ETV Bharat / state

दिल्ली चिड़ियाघर में 22 जानवर हैं सिंगल, प्रजनन पर ब्रेक - DELHI NATIONAL ZEOLOGICAL PARK

4 अक्टूबर को विश्व पशु कल्याण दिवस मनाया जाता है. इस मौके पर आइए जानते हैं दिल्ली चिड़ियाघर में पशु संरक्षण की क्या है स्थिति...

author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : 3 hours ago

दिल्ली चिड़ियांघर में 22 जानवरों के जोड़े नहीं
दिल्ली चिड़ियांघर में 22 जानवरों के जोड़े नहीं (ETV BHARAT)

नई दिल्ली: हर साल 4 अक्टूबर को विश्व पशु कल्याण दिवस मनाया जाता है. इस दिन का उद्देश्य बेजुबान पशुओं के संरक्षण और उनके कल्याण के लिए लोगों को जागरूक करना है. अगर दिल्ली के नेशनल जूलॉजिकल पॉर्क की बात करें तो यहां 84 से अधिक प्रजाति के पशु पक्षी संरक्षित किए गए हैं. इसमें 21 प्रजाति के पशु पक्षी अकेले हैं. सेंट्रल जू अथॉरिटी की गाइडलाइंस के मुताबिक, जू में किसी भी जानवर को अकेले नहीं रखा जा सकता है. इसके बाद भी इन जानवरों को अकेले रखा गया है.

दिल्ली के मथुरा रोड स्थित पुराने किले के पास 176 अकड़ में फैला नेशनल जूलॉजिकल पार्क है. यहां पर 84 से अधिक प्रजाति के जानवर और पक्षी हैं. यहां पर करीब 22 प्रजाति के जानवर ऐसे हैं, जो पेयर में नहीं हैं. यानी सिंगल सेक्स के हैं. अफ्रीकन एलीफेंट जैगवार समेत अन्य कई बड़े जानवर भी अकेले हैं. इसके साथ ही कई छोटे जानवर भी अकेले हैं. अकेले होने के कारण जानवर तनाव में भी हैं. इस संबंध में नेशनल जूलॉजिकल पार्क के डायरेक्टर डॉ. संजीत कुमार ने बताया कि अभी कुछ दिन पहले एनिमल एक्सचेंज प्रयोग के तहत गैंडा समेत अन्य जानवरों को पेयर में करने काम किया गया है, जिससे उनका प्रजनन बढ़ सके.

दिल्ली जू में स्लो लोरिस बंदर कर रहा हमसफर का इंतजार
दिल्ली जू में स्लो लोरिस बंदर कर रहा हमसफर का इंतजार (ETV BHARAT)

जानवरों को जंगल के अनुकूल दी जा रही व्यवस्था: दिल्ली जू के डायरेक्टर डॉ. संजीत कुमार ने बताया कि जंगल में जिस तरीका का माहौल जानवरों को मिलता है. वो माहौल ज़ू में भी जानवरों को देने का प्रयास किया जा रहा है. यदि किसी जानवर के बाड़े या फिर उनके रेस्ट एरिया में कोई समस्या होती है तो उसे जल्द से जल्द ठीक किया जाता है, जिससे जानवरों को कोई परेशानी न हो.

बाड़े छोटे होने से तनाव में हैं जानवर: दिल्ली जू के अंदर बड़ी संख्या में मांसाहारी जानवर हैं. जिन्हें बाड़े में रखा जाता है. जानवरों पर ज़ू में अध्ययन होते रहते हैं. हाल में एक अध्ययन में सामने आया था कि बाड़े छोटे होने के कारण जानवर तनाव में हैं. इस पर जू के डायरेक्टर डॉ. संजीत कुमार का कहना है कि कुछ जानवरों के बाड़े छोटे हैं. उनमें सिविल वर्क कराना है. बहुत जल्द सिविल का काम शुरू होगा. इसके बाद समस्या का समाधान हो जाएगा.

जूलॉजिकल पार्क में शुतुरमुर्ग को भी पार्टनर का इंतजार
जूलॉजिकल पार्क में शुतुरमुर्ग को भी पार्टनर का इंतजार (ETV BHARAT)
दिल्ली जू में अफ्रीकन हाथी 22 साल से है अकेला
दिल्ली जू में अफ्रीकन हाथी 22 साल से है अकेला (ETV BHARAT)

22 साल से अकेला है शंकर नाम का अफ्रीकी हाथी: 1998 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा को अफ्रीका से 1 मेल और 1 फीमेल हाथी के बच्चे उपहार में मिले थे. मेल हाथी का नाम शंकर, जबकि फीमेल हाथी का नाम बिम्बई रखा गया था. 2002 में बिम्बई की बीमारी के कारण मौत हो गई थी. तब से शंकर हाथी अकेला है. ज़ू में हीरागज और राजलक्ष्मी नाम के दो एशियाई हाथी हैं, लेकिन इन हाथियों के साथ शंकर को नहीं रखा जा सकता है. भारत मे फीमेल अफ्रीकी हाथी नहीं है. ऐसे में अफ्रीकी देशों में शंकर के उम्र की हाथी की तलाश की जा रही है.

ये भी पढ़ें : विश्व गैंडा दिवसः बेटी का घर बसाने के लिए दूर हो गई मां, जानें गैंडा मां और बेटी की रोचक कहानी

ये भी पढ़ें : Delhi Zoo में गुवाहाटी से लाए गए टाइगर और गैंडा, जानिए किस दिन देख सकेंगे पर्यटक

नई दिल्ली: हर साल 4 अक्टूबर को विश्व पशु कल्याण दिवस मनाया जाता है. इस दिन का उद्देश्य बेजुबान पशुओं के संरक्षण और उनके कल्याण के लिए लोगों को जागरूक करना है. अगर दिल्ली के नेशनल जूलॉजिकल पॉर्क की बात करें तो यहां 84 से अधिक प्रजाति के पशु पक्षी संरक्षित किए गए हैं. इसमें 21 प्रजाति के पशु पक्षी अकेले हैं. सेंट्रल जू अथॉरिटी की गाइडलाइंस के मुताबिक, जू में किसी भी जानवर को अकेले नहीं रखा जा सकता है. इसके बाद भी इन जानवरों को अकेले रखा गया है.

दिल्ली के मथुरा रोड स्थित पुराने किले के पास 176 अकड़ में फैला नेशनल जूलॉजिकल पार्क है. यहां पर 84 से अधिक प्रजाति के जानवर और पक्षी हैं. यहां पर करीब 22 प्रजाति के जानवर ऐसे हैं, जो पेयर में नहीं हैं. यानी सिंगल सेक्स के हैं. अफ्रीकन एलीफेंट जैगवार समेत अन्य कई बड़े जानवर भी अकेले हैं. इसके साथ ही कई छोटे जानवर भी अकेले हैं. अकेले होने के कारण जानवर तनाव में भी हैं. इस संबंध में नेशनल जूलॉजिकल पार्क के डायरेक्टर डॉ. संजीत कुमार ने बताया कि अभी कुछ दिन पहले एनिमल एक्सचेंज प्रयोग के तहत गैंडा समेत अन्य जानवरों को पेयर में करने काम किया गया है, जिससे उनका प्रजनन बढ़ सके.

दिल्ली जू में स्लो लोरिस बंदर कर रहा हमसफर का इंतजार
दिल्ली जू में स्लो लोरिस बंदर कर रहा हमसफर का इंतजार (ETV BHARAT)

जानवरों को जंगल के अनुकूल दी जा रही व्यवस्था: दिल्ली जू के डायरेक्टर डॉ. संजीत कुमार ने बताया कि जंगल में जिस तरीका का माहौल जानवरों को मिलता है. वो माहौल ज़ू में भी जानवरों को देने का प्रयास किया जा रहा है. यदि किसी जानवर के बाड़े या फिर उनके रेस्ट एरिया में कोई समस्या होती है तो उसे जल्द से जल्द ठीक किया जाता है, जिससे जानवरों को कोई परेशानी न हो.

बाड़े छोटे होने से तनाव में हैं जानवर: दिल्ली जू के अंदर बड़ी संख्या में मांसाहारी जानवर हैं. जिन्हें बाड़े में रखा जाता है. जानवरों पर ज़ू में अध्ययन होते रहते हैं. हाल में एक अध्ययन में सामने आया था कि बाड़े छोटे होने के कारण जानवर तनाव में हैं. इस पर जू के डायरेक्टर डॉ. संजीत कुमार का कहना है कि कुछ जानवरों के बाड़े छोटे हैं. उनमें सिविल वर्क कराना है. बहुत जल्द सिविल का काम शुरू होगा. इसके बाद समस्या का समाधान हो जाएगा.

जूलॉजिकल पार्क में शुतुरमुर्ग को भी पार्टनर का इंतजार
जूलॉजिकल पार्क में शुतुरमुर्ग को भी पार्टनर का इंतजार (ETV BHARAT)
दिल्ली जू में अफ्रीकन हाथी 22 साल से है अकेला
दिल्ली जू में अफ्रीकन हाथी 22 साल से है अकेला (ETV BHARAT)

22 साल से अकेला है शंकर नाम का अफ्रीकी हाथी: 1998 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा को अफ्रीका से 1 मेल और 1 फीमेल हाथी के बच्चे उपहार में मिले थे. मेल हाथी का नाम शंकर, जबकि फीमेल हाथी का नाम बिम्बई रखा गया था. 2002 में बिम्बई की बीमारी के कारण मौत हो गई थी. तब से शंकर हाथी अकेला है. ज़ू में हीरागज और राजलक्ष्मी नाम के दो एशियाई हाथी हैं, लेकिन इन हाथियों के साथ शंकर को नहीं रखा जा सकता है. भारत मे फीमेल अफ्रीकी हाथी नहीं है. ऐसे में अफ्रीकी देशों में शंकर के उम्र की हाथी की तलाश की जा रही है.

ये भी पढ़ें : विश्व गैंडा दिवसः बेटी का घर बसाने के लिए दूर हो गई मां, जानें गैंडा मां और बेटी की रोचक कहानी

ये भी पढ़ें : Delhi Zoo में गुवाहाटी से लाए गए टाइगर और गैंडा, जानिए किस दिन देख सकेंगे पर्यटक

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.