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नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को 20 साल का कठोर कारावास और जुर्माना - imprisonment for raping minor

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 16, 2024, 6:37 PM IST

Updated : Aug 16, 2024, 7:38 PM IST

चित्तौड़गढ़ की एक अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में एक आरोपी को बीस साल की कैद और जुर्माने की सजा सुनाई है, जबकि दो अन्य आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया.

IMPRISONMENT FOR RAPING MINOR
नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को सजा (Photo ETV Bharat Chittorgarh)
नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को 20 साल का कठोर कारावास और जुर्माना (Photo ETV Bharat chittorgarh)

चित्तौडगढ़: नाबालिग से ज्यादती के एक मामले में पॉक्सो कोर्ट संख्या एक ने एक आरोपी को 20 साल की कैद और 70 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है. महिला सहित दो आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया.

अपर लोक अभियोजक शोभा लाल जाट के अनुसार 29 अगस्त 2020 को गंगरार पुलिस थाने में एक व्यक्ति ने रिपोर्ट पेश की कि उसकी 16 साल की नाबालिग पुत्री खेत पर गई थी जो शाम तक नहीं लौटी. उसकी अपने स्तर पर तलाश भी की, लेकिन उसका पता नहीं चला. रिपोर्ट में निकुंभ थाना अंतर्गत पुनावली गांव निवासी नारायण लाल पुत्र लल्लू राम कीर, हरि सिंह और इंदिरा पर अपहरण का अंदेशा जताया गया.

पढ़ें: राजस्थान के चर्चित जर्मन महिला दुष्कर्म मामले में दोषी बिट्टी मोहंती की मौत, एम्स भुवनेश्वर में चल रहा था इलाज

पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के साथ पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत न्यायालय में चालान पेश किया. जाट के अनुसार अभियोजन पक्ष की ओर से आरोपियों के खिलाफ 15 गवाह कराए गए और 27 डॉक्यूमेंट प्रदर्शित किए गए. एफएसएल रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि हो गई. पीठासीन अधिकारी ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद शुक्रवार को तीन आरोपियों में से एक नारायण कीर को दोषी माना, जबकि इंदिरा और हरी सिंह को संदेह का लाभ देते हुए निर्दोष करार दिया.

नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को 20 साल का कठोर कारावास और जुर्माना (Photo ETV Bharat chittorgarh)

चित्तौडगढ़: नाबालिग से ज्यादती के एक मामले में पॉक्सो कोर्ट संख्या एक ने एक आरोपी को 20 साल की कैद और 70 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है. महिला सहित दो आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया.

अपर लोक अभियोजक शोभा लाल जाट के अनुसार 29 अगस्त 2020 को गंगरार पुलिस थाने में एक व्यक्ति ने रिपोर्ट पेश की कि उसकी 16 साल की नाबालिग पुत्री खेत पर गई थी जो शाम तक नहीं लौटी. उसकी अपने स्तर पर तलाश भी की, लेकिन उसका पता नहीं चला. रिपोर्ट में निकुंभ थाना अंतर्गत पुनावली गांव निवासी नारायण लाल पुत्र लल्लू राम कीर, हरि सिंह और इंदिरा पर अपहरण का अंदेशा जताया गया.

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पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के साथ पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत न्यायालय में चालान पेश किया. जाट के अनुसार अभियोजन पक्ष की ओर से आरोपियों के खिलाफ 15 गवाह कराए गए और 27 डॉक्यूमेंट प्रदर्शित किए गए. एफएसएल रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि हो गई. पीठासीन अधिकारी ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद शुक्रवार को तीन आरोपियों में से एक नारायण कीर को दोषी माना, जबकि इंदिरा और हरी सिंह को संदेह का लाभ देते हुए निर्दोष करार दिया.

Last Updated : Aug 16, 2024, 7:38 PM IST
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