चंडीगढ़: पंजाब में चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए बुधवार 20 नवंबर को मतदान होना है. राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) सिबिन सी ने मंगलवार को कहा है कि स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराने के लिए 4 सीटों के उपचुनाव की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. उन्होंने कहा कि सुरक्षित और शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए पंजाब पुलिस के 6481 जवान और अधिकारी और केंद्रीय सशस्त्र बलों की 17 कंपनियां तैनात की गई हैं. चारों विधानसभा क्षेत्रों- चब्बेवाल, डेरा बाबा नानक, गिद्दड़बाहा, बरनाला में 3,868 मतदान कर्मचारी ड्यूटी पर रहेंगे.
सीईओ सिबिन ने कहा कि उपचुनाव वाले चार विधानसभा क्षेत्रों में से डेरा बाबा नानक में 1 लाख 93 हजार 376 मतदाता हैं और यहां 241 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. इनमें से 61 संवेदनशील मतदान केंद्र हैं. उन्होंने आगे बताया कि चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद से डेरा बाबा नानक क्षेत्र में आचार संहिता के उल्लंघन संबंधी कुल 19 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें से 17 शिकायतों का निपटारा कर दिया गया है. चुनाव आयोग के निर्देशानुसार अब तक डेरा बाबा नानक से कुल 25 करोड़ 40 लाख रुपये जब्त किए जा चुके हैं.
डेरा बाबा नानक सीट
डेरा बाबा नानक सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार जतिंदर कौर और आम आदमी पार्टी के गुरदीप सिंह रंधावा के बीच मुख्य मुकाबला बताया जा रहा है भाजपा ने अकाली दल छोड़कर आए रविकरण सिंह काहलों को मैदान में उतारा है. वहीं, अकाली दल इस बार उपचुनाव नहीं लड़ रहा है.
बताया जा रहा है कि अकाली दल के वोट बैंक की यहां जीत-हार में भूमिका अहम होगी. यहां पिछले तीन विधानसभा चुनावों में मुकाबला कांग्रेस और अकाली दल के बीच रहा है, जिसमें जीत-हार का अंतर भी 400 से 3 हजार रहा है. अकाली दल को हर बार 50 हजार से ज्यादा वोट मिल रहे हैं.
चब्बेवाल सीट
चब्बेवाल (एससी) में कुल 1 लाख 59 हजार 432 मतदाता हैं. कुल मतदान केंद्रों की संख्या 205 है, जिनमें से 50 संवेदनशील मतदान केंद्र हैं. आमआदमी पार्टी के सांसद डॉ. इशांक कुमार के बेटे राज कुमार पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस ने जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रणजीत कुमार और भाजपा ने पूर्व मंत्री सोहन सिंह ठंडल को मैदान में उतारा है. रणजीत कुमार बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से कांग्रेस में शामिल हुए हैं और ठंडल अकाली दल से भाजपा में शामिल हुए हैं.
भाजपा उम्मीदवार सोहन सिंह ठंडल 4 बार विधायक रह चुके हैं और वे कैबिनेट का भी हिस्सा रह चुके हैं. शिरोमणि अकाली दल सरकार के दौरान ठंडल कैबिनेट मंत्री रहे. अकाली दल ने लोकसभा चुनाव में उन्हें मैदान में उतारा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. कुछ दिन पहले ही सोहन सिंह ठंडल अकाली दल छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे, जिसके बाद भाजपा ने उन्हें चब्बेवाल से अपना उम्मीदवार बनाया है.
2017 में चब्बेवाल सीट से डॉ. राजकुमार ने जीत दर्ज की थी. उनके परिवार की लोगों के बीच अच्छी छवि है.
कांग्रेस उम्मीदवार रणजीत कुमार पेशे से वकील हैं और होशियारपुर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं. रणजीत मूल रूप से होशियारपुर शहर के रहने वाले हैं. उन्हें चब्बेवाल से टिकट दिया गया है. इससे कहीं न कहीं आम आदमी पार्टी को फायदा हो सकता है. लोगों के अनुसार, चब्बेवाल में भाजपा की स्थिति अच्छी नहीं है. भाजपा को उनके कट्टर वोट ही मिल सकते हैं.
गिद्दड़बाहा सीट
गिद्दड़बाहा में कुल 1 लाख 66 हजार 731 मतदाता हैं. इस सीट पर 2012 से कांग्रेस का कब्जा है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग यहां से लगातार तीन बार विधायक चुने गए. 2022 में आप की लहर होने के बावजूद वारिंग ने जीत दर्ज की. हालांकि, उनकी जीत का अंतर केवल 1,349 वोट रहा.
इस बार यहां से उनकी पत्नी अमृता वारिंग कांग्रेस की उम्मीदवार हैं. वहीं, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लों इस बार 'आप' के उम्मीदवार हैं, जो 2022 के विधानसभा चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे थे.
गिद्दड़बाहा में अकाली दल का मजबूत आधार है. पार्टी 2017 और 2022 के विधानसभा चुनाव में 34 प्रतिशत वोट हासिल करने में कामयाब रही थी. इस बार शिअद चुनाव नहीं लड़ रही है. ऐसे में वोट किसके पक्ष में जाता है, यही मुख्य कारण माना जा रहा है. आप के डिंपी ढिल्लों भी पुराने अकाली नेता हैं, जो इस वोट बैंक पर अपनी दावेदारी जता रहे हैं.
भाजपा की तरफ से मनप्रीत बादल मैदान में हैं. उनका कहना है कि जब तक वे यहां से विधायक रहे, गिद्दड़बाहा का खूब विकास हुआ. उन्होंने कई बड़ी परियोजनाएं लाईं. वह दो बार वित्त मंत्री रह चुके हैं.
बरनाला सीट
बरनाला में कुल 1 लाख 77 हजार 426 मतदाता हैं. यहां हरिंदर सिंह धालीवाल आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार हैं, जो सांसद मीत हेयर के काफी करीबी हैं. हरिंदर धालीवाल 35 साल के हैं और बरनाला जिले के छीनीवाल गांव के रहने वाले हैं. हरिंदर किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं. सांसद मीत हेयर और हरिंदर धालीवाल ने एक साथ पढ़ाई की है. इसके बाद राजनीति में भी दोनों लंबे समय से सक्रिय हैं.
कांग्रेस ने बरनाला में कुलदीप सिंह ढिल्लों को मैदान में उतारा है. हाल ही में कांग्रेस नेता और पंजाब के पूर्व सीएम चरणजीत चन्नी ने बरनाला में कुलदीप सिंह ढिल्लों के लिए पूरी ताकत से प्रचार किया और दावा किया कि सांसद मीत हेयर लोगों के फोन तक नहीं उठाते और बरनाला में लोगों से मिलते भी नहीं हैं. जबकि कांग्रेस प्रत्याशी कुलदीप सिंह 24 घंटे बरनाला में मौजूद रहते हैं और हर फोन कॉल पर ध्यान देते हैं.
बरनाला उपचुनाव के लिए भाजपा ने केवल सिंह ढिल्लों को मैदान में उतारा है. केवल सिंह ढिल्लों भी राजनीति में काफी पुराने हैं और कुछ समय पहले ही भाजपा में शामिल हुए हैं. केवल सिंह ढिल्लों पहले कांग्रेस पार्टी में थे. 2017 के विधानसभा चुनाव में केवल सिंह ढिल्लों कांग्रेस के टिकट पर खड़े हुए थे, लेकिन उन्हें आम आदमी पार्टी के गुरमीत हेयर से हार का सामना करना पड़ा था.
सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के लिए यह उपचुनाव जमीनी परीक्षा है और 2027 चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है. सभी पार्टियां भी इसे इसी तरह से लड़ रही हैं.
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