जबलपुर: जबलपुर जिला प्रशासन ने एक बार फिर शहर के पांच बड़े स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की है. इन स्कूलों पर आरोप है कि उन्होंने छात्र-छात्राओं से फीस के माध्यम से 31 करोड़ रुपये ज्यादा वसूले हैं. जिला प्रशासन ने इन स्कूलों पर दो-दो लाख रुपये की पेनाल्टी लगाई है. साथ ही छात्रों से वसूली गई ज्यादा फीस को वापस करने का आदेश दिया है.
पांच प्राइवेट स्कूलों पर लगाई गई दो-दो लाख रुपये की पेनाल्टी
जबलपुर में मध्य प्रदेश निजी विद्यालय अधिनियम के तहत एक बार फिर पांच स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. इन स्कूलों पर आरोप है कि इन्होंने मध्य प्रदेश निजी विद्यालय अधिनियम की शर्तों को न मानते हुए स्कूल में बच्चों की ज्यादा फीस वसूली है. जबलपुर जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी ने बताया कि इन पांच स्कूलों के ऊपर दो-दो लाख रुपये की पेनल्टी लगाई गई है.
इन स्कूलों को आदेश दिया गया है कि वह छात्रों से जो पैसा उन्होंने ज्यादा वसूल है उसे वापस करें. जिन पांच स्कूलों पर कार्रवाई हुई है. उनमें सेंट ऑगस्टीन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सगड़ा, सेंट्रल एकेडमी विजय नगर, एमजीएम हाथी ताल, आदित्य स्कूल और अशोक हॉल स्कूल जबलपुर शामिल हैं.
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जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी ने कहा, "इन स्कूलों ने छात्रों से लगभग 31 करोड़ रुपये की ज्यादा राशि वसूली है. शिक्षा विभाग ने इन स्कूलों के दस्तावेजों की जांच की है और आदेश दिया है कि यह राशि बच्चों को उसी तरह वापस की जाए जिस तरह उनसे ली गई है. स्कूलों को विद्यार्थियों के अकाउंट में पैसे वापस करना है."
जिला प्रशासन ने स्कूलों को अब तक 100 करोड़ वापस करने के दिए हैं आदेश
जबलपुर जिला प्रशासन ने स्कूलों को अब तक लगभग 100 करोड़ से ज्यादा की फीस वापस करने के आदेश दिए हैं. लेकिन स्कूलों ने छात्रों की फीस वापस नहीं की है. स्कूलों ने इस मामले में हाईकोर्ट में अपील की है. दूसरी तरफ जिला प्रशासन लगातार नए-नए स्कूलों की जांच कर रहा है.
दरअसल स्कूलों को अपने साल भर के आय-व्यय की जानकारी सरकार को देनी पड़ती है. इसके अनुसार बिना किसी उचित वजह के स्कूल फीस नहीं बढ़ा सकते. और यदि फीस बढ़ाई गई है तो इसके लिए जिला समिति और राज्य समिति से अनुमति लेनी होती है. बढ़ी हुई फीस का इस्तेमाल किस काम में किया गया, यह भी बताना होता है. शिक्षण संस्थान से कमाया हुआ पैसा स्कूल संचालक निजी उपयोग में नहीं ले सकता.