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मुनस्यारी की 25 ग्राम पंचायत चुनाव बहिष्कार पर अडिग, बैठक में नहीं निकला कोई हल, डीएम के साथ होगी अगली मीटिंग - Lok Sabha election 2024

चुनाव बहिष्कार का ऐलान कर चुके चीन सीमा से लगे करीब 25 ग्राम पंचायतों के लोग पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. स्थानीय प्रशासन ने ग्रामीणों को काफी मनाने का प्रयास भी किया, लेकिन ग्राम पंचायतों के जनप्रतिनिधि साफ कर चुके हैं कि जब तक उनकी मांगों पर विचार नहीं किया जाएगा तो वोट नहीं करेंगे.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 10, 2024, 2:30 PM IST

पिथौरागढ़: सीमांत जिले पिथौरागढ़ की मुनस्यारी तहसील के चीन सीमा से लगे करीब 25 ग्राम पंचायतों के लोग लोकसभा चुनाव 2024 के बहिष्कार पर अडिग हैं. ग्रामीणों को मनाने के लिए आज 10 अप्रैल को स्थानीय प्रशासन ने ग्राम पंयायतों के जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक भी की थी, लेकिन बैठक के बाद भी कोई हल नहीं निकला.

बैठक में सेना सहित प्रमुख विभागों के जिम्मेदार अधिकारी नहीं आए, जिसको लेकर पंचायत प्रतिनिधियों ने रोष व्यक्त किया. बैठक में तय किया गया है कि चुनाव से पहले जिलाधिकारी की अध्यक्षता में शीघ्र एक बैठक पिथौरागढ़ में बुलाई जाएगी. इस बैठक में हल निकालने का प्रयास किया जाएगा.

जनप्रतिनिधियों ने स्पष्ट कर दिया है कि वह चुनाव बहिष्कार के फैसले पर अडिग हैं. उन्होंने कहा कि वे आज से ही जनता के बीच जाकर बहिष्कार को सफल बनाने के अभियान में जुट जाएंगे. वहीं, तहसीलदार चंद्रप्रकाश आर्य की उपस्थिति में हुई बैठक में वन विभाग और उद्यान विभाग के स्थानीय अधिकारी उपस्थित रहे.

बैठक में तय किया गया है कि वन विभाग, कुमाऊं मंडल विकास निगम, पर्यटन विभाग और खेल विभाग इस क्षेत्र में बने अपने स्ट्रक्चर की फोटो और माप पर एक रिपोर्ट बनाकर तहसीलदार के कार्यालय में जमा करेंगे. वन विभाग व उत्तराखंड जल संस्थान पेयजल स्रोतों में फैली गंदगी पर फोटो सहित एक धरातलीय रिपोर्ट तैयार कर तहसीलदार कार्यकाल में शीघ्र जमा करेंगे.

बैठक में यह भी तय किया गया कि तहसीलदार द्वारा इस क्षेत्र के भूगर्भीय सर्वेक्षण के लिए जिलाधिकारी को पत्र भेजा जाएगा. जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने कहा कि बलाती फॉर्म व खलिया टॉप क्षेत्र से सेना को शिफ्ट करने व अन्य विभागों के मानव हस्तक्षेप को कम किए जाने की मांग को लेकर बुलाई गई बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला है.

उन्होंने बताया कि बैठक में यह तय किया गया है कि चुनाव के कारण स्थानीय जनप्रतिनिधि इस बात पर राजी हो गए हैं कि पिथौरागढ़ में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सेना सहित अन्य विभागों के जिम्मेदार अधिकारियों की बैठक में बुलाया जाए. बैठक में इन मुद्दों पर संतोषजनक बातचीत किया जाए तभी वह चुनाव बहिष्कार के फैसले को वापस लेंगे.

उन्होंने कहा कि चुनाव बहिष्कार को सफल बनाने के लिए जो अभियान शुरू किया जा रहा है, उसकी अनुमति के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र भेजा गया था, अभी तक उसका कोई प्रति उत्तर नहीं मिला है. आज ही इस संदर्भ में पुनः पत्र भेज दिया गया है.

उन्होंने कहा कि जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा अनुमति नहीं दिए जाने पर राज्य निर्वाचन अधिकारी देहरादून का दरवाजा खटखटाया जाएगा. बलाती फॉर्म और खालिया टाप क्षेत्र से सेना को शिफ्ट करने व इस क्षेत्र में मानव हस्तक्षेप शून्य करने की मांग का जब तक समाधान नहीं हो जाता है तब तक किसी भी सूरत में चुनाव बहिष्कार का फैसला वापस नहीं लिया जाएगा.

बैठक में जोहार क्लब के अध्यक्ष केदार सिंह मर्तोलिया ने कहा कि वो सेना का दिल से सम्मान करते है, लेकिन उन्हें वाटर पॉइंट में रहने के इजाजत नहीं दे सकते है. व्यापार संघ के अध्यक्ष प्रमोद कुमार द्विवेदी ने कहा कि यह संवेदनशील मुद्दा है. इस पर जिला प्रशासन को तत्काल कदम उठाना चाहिए. क्षेत्र पंचायत सदस्य ईश्वर सिंह कोरंगा ने कहा कि बलाती फॉर्म व खलिया टॉप क्षेत्र में लगातार भारी भूस्खलन हो रहे है. इसलिए क्षेत्र का भूगर्भीय सर्वेक्षण भी किया जाना चाहिए.

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पिथौरागढ़: सीमांत जिले पिथौरागढ़ की मुनस्यारी तहसील के चीन सीमा से लगे करीब 25 ग्राम पंचायतों के लोग लोकसभा चुनाव 2024 के बहिष्कार पर अडिग हैं. ग्रामीणों को मनाने के लिए आज 10 अप्रैल को स्थानीय प्रशासन ने ग्राम पंयायतों के जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक भी की थी, लेकिन बैठक के बाद भी कोई हल नहीं निकला.

बैठक में सेना सहित प्रमुख विभागों के जिम्मेदार अधिकारी नहीं आए, जिसको लेकर पंचायत प्रतिनिधियों ने रोष व्यक्त किया. बैठक में तय किया गया है कि चुनाव से पहले जिलाधिकारी की अध्यक्षता में शीघ्र एक बैठक पिथौरागढ़ में बुलाई जाएगी. इस बैठक में हल निकालने का प्रयास किया जाएगा.

जनप्रतिनिधियों ने स्पष्ट कर दिया है कि वह चुनाव बहिष्कार के फैसले पर अडिग हैं. उन्होंने कहा कि वे आज से ही जनता के बीच जाकर बहिष्कार को सफल बनाने के अभियान में जुट जाएंगे. वहीं, तहसीलदार चंद्रप्रकाश आर्य की उपस्थिति में हुई बैठक में वन विभाग और उद्यान विभाग के स्थानीय अधिकारी उपस्थित रहे.

बैठक में तय किया गया है कि वन विभाग, कुमाऊं मंडल विकास निगम, पर्यटन विभाग और खेल विभाग इस क्षेत्र में बने अपने स्ट्रक्चर की फोटो और माप पर एक रिपोर्ट बनाकर तहसीलदार के कार्यालय में जमा करेंगे. वन विभाग व उत्तराखंड जल संस्थान पेयजल स्रोतों में फैली गंदगी पर फोटो सहित एक धरातलीय रिपोर्ट तैयार कर तहसीलदार कार्यकाल में शीघ्र जमा करेंगे.

बैठक में यह भी तय किया गया कि तहसीलदार द्वारा इस क्षेत्र के भूगर्भीय सर्वेक्षण के लिए जिलाधिकारी को पत्र भेजा जाएगा. जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने कहा कि बलाती फॉर्म व खलिया टॉप क्षेत्र से सेना को शिफ्ट करने व अन्य विभागों के मानव हस्तक्षेप को कम किए जाने की मांग को लेकर बुलाई गई बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला है.

उन्होंने बताया कि बैठक में यह तय किया गया है कि चुनाव के कारण स्थानीय जनप्रतिनिधि इस बात पर राजी हो गए हैं कि पिथौरागढ़ में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सेना सहित अन्य विभागों के जिम्मेदार अधिकारियों की बैठक में बुलाया जाए. बैठक में इन मुद्दों पर संतोषजनक बातचीत किया जाए तभी वह चुनाव बहिष्कार के फैसले को वापस लेंगे.

उन्होंने कहा कि चुनाव बहिष्कार को सफल बनाने के लिए जो अभियान शुरू किया जा रहा है, उसकी अनुमति के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र भेजा गया था, अभी तक उसका कोई प्रति उत्तर नहीं मिला है. आज ही इस संदर्भ में पुनः पत्र भेज दिया गया है.

उन्होंने कहा कि जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा अनुमति नहीं दिए जाने पर राज्य निर्वाचन अधिकारी देहरादून का दरवाजा खटखटाया जाएगा. बलाती फॉर्म और खालिया टाप क्षेत्र से सेना को शिफ्ट करने व इस क्षेत्र में मानव हस्तक्षेप शून्य करने की मांग का जब तक समाधान नहीं हो जाता है तब तक किसी भी सूरत में चुनाव बहिष्कार का फैसला वापस नहीं लिया जाएगा.

बैठक में जोहार क्लब के अध्यक्ष केदार सिंह मर्तोलिया ने कहा कि वो सेना का दिल से सम्मान करते है, लेकिन उन्हें वाटर पॉइंट में रहने के इजाजत नहीं दे सकते है. व्यापार संघ के अध्यक्ष प्रमोद कुमार द्विवेदी ने कहा कि यह संवेदनशील मुद्दा है. इस पर जिला प्रशासन को तत्काल कदम उठाना चाहिए. क्षेत्र पंचायत सदस्य ईश्वर सिंह कोरंगा ने कहा कि बलाती फॉर्म व खलिया टॉप क्षेत्र में लगातार भारी भूस्खलन हो रहे है. इसलिए क्षेत्र का भूगर्भीय सर्वेक्षण भी किया जाना चाहिए.

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