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मध्य प्रदेश में टूट का दंश झेल रही है कांग्रेस, 20 मार्च क्यों बन गया पार्टी के लिए काला दिन

20 March MP Congress Black Day: मध्य प्रदेश में टूट से घायल कांग्रेस पार्टी के लिए 20 मार्च काला दिवस के समान है. इसी दिन कमलनाथ को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था और 15 महीने की उनकी सरकार गिर गई. इसके बाद से कांग्रेस 20 मार्च को लोकतंत्र सम्मान दिवस मनाती आ रही है. इस घटना के बाद से कांग्रेस को अलविदा कहने के लिए पार्टी में जैसे होड़ मच गई.

20 March MP Congress Black Day
20 मार्च कांग्रेस पार्टी के लिए काला दिन
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 20, 2024, 7:10 PM IST

Updated : Mar 20, 2024, 7:20 PM IST

भोपाल। 20 मार्च की तारीख एमपी में कांग्रेस के लिए काला दिन है. एमपी की राजनीति का वो दिन है की जिसके बाद दल बदल की गंगा प्रदेश में बह निकली. इसी तारीख के बाद एमपी में थोक भाव से दल बदल का दौर शुरू हुआ. एमपी में बाकी बचे कांग्रेसियों के लिए ये वो तारीख है जब उनकी सत्ता की गाड़ी दौड़ते हुए पंचर हुई थी. राजनीति में सिंधिया के प्रतिशोध का दिन, जो कमलनाथ सरकार को सड़क पर लाने के बाद पूरा हुआ.

20 से एमपी में शुरु हुआ दलबदल का 20-20

20 मार्च को कांग्रेस काले दिन की तरह मनाती है. वजह यही कि इसी दिन कमलनाथ सरकार से समर्थन खींच लेने के बाद सिंधिया और उनके 22 विधायकों ने सरकार गिरा दी थी. 20 मार्च ही वो तारीख है कि जिसके बाद से एमपी की राजनीति का स्थाई फीचर बन गया दल बदल. 20 मार्च तक 22 विधायकों के एकमुश्त इस्तीफे के बाद ये सिलसिला 28 सीटों पर उपचुनाव तक पहुंचा. इसके बाद रुक रुक कर कांग्रेस से बीजेपी की ओर दौड़ लगी रही.

वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश भटनागर कहते हैं, "इसे लिटमस टेस्ट की तरह देखें तो इस दलबदल के बाद श्योरिटी हो गई कि जो कांग्रेस से गए थे उनका ठीक ठाक पुर्नवास बीजेपी में हो गया. जो नहीं चल पाए वो चुनाव हारे भी तो शुरुआती तो उन्हें भी सम्मान मिल ही गया था. यही वजह है कि उसके बाद भविष्य की चाह में नेता कांग्रेस से बीजेपी की तरफ खिसकने लगे. 20 मार्च 2020 के बाद एमपी में दलबदल का 20-20 ऐसा शुरू हुआ कि ये सिलसिला फिर रुका ही नहीं."

बीजेपी को बनानी पड़ी न्यू ज्वाइनिंग टोली

2020 में दलबदल की जो जमीन तैयार हुई उसी का नतीजा है कि बीजेपी में न्यू ज्वाइनिंग टोली बना ली गई. नरोत्तम मिश्रा उसके सर्वे सर्वा हैं. इस टोली का काम ही है कांग्रेस में सफोकेशन महसूस कर रहे नेतों को हाथ के हाथ बीजेपी का गमछा पहनाना. गले में भगवा गमछा पड़ते ही कांग्रेसी भाजपाई हो जाते हैं. लोकसभा चुनाव के पहले के दो महीने में इसी विधि से पांच हजार से ज्यादा कांग्रेसी बीजेपी के स्थाई सदस्य बन चुके हैं.

बीजेपी मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल कहते हैं, "कांग्रेस में बड़े से बड़ा नेता हो या कार्यकर्ता अब कोई वहां टिकना नहीं चाहता. बात केवल इतनी नहीं कि उस पार्टी में भविष्य नहीं है, ज्यादा लोग आहत इस बात से हैं कि इस पार्टी ने भगवान राम का न्योता ठुकराया है. उनके अस्तित्व पर सवाल उठाया है. यही वजह है कि आप देखिए हर हफ्ते नई ज्वाइनिंग हमारे यहां हो रही है".

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कमलनाथ के करीबी सैयद जफर ने भी थामा BJP का दामन, कुल 64 नेताओं ने कांग्रेस छोड़ी

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कांग्रेस छोड़ बीजेपी ज्वाइन करने पर पंकज संघवी और अंतर सिंह दरबार का बयान, दबाव नहीं दिल से BJP में आया

कांग्रेस मना रही है आज काला दिन

कांग्रेस आज के दिन को काले दिन के तौर पर मना रही है. कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष के के मिश्रा कहते हैं "आज मध्य प्रदेश में लोकतंत्र के इतिहास को कलंकित करने वाला काला दिन है. इस दिन लोकतंत्र के चिन्हित हो चुके लुटेरों ने कमलनाथ सरकार को गद्दारों और बिकाऊं लालो को कालेधन से खरीदकर अपदस्थ किया था". उनका कहना है कि ये ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स का डर दिखा कर इकट्ठे किए गए कालेधन से सरकार गिराने का बड़ा प्रयोग था. मिश्रा कहते हैं "अब लोकतंत्र का चीरहरण करने वाली आसुरी शक्तियां एक बार फिर मैदान में हैं."

भोपाल। 20 मार्च की तारीख एमपी में कांग्रेस के लिए काला दिन है. एमपी की राजनीति का वो दिन है की जिसके बाद दल बदल की गंगा प्रदेश में बह निकली. इसी तारीख के बाद एमपी में थोक भाव से दल बदल का दौर शुरू हुआ. एमपी में बाकी बचे कांग्रेसियों के लिए ये वो तारीख है जब उनकी सत्ता की गाड़ी दौड़ते हुए पंचर हुई थी. राजनीति में सिंधिया के प्रतिशोध का दिन, जो कमलनाथ सरकार को सड़क पर लाने के बाद पूरा हुआ.

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20 मार्च को कांग्रेस काले दिन की तरह मनाती है. वजह यही कि इसी दिन कमलनाथ सरकार से समर्थन खींच लेने के बाद सिंधिया और उनके 22 विधायकों ने सरकार गिरा दी थी. 20 मार्च ही वो तारीख है कि जिसके बाद से एमपी की राजनीति का स्थाई फीचर बन गया दल बदल. 20 मार्च तक 22 विधायकों के एकमुश्त इस्तीफे के बाद ये सिलसिला 28 सीटों पर उपचुनाव तक पहुंचा. इसके बाद रुक रुक कर कांग्रेस से बीजेपी की ओर दौड़ लगी रही.

वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश भटनागर कहते हैं, "इसे लिटमस टेस्ट की तरह देखें तो इस दलबदल के बाद श्योरिटी हो गई कि जो कांग्रेस से गए थे उनका ठीक ठाक पुर्नवास बीजेपी में हो गया. जो नहीं चल पाए वो चुनाव हारे भी तो शुरुआती तो उन्हें भी सम्मान मिल ही गया था. यही वजह है कि उसके बाद भविष्य की चाह में नेता कांग्रेस से बीजेपी की तरफ खिसकने लगे. 20 मार्च 2020 के बाद एमपी में दलबदल का 20-20 ऐसा शुरू हुआ कि ये सिलसिला फिर रुका ही नहीं."

बीजेपी को बनानी पड़ी न्यू ज्वाइनिंग टोली

2020 में दलबदल की जो जमीन तैयार हुई उसी का नतीजा है कि बीजेपी में न्यू ज्वाइनिंग टोली बना ली गई. नरोत्तम मिश्रा उसके सर्वे सर्वा हैं. इस टोली का काम ही है कांग्रेस में सफोकेशन महसूस कर रहे नेतों को हाथ के हाथ बीजेपी का गमछा पहनाना. गले में भगवा गमछा पड़ते ही कांग्रेसी भाजपाई हो जाते हैं. लोकसभा चुनाव के पहले के दो महीने में इसी विधि से पांच हजार से ज्यादा कांग्रेसी बीजेपी के स्थाई सदस्य बन चुके हैं.

बीजेपी मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल कहते हैं, "कांग्रेस में बड़े से बड़ा नेता हो या कार्यकर्ता अब कोई वहां टिकना नहीं चाहता. बात केवल इतनी नहीं कि उस पार्टी में भविष्य नहीं है, ज्यादा लोग आहत इस बात से हैं कि इस पार्टी ने भगवान राम का न्योता ठुकराया है. उनके अस्तित्व पर सवाल उठाया है. यही वजह है कि आप देखिए हर हफ्ते नई ज्वाइनिंग हमारे यहां हो रही है".

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Last Updated : Mar 20, 2024, 7:20 PM IST
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