धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश सरकार के उत्तरी क्षेत्र धर्मशाला की विजिलेंस टीम ने कांगड़ा के रक्कड़ में दो ऐसे अधिकारियों को रिश्वत की मोटी रकम के साथ गिरफ्तार किया है जिन्हें फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ने संस्थानों में क्वालिटी एजुकेशन का निरीक्षण करने के लिए चुनकर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में भेजा था मगर यहां आकर इनकी नीयत कुछ इस कदर डोली कि संस्थानों में कमियां निकालने की बजाय उन पर पर्दा डालने का काम करते हुए अब ये लोग सीधे जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गये हैं.
एसपी विजिलेंस बलवीर सिंह ने बताया "पंजाब की दो अलग-अलग यूनिवर्सिटी के दो प्रोफेसर्स को फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ने पालमपुर के कुछ फार्मेसी कॉलेजों में शिक्षा की गुणवत्ता की परख करने का जिम्मा सौंपा था जो उन्होंने उचित तरीके से नहीं निभाया और रिश्वत लेकर संस्थानों को गुणवत्ता प्रदान करने लग गये जिसकी भनक विजिलेंस टीम को लग गई.
विजिलेंस टीम इन दोनों प्रोफेसरों को ट्रैक करने लग गई. विजिलेंस की टीम ने जाल बिछाया. इससे अनजान ये दोनों प्रोफेसर जब बीते कल पालमपुर के रक्कड़ में पहुंचे तो इनके वाहन को विजिलेंस की टीम ने जांच के लिए रोका. जब जांच की गई तो इनमें से एक प्रोफेसर के पास से 1.70 लाख रुपये और दूसरे के पास से 1.80 लाख रुपये बरामद हुए."
विजिलेंस टीम ने जब बरामद हुई रकम का ब्यौरा मांगा तो इसकी उचित जानकारी न दे पाने के चलते विजिलेंस की टीम ने भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज करते हुए दोनों प्रोफेसरों को तुरंत गिरफ्तार कर लिया और पूछताछ के लिये कोर्ट में पेश कर रिमांड पर ले लिया. एसपी विजिलेंस बलवीर सिंह ने बताया दोनों आरोपियों से पूछताछ कर आगामी कार्रवाई की जाएगी.
ये भी पढ़ें: एक ही स्कूल में रिलिविंग और ज्वाइनिंग को लेकर हिमाचल में उलझे थे दो टीचर, जानिए क्या कहता है नियम