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पाकिस्तान से आए 24 विस्थापितों को मिली नागरिकता, 60 को दिए स्वीकृति पत्र - CITIZENSHIP TO PAKISTANI REFUGEES

जोधपुर में शनिवार को पाकिस्तान से आए 24 विस्थापितों को भारतीय नागरिकता दी गई. इसके साथ 60 स्वीकृति पत्र दिए गए.

Citizenship to Pakistani refugees
24 पाक विस्थापितों को मिली नागरिकता (ETV Bharat Jodhpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 29, 2024, 6:50 PM IST

जोधपुर: पाकिस्तान में धार्मिक और आर्थिक प्रताड़ना से बचने के लिए भारत आए 24 विस्थापितों को शुक्रवार को भारत की नागरिकता दी गई. इनमें ज्यादातर ऐसे थे जो 10 से 20 साल पहले यहां आए थे. लेकिन कागजी कार्रवाई के चलते नागरिकता नहीं ले सके. अब भारतीय बने हैं तो उनको खुशी हो रही हैं.

भारतीय नागरिकता मिले पर उत्साहित नजर आए पाक विस्थापित (ETV Bharat Jodhpur)

डॉ एसएन मेडिकल कॉलेज के आडिटोरियम में आयोजित इस शिविर में 60 विस्थापितों को नागरिकता की स्वीकृति के पत्र भी दिए गए. जिनको आने वाले समय में नागरिकता मिल जाएगी. नागरिकता प्रमाण पत्र विधायक अतुल भंसाली, महापौर वनीता सेठ, संभागीय आयुक्त प्रतिभासिंह व कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने वितरित किए.

पढ़ें: पाक विस्थापितों के लिए जोधपुर में नागरिकता शिविर 29 को, कलेक्टर पहुंचे विस्थापितों की बस्ती में

जिनको नागरिकता मिली वे ज्यादातर बावलपुर, थारपारकर व सिंध के रहने वाले हैं. भारत आई रइसा का कहना है कि उसे 25 साल बाद नागरिकता मिली है. उसका परिवार यहां बस चुका है. 2022 में जोधपुर आए मोहन ने बताया कि भारत में पाकिस्तान को लेकर कुछ होता है, तो हमें परेशानी उठानी पड़ती थी. हालांकि उसने बताया कि उसके कई परिजन अभी वहां पर हैं. हरिश कुमार ने बताया कि 16 साल बाद उसे नागरिकता मिली है. उसके माता-पिता और भाई वहां पर है. वहां हालात बहुत खराब थे, इसलिए यहां आए हैं. भारत में डेमोक्रेसी है. खुल कर जी सकते हैं.

पढ़ें: बाड़मेर में तीन पाक विस्थापितों को मिली भारतीय नागरिकता, जिला कलेक्टर ने दिए नागरिकता प्रमाण पत्र - Indian citizenship

60 को मिला स्वीकृति पत्र: जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने बताया कि इस शिविर में 60 विस्थापितों को स्वीकृति पत्र जारी किए हैं. जिनसे वे अपने पासपोर्ट पाकिस्तानी एंबेसी में सरेंडर कर सकेंगे. उसके बाद उनको नागरिकता दी जाएगी. उन्होंने बताया कि इससे पहले हुए कैंप में 378 को नागरिकता दी गई थी. नागरिकता के आवेदनों को लेकर लगातार काम चल रहा है. इनकी परेशानियों को हल करने को प्राथमिकता दी जा रही है.

पढ़ें: छह पाक विस्थापित बने भारतीय, खुशी से खिले चेहरे, बोले- भारत हमारा देश - indian cityzensip to pak refugee

वीजा दे तो परिजन भारत आएं: भारत सरकार ने लंबे समय से पाकिस्तान से मिलने वाले नए आवेदनों पर वीजा देना बंद कर रखा है. जिसके चलते सैंकड़ों परिवार ऐसे हैं, जिनके परिजन पाकिस्तान में अटके हैं. उनका कहना है कि भारत सरकार वीजा देना शुरू करे, तो हमारे परिवार के लोग भी यहां आ सकेंगे. इसके अभाव में कई परिवार तो ऐसे हैं जिनमें बच्चे भारत आ गए माता-पिता अभी पाकिस्तान में अटके हैं.

जोधपुर: पाकिस्तान में धार्मिक और आर्थिक प्रताड़ना से बचने के लिए भारत आए 24 विस्थापितों को शुक्रवार को भारत की नागरिकता दी गई. इनमें ज्यादातर ऐसे थे जो 10 से 20 साल पहले यहां आए थे. लेकिन कागजी कार्रवाई के चलते नागरिकता नहीं ले सके. अब भारतीय बने हैं तो उनको खुशी हो रही हैं.

भारतीय नागरिकता मिले पर उत्साहित नजर आए पाक विस्थापित (ETV Bharat Jodhpur)

डॉ एसएन मेडिकल कॉलेज के आडिटोरियम में आयोजित इस शिविर में 60 विस्थापितों को नागरिकता की स्वीकृति के पत्र भी दिए गए. जिनको आने वाले समय में नागरिकता मिल जाएगी. नागरिकता प्रमाण पत्र विधायक अतुल भंसाली, महापौर वनीता सेठ, संभागीय आयुक्त प्रतिभासिंह व कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने वितरित किए.

पढ़ें: पाक विस्थापितों के लिए जोधपुर में नागरिकता शिविर 29 को, कलेक्टर पहुंचे विस्थापितों की बस्ती में

जिनको नागरिकता मिली वे ज्यादातर बावलपुर, थारपारकर व सिंध के रहने वाले हैं. भारत आई रइसा का कहना है कि उसे 25 साल बाद नागरिकता मिली है. उसका परिवार यहां बस चुका है. 2022 में जोधपुर आए मोहन ने बताया कि भारत में पाकिस्तान को लेकर कुछ होता है, तो हमें परेशानी उठानी पड़ती थी. हालांकि उसने बताया कि उसके कई परिजन अभी वहां पर हैं. हरिश कुमार ने बताया कि 16 साल बाद उसे नागरिकता मिली है. उसके माता-पिता और भाई वहां पर है. वहां हालात बहुत खराब थे, इसलिए यहां आए हैं. भारत में डेमोक्रेसी है. खुल कर जी सकते हैं.

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60 को मिला स्वीकृति पत्र: जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने बताया कि इस शिविर में 60 विस्थापितों को स्वीकृति पत्र जारी किए हैं. जिनसे वे अपने पासपोर्ट पाकिस्तानी एंबेसी में सरेंडर कर सकेंगे. उसके बाद उनको नागरिकता दी जाएगी. उन्होंने बताया कि इससे पहले हुए कैंप में 378 को नागरिकता दी गई थी. नागरिकता के आवेदनों को लेकर लगातार काम चल रहा है. इनकी परेशानियों को हल करने को प्राथमिकता दी जा रही है.

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वीजा दे तो परिजन भारत आएं: भारत सरकार ने लंबे समय से पाकिस्तान से मिलने वाले नए आवेदनों पर वीजा देना बंद कर रखा है. जिसके चलते सैंकड़ों परिवार ऐसे हैं, जिनके परिजन पाकिस्तान में अटके हैं. उनका कहना है कि भारत सरकार वीजा देना शुरू करे, तो हमारे परिवार के लोग भी यहां आ सकेंगे. इसके अभाव में कई परिवार तो ऐसे हैं जिनमें बच्चे भारत आ गए माता-पिता अभी पाकिस्तान में अटके हैं.

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