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राजस्थान में चांदीपुरा वायरस का पहला मामला आया सामने, डूंगरपुर में 3 साल का बच्चा पॉजिटिव - Chandipura virus case

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 28, 2024, 6:58 PM IST

Chandipura Virus in Dungarpur, राजस्थान में चांदीपुरा वायरस का पहला मामला सामने आया है. डूंगरपुर में 3 साल के बच्चे में चांदीपुरा वायरस की पुष्टि हुई है. बच्चा फिलहाल स्वस्थ है. स्वास्थ्य विभाग इस केस की मॉनिटरिंग कर रहा है और अलर्ट मोड पर है.

डूंगरपुर में चांदीपुरा वायरस
डूंगरपुर में चांदीपुरा वायरस (ETV Bharat File Photo)

जयपुर/डूंगरपुर : देश के विभिन्न हिस्सों में फैल रहा चांदीपुरा वायरस ने राजस्थान में भी दस्तक दे दी है. डूंगरपुर में एक 3 साल का बच्चा चांदीपुरा वायरस पॉजिटिव पाया गया है. चिकित्सा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार नेशनल इन्सटीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एन.आई.वी) पुणे से प्रारम्भिक सूचना के अनुसार उप स्वास्थ्य केन्द्र बदीया, पीएचसी कानबा, ब्लॉक बीछीवाड़ा डूंगरपुर का 3 वर्षीय बालक चांदीपुरा वायरस पॉजिटिव पाया गया है. यह रोगी 12 जुलाई से राजकीय मेडिकल कॉलेज, डूंगरपुर में भर्ती था और लक्षणों के आधार पर इसका सैम्पल एन.आई.वी. पुणे चांदीपुरा डायग्नोसिस के लिए भेजा गया था. हालांकि, रोगी बालक वर्तमान में स्वस्थ बताया जा रहा है. चांदीपुरा वायरस का मामला सामने आने के बाद अब चिकित्सा विभाग अलर्ट मोड पर है और पॉजिटिव पाए गए मरीज के आस पास के इलाकों में सैम्पलिंग की जा रही है.

2 बच्चों के भेजे थे सैंपल : डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ. महेंद्र डामोर ने बताया कि 11 जुलाई को डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पीआईसीयू वार्ड में एक 3 साल के बच्चे को भर्ती किया गया था. बालदिया गांव के बच्चे को उल्टी-दस्त, बुखार और घबराहट की शिकायत थी. बच्चों में चांदीपुरा वायरस के संदिग्ध लक्षण होने से 18 जुलाई को 2 बच्चों के सैंपल लेकर उदयपुर भेजे गए थे. उदयपुर से सैंपल पुणे लेबोरेटरी भेजे गए थे. लैब से रविवार को डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल को रिपोर्ट मिली, जिसमें 3 साल के बच्चे में चांदीपुरा वायरस की पुष्टि हुई है.

इसे भी पढ़ें. राजस्थान में चांदीपुरा वायरस का खौफ, तेजी से फैल रहा संक्रमण, आपकी एक चूक पड़ सकती है भारी - Chandipura Virus

डॉ. महेंद्र डामोर ने रविवार को बताया कि चांदीपुरा वायरस पॉजिटिव बच्चा 2 दिन पहले ही पूरी तरह से ठीक हो गया था, जिस पर उसकी अस्पताल से छुट्टी कर दी गई है. हालांकि, स्वास्थ्य विभाग की टीमें बच्चे के घर पर भी मॉनिटरिंग कर रही है. डॉक्टर ने बताया कि अस्पताल में मौसम के अनुसार कई बच्चे उल्टी दस्त, बुखार के आ रहे हैं. चांदीपुरा वायरस के संदिग्ध लक्षण मिलने पर उनके सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे जा रहे हैं.

इस तरह करें बचाव : चांदीपुरा रोग एक वायरस डिजीज है जो महाराष्ट्र के नागपुर जिले में चांदीपुरा गांव में सर्व प्रथम 1965 में पाया गया था. यह रोग 9 से 14 वर्ष के बच्चों में सैन्डफ्लाई नामक मक्खी द्वारा फैलता है. प्रमुख लक्षणों में तेज बुखार, उल्टी, दस्त एवं दौरे आना है. चांदीपुरा वायरस को सीरम एवं सीएसएफ द्वारा डायग्नोसिस किया जाता है. डॉक्टरों के अनुसार इसका उपचार लक्षण आधारित होता है. इस बीमारी से बचने के लिए डॉक्टर पूरी बाजू के बदन ढकने वाले कपड़े पहनने, मच्छरदानी के उपयोग एवं कीटनाशक के उपयोग की सलाह देते हैं, इससे चांदीपुरा वायरस से बचा जा सकता है.

जयपुर/डूंगरपुर : देश के विभिन्न हिस्सों में फैल रहा चांदीपुरा वायरस ने राजस्थान में भी दस्तक दे दी है. डूंगरपुर में एक 3 साल का बच्चा चांदीपुरा वायरस पॉजिटिव पाया गया है. चिकित्सा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार नेशनल इन्सटीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एन.आई.वी) पुणे से प्रारम्भिक सूचना के अनुसार उप स्वास्थ्य केन्द्र बदीया, पीएचसी कानबा, ब्लॉक बीछीवाड़ा डूंगरपुर का 3 वर्षीय बालक चांदीपुरा वायरस पॉजिटिव पाया गया है. यह रोगी 12 जुलाई से राजकीय मेडिकल कॉलेज, डूंगरपुर में भर्ती था और लक्षणों के आधार पर इसका सैम्पल एन.आई.वी. पुणे चांदीपुरा डायग्नोसिस के लिए भेजा गया था. हालांकि, रोगी बालक वर्तमान में स्वस्थ बताया जा रहा है. चांदीपुरा वायरस का मामला सामने आने के बाद अब चिकित्सा विभाग अलर्ट मोड पर है और पॉजिटिव पाए गए मरीज के आस पास के इलाकों में सैम्पलिंग की जा रही है.

2 बच्चों के भेजे थे सैंपल : डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ. महेंद्र डामोर ने बताया कि 11 जुलाई को डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पीआईसीयू वार्ड में एक 3 साल के बच्चे को भर्ती किया गया था. बालदिया गांव के बच्चे को उल्टी-दस्त, बुखार और घबराहट की शिकायत थी. बच्चों में चांदीपुरा वायरस के संदिग्ध लक्षण होने से 18 जुलाई को 2 बच्चों के सैंपल लेकर उदयपुर भेजे गए थे. उदयपुर से सैंपल पुणे लेबोरेटरी भेजे गए थे. लैब से रविवार को डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल को रिपोर्ट मिली, जिसमें 3 साल के बच्चे में चांदीपुरा वायरस की पुष्टि हुई है.

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डॉ. महेंद्र डामोर ने रविवार को बताया कि चांदीपुरा वायरस पॉजिटिव बच्चा 2 दिन पहले ही पूरी तरह से ठीक हो गया था, जिस पर उसकी अस्पताल से छुट्टी कर दी गई है. हालांकि, स्वास्थ्य विभाग की टीमें बच्चे के घर पर भी मॉनिटरिंग कर रही है. डॉक्टर ने बताया कि अस्पताल में मौसम के अनुसार कई बच्चे उल्टी दस्त, बुखार के आ रहे हैं. चांदीपुरा वायरस के संदिग्ध लक्षण मिलने पर उनके सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे जा रहे हैं.

इस तरह करें बचाव : चांदीपुरा रोग एक वायरस डिजीज है जो महाराष्ट्र के नागपुर जिले में चांदीपुरा गांव में सर्व प्रथम 1965 में पाया गया था. यह रोग 9 से 14 वर्ष के बच्चों में सैन्डफ्लाई नामक मक्खी द्वारा फैलता है. प्रमुख लक्षणों में तेज बुखार, उल्टी, दस्त एवं दौरे आना है. चांदीपुरा वायरस को सीरम एवं सीएसएफ द्वारा डायग्नोसिस किया जाता है. डॉक्टरों के अनुसार इसका उपचार लक्षण आधारित होता है. इस बीमारी से बचने के लिए डॉक्टर पूरी बाजू के बदन ढकने वाले कपड़े पहनने, मच्छरदानी के उपयोग एवं कीटनाशक के उपयोग की सलाह देते हैं, इससे चांदीपुरा वायरस से बचा जा सकता है.

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