रांची: इस बार के लोकसभा चुनाव के दरम्यान महिला प्रत्याशियों की संख्या को देखते हुए उम्मीद की जा रही थी कि झारखंड से अचछी खासी संख्या में महिलाएं संसद भवन पहुंचने में सफल होंगी, मगर ऐसा नहीं हो सका. अब तक हुए लोकसभा चुनाव में इस बार सबसे अधिक 31 महिलाएं चुनाव मैदान में थी, जो कई स्थानों पर पुरुष प्रत्याशी को कड़ी टक्कर दे रही थी.
मगर चुनाव परिणाम आने के बाद उन्हें निराशा हाथ लगी. झारखंड से मात्र 2 महिला प्रत्याशी झामुमो से जोबा मांझी और भाजपा से अन्नपूर्णा देवी ने आखिरकार जीत का स्वाद चखने में सफल हुई. चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक झारखंड की सभी 14 सीटों पर कुल 244 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे थे. वहीं, 12 लोकसभा सीटों पर कुल 31 महिला उम्मीदवार मैदान में थी. इस तरह से महिलाओं की जीत का प्रतिशत महज 14.02 रहा.
संसदीय सीट | महिला प्रत्याशी |
सिंहभूम | 05 |
रांची | 04 |
दुमका | 04 |
राजमहल | 03 |
धनबाद | 03 |
खूंटी | 03 |
गिरिडीह | 03 |
जमशेदपुर | 02 |
गोड्डा | 01 |
कोडरमा | 01 |
पलामू | 01 |
हजारीबाग | 01 |
24 महिला प्रत्याशी नहीं बचा पाई जमानत
इस बार के लोकसभा चुनाव में पांच संसदीय क्षेत्र में महिला प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहीं, जो प्रत्याशियों को कड़ी टक्कर दे रही थी. इसमें से दुमका से सीता सोरेन, रांची से यशस्विनी सहाय, धनबाद से अनुपमा सिंह, सिंहभूम से गीता कोड़ा और पलामू से ममता भूईया शामिल थी. वहीं, चुनाव मैदान में उतरी 24 महिला प्रत्याशी जमानत भी नहीं बचा पाई. चतरा और लोहरदगा को छोड़कर राज्य के 12 सीटों पर किस्मत आजमाने उतरी महिलाओं में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा था.
बात यदि पिछले चुनावों की करें तो 2019 के लोकसभा चुनाव में झारखंड की सभी 14 सीटों पर 25 महिला खड़ी हुई, जिसमें 02 ही सीटों पर जीतने में सफल रहीं. वहीं, 23 महिला प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी. इस चुनाव में जिन दो महिलाओं ने जीत का स्वाद चखा उसमें अन्नपूर्णा देवी और गीता कोड़ा शामिल थी. इसी तरह 2004 में सिर्फ 01 महिला प्रत्याशी सफल रहीं. उसके बाद साल 2009 और 2014 के चुनाव में कोई महिला प्रत्याशी सफल नहीं हो पाई.
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