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'पूरी तरह से अनुचित और निराधार आरोप', भारत ने खालिस्तानी चरमपंथी पन्नू की निंदा की - Khalistani extremist Panun

Foreign Secretary Vikram Misri: विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने गुरुवार को यहां प्रधानमंत्री मोदी की इस वीकेंड पर होने वाली अमेरिका यात्रा पर विशेष ब्रीफिंग की. इस दौरान उन्होंने खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पनुन द्वारा अमेरिका में भारतीय सरकार के खिलाफ हत्या के प्रयास के मामले में दायर दीवानी मुकदमे पर प्रतिक्रिया दी.

विदेश सचिव विक्रम मिसरी
विदेश सचिव विक्रम मिसरी (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 19, 2024, 5:27 PM IST

नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय ने खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा अमेरिका में भारतीय सरकार के खिलाफ हत्या के प्रयास के मामले में दायर दीवानी मुकदमे पर तीखी प्रतिक्रिया दी. विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि यह पूरी तरह से अनुचित है.

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने गुरुवार को यहां प्रधानमंत्री मोदी की इस वीकेंड पर होने वाली अमेरिका यात्रा पर विशेष ब्रीफिंग के दौरान कहा कि जैसा कि हमने पहले कहा है भारत और अमेरिका के बीच जो भी मुद्दे आपसी चिंता के हैं, हम उन सभी पर चर्चा करते हैं. उन्होंने कहा कि कोई स्पेसिफिक मुद्दा उठाया जाएगा या नहीं, मैं इस समय नहीं कह सकता, लेकिन मैं निश्चित रूप से कह सकता हूं कि हम सभी मुद्दों पर चर्चा करेंगे.

भारतीय सरकार के खिलाफ केस
नामित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा अमेरिका में भारतीय सरकार के खिलाफ 'हत्या' के प्रयास का मुकदमा दायर करने के सवाल पर विदेश सचिव मिसरी ने कहा, "जैसा कि हमने पहले कहा है, ये पूरी तरह से अनुचित और निराधार आरोप हैं. अब जब यह विशेष मामला दर्ज किया गया है. इससे अंतर्निहित स्थिति के बारे में हमारे विचार नहीं बदलते हैं. मैं केवल आपका ध्यान इस विशेष मामले के पीछे के व्यक्ति की ओर आकर्षित करना चाहता हूं, जिसका इतिहास अच्छी तरह से पता है."

गैर कानूनी संगठन
विदेश सचिव ने कहा, "मैं इस फैक्ट को भी रेखांकित करना चाहता हूं कि जिस संगठन का यह व्यक्ति (पन्नू) प्रतिनिधित्व करता है, वह एक गैर कानूनी संगठन है, जिसे 1967 के गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत ऐसा घोषित किया गया है और यह भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बाधित करने के उद्देश्य से राष्ट्र-विरोधी और विध्वंसक गतिविधियों में शामिल होने के कारण किया गया है."

यह घटना खालिस्तान समर्थक सिख फॉर जस्टिस के महाधिवक्ता गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा अपने वकीलों के माध्यम से अमेरिका की संघीय जिला अदालत में भारत सरकार, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और अन्य के खिलाफ दीवानी मुकदमा दायर करने के बाद हुई है, जिसमें पिछले साल अमेरिका की धरती पर उनकी हत्या के कथित प्रयास के लिए हर्जाना मांगा गया है.

न्यूयॉर्क की अदालत में मुकद्दमा
रिपोर्ट के अनुसार यह मुकदमा मंगलवार को न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले की जिला अदालत में भारत सरकार, डोभाल, पूर्व रॉ प्रमुख सामंत गोयल, वरिष्ठ रॉ अधिकारी विक्रम यादव और निखिल गुप्ता के खिलाफ दायर किया गया. बता दें कि गुप्ता एक भारतीय नागरिक है, जिसे पन्नू की हत्या के लिए कथित तौर पर हत्यारों को अनुबंधित करने के लिए भाड़े पर हत्या और साजिश रचने के आरोप में न्यूयॉर्क जेल भेजा गया है.

भारत पर उनकी हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया गया है, जिसका नई दिल्ली ने दृढ़ता से खंडन किया है और आरोपों को बेतुका करार दिया है. इस घटना ने तनाव को बढ़ा दिया है, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने गहन जांच की मांग की है. जवाब में भारत ने आरोपों को खारिज कर दिया है और कनाडा में खालिस्तानी समर्थक समूहों की गतिविधियों के बारे में चिंता व्यक्त की.

यह भी पढ़ें- श्रीनगर में पीएम मोदी बोले- 3 खानदानों ने यहां की राजनीति को अपनी जागीर समझी

नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय ने खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा अमेरिका में भारतीय सरकार के खिलाफ हत्या के प्रयास के मामले में दायर दीवानी मुकदमे पर तीखी प्रतिक्रिया दी. विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि यह पूरी तरह से अनुचित है.

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने गुरुवार को यहां प्रधानमंत्री मोदी की इस वीकेंड पर होने वाली अमेरिका यात्रा पर विशेष ब्रीफिंग के दौरान कहा कि जैसा कि हमने पहले कहा है भारत और अमेरिका के बीच जो भी मुद्दे आपसी चिंता के हैं, हम उन सभी पर चर्चा करते हैं. उन्होंने कहा कि कोई स्पेसिफिक मुद्दा उठाया जाएगा या नहीं, मैं इस समय नहीं कह सकता, लेकिन मैं निश्चित रूप से कह सकता हूं कि हम सभी मुद्दों पर चर्चा करेंगे.

भारतीय सरकार के खिलाफ केस
नामित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा अमेरिका में भारतीय सरकार के खिलाफ 'हत्या' के प्रयास का मुकदमा दायर करने के सवाल पर विदेश सचिव मिसरी ने कहा, "जैसा कि हमने पहले कहा है, ये पूरी तरह से अनुचित और निराधार आरोप हैं. अब जब यह विशेष मामला दर्ज किया गया है. इससे अंतर्निहित स्थिति के बारे में हमारे विचार नहीं बदलते हैं. मैं केवल आपका ध्यान इस विशेष मामले के पीछे के व्यक्ति की ओर आकर्षित करना चाहता हूं, जिसका इतिहास अच्छी तरह से पता है."

गैर कानूनी संगठन
विदेश सचिव ने कहा, "मैं इस फैक्ट को भी रेखांकित करना चाहता हूं कि जिस संगठन का यह व्यक्ति (पन्नू) प्रतिनिधित्व करता है, वह एक गैर कानूनी संगठन है, जिसे 1967 के गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत ऐसा घोषित किया गया है और यह भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बाधित करने के उद्देश्य से राष्ट्र-विरोधी और विध्वंसक गतिविधियों में शामिल होने के कारण किया गया है."

यह घटना खालिस्तान समर्थक सिख फॉर जस्टिस के महाधिवक्ता गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा अपने वकीलों के माध्यम से अमेरिका की संघीय जिला अदालत में भारत सरकार, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और अन्य के खिलाफ दीवानी मुकदमा दायर करने के बाद हुई है, जिसमें पिछले साल अमेरिका की धरती पर उनकी हत्या के कथित प्रयास के लिए हर्जाना मांगा गया है.

न्यूयॉर्क की अदालत में मुकद्दमा
रिपोर्ट के अनुसार यह मुकदमा मंगलवार को न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले की जिला अदालत में भारत सरकार, डोभाल, पूर्व रॉ प्रमुख सामंत गोयल, वरिष्ठ रॉ अधिकारी विक्रम यादव और निखिल गुप्ता के खिलाफ दायर किया गया. बता दें कि गुप्ता एक भारतीय नागरिक है, जिसे पन्नू की हत्या के लिए कथित तौर पर हत्यारों को अनुबंधित करने के लिए भाड़े पर हत्या और साजिश रचने के आरोप में न्यूयॉर्क जेल भेजा गया है.

भारत पर उनकी हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया गया है, जिसका नई दिल्ली ने दृढ़ता से खंडन किया है और आरोपों को बेतुका करार दिया है. इस घटना ने तनाव को बढ़ा दिया है, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने गहन जांच की मांग की है. जवाब में भारत ने आरोपों को खारिज कर दिया है और कनाडा में खालिस्तानी समर्थक समूहों की गतिविधियों के बारे में चिंता व्यक्त की.

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