सकते हैं परेशान : एनसीपीआई के नए नियम के बाद उन सभी लोगों की परेशानी बढ़ जाएगी, जो नई गाड़ी खरीदने जा रहे हैं या फिर जिनका फास्टैग 3 साल से ज्यादा पुराना है. फास्टैग इस्तेमाल करने वाले मौजूदा ग्राहक को भी इस दौरान सतर्क रहने की जरूरत होगी, क्योंकि फास्टैग ब्लैक लिस्ट किए जाने के नियम भी 1 अगस्त से प्रभावित हो जाएंगे.
कुछ फास्टैग कंपनियों ने यह नियम भी जोड़ा है कि टैग सक्रिय रहना चाहिए. इसके लिए 3 महीने के अंदर एक लेनदेन का होना जरूरी है. अगर लेनदेन नहीं होता है तो टैग को निष्क्रिय मान लिया जाएगा और उसे फिर से एक्टिव करने के लिए पोर्टल के जरिए संपर्क करना होगा.
आईटी रिटर्न का आखिरी दिन : इनकम टैक्स की रिटर्न भरने की भी आज आखिरी तारीख है. देश भर में 30 जुलाई की शाम 5:00 बजे तक 6 करोड़ 9 लाख लोगों ने आयकर रिटर्न फाइल कर दी थी, जबकि पिछले साल 31 जुलाई की शाम तक यह आंकड़ा 6 करोड़ 90 लाख तक जा पहुंचा था. आयकर विभाग के मुताबिक रिटर्न फाइल करने के लिए 2 करोड़ लोग अभी भी बाकी बताएं जा रहे हैं.
इस बार आयकर रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या पिछले साल से कम रह सकती है. विभाग में करीब 12 करोड़ से ज्यादा पंजीकृत आयकर दाता हैं. इस बार करीब 9 करोड लोगों को आयकर रिटर्न फाइल करना है, यानी आखिरी तारीख तक करीब 2 करोड़ लोगों को एक दिन में रिटर्न फाइल करना है.
आज फाइल नहीं हुई रिटर्न तो होगा नुकसान : अगर आज अपना आईटीआर दाखिल करने में विफल रहते हैं तो आप देर से भी रिटर्न दाखिल कर सकते हैं. इसके लिए आयकर अधिनियम की धारा 234 एफ के अनुसार, 5000 रुपए तक की लेट फाइलिंग फीस लगाई जा सकती है.
चार्टर्ड अकाउंटेंट महेंद्र मोदी के मुताबिक अगर कोई 31 जुलाई की समय सीमा से चूक जाता है तो उसके पास 31 दिसंबर, 2024 तक देरी से रिटर्न दाखिल करने का मौका होगा, लेकिन उसे जुर्माने के साथ न्यू टैक्स रिजीम के तहत आना पड़ेगा. इसका मतलब ये है कि एचआरए, ट्यूशन फीस, बीमा की किस्त और होम लोन पर ब्याज के जरिए मिलने वाली छूट से वह वंचित हो जाएगा.