जयपुर. शहर के सिविल न्यायालय क्रम-1, महानगर, प्रथम ने अदालती आदेश की अवमानना करने पर नगर निगम के मानसरोवर जोन के तत्कालीन उपायुक्त लेखराज शर्मा को तीन माह के सिविल कारावास से दंडित किया है. इसके साथ ही अदालत ने लेखराज शर्मा को कहा है कि वह प्रार्थी को 10 हजार रुपए भी क्षतिपूर्ति के तौर पर अदा करें. हालांकि अदालत ने मामले में नगर निगम के अन्य अधिकारियों को अवमानना का दोषी नहीं माना है. अदालत ने यह आदेश महेंद्र सिंह के अवमानना प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए.
अवमानना प्रार्थना पत्र में अधिवक्ता विपुल शर्मा ने बताया कि प्रार्थी गोपालपुरा बाईपास पर गोपाल नगर में नगर निगम की ओर से आवंटित डेयरी बूथ का संचालन करता है. प्रार्थी के इस बूथ को नगर निगम के अधिकारी गलत तरीके से हटाना चाहते थे. इस पर उसने अदालत में वाद दायर किया था. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत में 13, अप्रैल 2009 को नगर निगम के अधिकारियों को आदेश दिए थे कि वह बूथ को लेकर यथास्थिति बनाए रखें.
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अवमानना प्रार्थना पत्र में कहा गया कि इस आदेश की जानकारी नगर निगम के अधिकारियों को थी. इसके बावजूद भी 17 अप्रैल, 2009 को नगर निगम के अधिकारियों ने मिलीभगत कर बूथ का सामान बाहर फेंक दिया और बूथ को उठाकर ले गए. इस दौरान प्रार्थी ने अदालत की यथास्थिति के आदेश की कॉपी भी निगम के अधिकारियों को दी, लेकिन उन्होंने कार्रवाई नहीं रोकी. ऐसे में निगम के अधिकारियों को अवमानना के लिए दंडित किया जाए और प्रार्थी को 50 हजार रुपए की क्षतिपूर्ति दिलाई जाएं. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने मानसरोवर जोन के तत्कालीन उपायुक्त लेखराज शर्मा को 3 माह के सिविल कारावास की सजा से दंडित किया है.