शिमला: हिमाचल प्रदेश की चालीस हजार किलोमीटर से अधिक लंबाई वाली सड़कों पर साढ़े बाइस लाख से अधिक गाड़ियों का बोझ है. सत्तर लाख की आबादी वाले प्रदेश में लोगों के पास 19 लाख से अधिक निजी वाहन हैं. ये जानकारी हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र में बुधवार को पूछे गए एक सवाल के जवाब में सामने आई है.
भरमौर से भाजपा विधायक डॉ. जनक राज की तरफ से हिमाचल में वाहनों की संख्या से जुड़ा सवाल किया गया था. साथ ही दो साल में रजिस्टर्ड हुए वाहनों की संख्या भी जाननी चाही थी. सरकार की तरफ से आए लिखित जवाब में बताया गया कि हिमाचल प्रदेश में इस साल 9 फरवरी तक के आंकड़े देखे जाएं तो पंजीकृत हुए निजी वाहनों की संख्या 19 लाख, 34 हजार 264 है. वहीं, कमर्शियल वाहनों की संख्या 3,19,138 है. दो साल की अवधि में राज्य में 15 जनवरी 2024 तक पंजीकृत किए गए वाहनों की संख्या 2,48,522 है. इनमें 2 लाख 16 हजार 874 निजी वाहन हैं और कमर्शियल वाहनों की संख्या 31 हजार 648 है.
आंकड़ों पर निगाह डाली जाए तो दो वर्ष में सबसे अधिक वाहन प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा में खरीदे गए. जिला कांगड़ा में विगत दो साल में 56 हजार 663 निजी और 4 हजार 932 व्यावसायिक वाहन खरीदे गए. इस तरह जिला कांगड़ा में दो साल में निजी व कमर्शियल तौर पर खरीदे गए, वाहनों की संख्या 61 हजार 595 बनती है.
वहीं, अन्य जिलों में विगत दो वर्ष में टोटल गाड़ियों यानी निजी और कमर्शियल की संख्या की बात की जाए तो जिला शिमला में 22, 632 गाड़ियां, जिला किन्नौर में 1,914, जिला सोलन में 32,870, मैदानी जिला ऊना में 23,755, जिला हमीरपुर में 17,942, जिला मंडी में 29,823, जिला कुल्लू में 14, 841, जिला बिलासपुर में 13 हजार 895, जिला लाहौल स्पीति में 1290, जिला चंबा में 10, 958 और जिला सिरमौर में 17,007 गाड़ियां खरीदी गईं. आबादी के लिहाज से सबसे छोटे जिला लाहौल-स्पीति में सबसे कम 1290 गाड़ियां खरीदी गई.
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