जयपुर: प्रदेश भर के 27 हजार राशन डीलरों ने अपनी मांग पूरी नहीं होने के कारण गुरुवार से सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है. राशन डीलरों की हड़ताल के कारण खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों के गेहूं वितरण पर भी संकट पैदा हो गया है. यह राशन डीलर पिछले लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन इनकी मांगे आज तक पूरी नहीं हुई है. पिछली कांग्रेस सरकार में भी इन्होंने अपनी मांगों को लेकर आंदोलन किया था.
राजस्थान राशन विक्रेता संघर्ष समिति के बैनर तले प्रदेश के 27 हजार राशन डीलर ने 30 हजार रुपए मानदेय, गेहूं आवंटन पर दो प्रतिशत छीजत स्वीकार करने सहित अन्य मांगों को लेकर हड़ताल शुरू की है. संघर्ष समिति के सदस्य सरताज अहमद ने बताया कि प्रदेश के राशन डीलरों की 30 हजार रुपए मानदेय, गेहूं आवंटन पर 2 प्रतिशत छीजत, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का 7 महीनों के बकाया कमीशन, पोस मशीन कटौती, प्राधिकार पत्र संशोधन जैसी लंबित मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. उन्होंने बताया कि हाल ही में बुजुर्ग और दिव्यांग उपभोक्ताओं को डोर टू डोर राशन पहुंचाने वाले आदेश को भी हटाया जाए.
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उन्होंने बताया कि जुलाई में प्रदेश के तहसील, उपखंड व जिला मुख्यालय पर राशन डीलरों ने ज्ञापन देकर सरकार को 31 जुलाई तक का समय दिया था, लेकिन सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना. ऐसे में संघर्ष समिति ने हड़ताल का निर्णय किया है. उन्होंने बताया कि प्रत्येक जिला मुख्यालय पर राशन डीलर अपनी मांगों को पूरा न होने तक प्रतिदिन धरना प्रदर्शन करेंगे.
संघर्ष समिति के सदस्य डिम्पल कुमार शर्मा, हेमराज मीणा, शिवराज चौधरी, सतीश असोपिया, अनिल गहलोत और अशोक नारानिया ने भी हड़ताल को समर्थन दिया है. बता दें कि प्रदेश में 4 करोड़ 40 लाख से अधिक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों को गेहूं वितरण किया जाता है. राशन डीलरों के हड़ताल के कारण यह गेहूं वितरण ठप हो जाएगा और लाभार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा.