रतलाम: हर मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई में चक्कर लगाकर परेशान हो चुके आवेदकों के सब्र का बांध आज एक बार फिर टूट गया. अपनी समस्या लेकर जनसुनवाई में पहुंची 3 महिलाओं ने जमकर हंगामा किया. न्याय नहीं मिलने से दुखी महिलाओं ने रो- रो कर अपना हाल मीडिया के सामने सुनाया. यहां लंबे समय से हर मंगलवार को जनसुनवाई के लिए चक्कर काट रहीं 3 महिला आवेदकों ने अपना गुस्सा अधिकारियों के सामने निकाला. यह सब ड्रामा जनसुनवाई के दौरान तब हुआ जब कलेक्टर सभागृह में उज्जैन कमिश्नर संजय गुप्ता जिले के अधिकारियों की समीक्षा बैठक ले रहे थे. इसके बाद जनसुनवाई कक्ष में मौजूद कर्मचारियों ने महिलाओं को बाहर ले जाकर समझाइश दी और शिकायतों का जल्दी निराकरण करने का आश्वासन दिया है.
'आश्वासन के अलावा कुछ नहीं'
जनसुनवाई के दौरान अचानक कलेक्टर सभा कक्ष के बाहर एक के बाद एक 3 महिला आवेदकों ने जमकर हंगामा खड़ा कर दिया. तीनों ही महिला आवेदको ने महीनों से जनसुनवाई में लंबित अपने आवेदन को लेकर गुस्सा जाहिर किया है.
- पहले मामले में रतलाम के गोस्वामी नगर की एक महिला ने कलेक्ट्रेट परिसर में ही काम करने वाले एक कर्मचारी की गंभीर मामले में शिकायत की थी. जिस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. वहीं, महिला का कहना था कि वह कर्मचारी उसे धमका रहा है.
- दूसरे मामले में भी आवेदक प्रियांशी ने बताया कि उसने आरोपी पिता पुत्र के विरुद्ध फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाने की शिकायत की थी. जिसका 6 महीने गुजर जाने के बाद में भी कोई निराकरण नहीं हो सका. उनका कहना है कि सिर्फ और सिर्फ आश्वासन मिलता है.
- तीसरे मामले में भी सीखेड़ी गांव की महिला आवेदिका कमला बाई ने पति की मृत्यु के बाद बटवारा और नामांतरण आवेदन लगाया था लेकिन 6 महीने बाद भी उसका निराकरण नहीं हो सका. वहीं,आज जब महिला के सब्र का बांध टूटा तो उसने जनसुनवाई कर रहे अधिकारियों को जमकर खरी खरी सुना दी. हंगामा करने वाले आवेदकों की माने तो यहां समाधान कम और आश्वासन अधिक मिलते हैं.
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'चल रही है विभागीय कार्रवाई'
कलेक्ट्रेट परिसर में हुए हंगामे की खबर संभागायुक्त को न लग जाए इसलिए अधिकारी तत्काल तीनों महिला आवेदकों की समस्या के समाधान में जुट गए. इस मामले में तहसीलदार ऋषभ ठाकुर ने बताया कि "दो मामलों में प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है वहीं, एक शिकायत पर वैधानिक कार्रवाई के साथ विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है."