कानपुर : अगर आपके पास कोई स्टार्टअप आइडिया है. वह योगी सरकार के विशेषज्ञों को पसंद आता है तो निश्चित तौर पर आपको एक अच्छे करियर का विकल्प मिल सकता है. नोएडा में हुए एक कार्यक्रम में यूपी में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा समेत अन्य वरिष्ठ अफसरशाहों की मौजूदगी में 25 साल का रोडमैप तैयार किया गया.
सिडबी के जिम्मेदार अफसरों ने बताया कि सिडबी की ओर से 1000 करोड़ रुपये की मदद बतौर फंड के रूप में की जाएगी. आईआईटी कानपुर में इंक्यूबेशन सेल द्वारा पिछले दो सालों के अंदर 60 इंक्यूबेशंस को गति दी गई. ये सभी ऐसे स्टार्टअप हैं, जो बाजार तक अपने उत्पाद लेकर आ गए हैं.
कार्यक्रम में सिडबी के मुख्य महाप्रबंधक एसपी सिंह सिडबी ने कहा कि यूपी आईटी और स्टार्टअप नीति 2017 के तहत स्थापित ₹1000 करोड़ के यूपी स्टार्टअप फंड के माध्यम से और अधिक प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए तैयार है. मुख्य रूप से कार्यक्रम में एस. रमन (आईएएंडएएस), सीएमडी, सिडबी, आईएएस अनिल कुमार सागर, आलोक कुमार, डॉ. लोकेश एम, रवि रंजन, (आईएएस समेत देशभर से 50 से अधिक नामचीन उद्यमी मौजूद रहे.
4300 करोड़ रुपये की राशि वितरित कर चुका सिडबी : सिडबी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक एस रमन्न ने कहा कि भारत सरकार की ₹10,000 करोड़ की फंड ऑफ फंडस् प्रतिबद्धता ने स्टार्टअप्स में 55,000 करोड़ से अधिक की वैश्विक पूंजी प्रवाह को प्रेरित किया. इसके चलते सिडबी पहले ही 4,300 करोड़ की धनराशि वितरित कर चुका है. इसके परिणामस्वरूप लगभग 1,000 स्टार्टअप्स में लगभग 17,000 करोड़ का निवेश हुआ है. यह दर्शाता है कि कैसे वैकल्पिक निवेश फंड रिस्क कैपिटल के लिए पसंदीदा क्षेत्र बन गए हैं, जो स्टार्टअप्स को बड़े पैमाने पर नवीन समाधानों को आगे बढ़ाने में सक्षम बनाता है.
यूपी में स्टार्टअप को मिले बढ़ावा, चुनौतियों पर मंथन : आईआईटी कानपुर में स्टार्टअप इंक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर के प्रभारी प्रोफेसर अंकुश शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम में मुख्य सचिव समेत अन्य वरिष्ठ अफसरों के साथ यूपी में स्टार्टअप को बढ़ावा दिए जाने पर बात हुई. जो चुनौतियां युवाओं के सामने हैं, उनमें मुख्य रूप से फंड है. इस समस्या के समाधान पर भी मंथन किया गया. तय हुआ, कि जिन युवाओं के इनोवेटिव आइडिया बेहतर होंगे, सरकार उनकी हरसंभव मदद करेगी.
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