नैनीताल: आज कुमाऊं विवि का 18 वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया. दीक्षांत समारोह में बेटियों का जलवा रहा. स्नातक और स्नातकोत्तर कक्षाओं में 113 मेंडल्स में से 90 मेडल बेटियों के नाम रहे.अधिकांश स्वर्ण पदक विजेता अब शिक्षक बनकर देश और प्रदेश की सेवा करना चाहती हैं. कुछ ने सेना में भर्ती होकर बेटों के साथ कन्धे से कन्धा मिलाकर देश सेवा की बात कही.
एमफार्मा में स्वर्ण पदक पाने वाली छात्रा संजना बिष्ट और मेडिकल क्षेत्र में पीएचडी करने के बाद शिक्षिका बनना चाहती है. एलएलएम में स्वर्ण पदक जीतने के बाद छात्रा मेघा रावत न्यायिक अधिकारी बनना चाहती हैं. वहीं, शारीरिक रूप से अक्षम मोइना भी डॉक्टर बनी है. इसके अलावा स्नातकोत्तर एमए में स्वर्ण पदक पाने वाली पुनम सुयाल अपनी सफलता को श्रेय माता पिता और
शिक्षकों को दिया है.एलएलबी में स्वर्ण पदक अपने नाम करने वाली वर्णिका वर्मा ने बताया उनके पिता स्वर्गीय सुरेश वर्मा उनको न्यायिक अधिकारी बनता देखना चाहते हैं. जिस वजह से उन्होंने अपनी बेटी को एलएलबी की पढ़ाई करवाई, मगर उनकी पढ़ाई पूरी होने से पहले उनकी मौत हो गई.
पढे़ं- श्रीराम भक्ति में रंगा मुख्यमंत्री आवास, माननीयों ने किया सुंदरकांड पाठ, लगे जयकारे
एक ओर अमेरिका समेत अन्य बड़े देशों में नेटवर्क मार्केटिंग के कारोबार को जीडीपी का आधार माना जाता है, तो वहीं अब भारत में भी नेटवर्क मार्केटिंग ने गति पकड़ना शुरू कर दिया है. प्रदेश के कुमाऊं रीजन में पिछले कुछ सालों में तेजी से नेटवर्क मार्केटिंग का कारोबार बढ़ा है. कुमाऊं में नेटवर्क मार्केटिंग से पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं ज्यादा जुड़ रही है. मंडल में इससे जुड़ी महिलाओं का आंकड़ा करीब 70 प्रतिशत है, जबकि मात्र 30 फीसदी पुरुष नेटवर्क मार्केटिंग से जुड़े हैं.
कुमाऊं विवि के वाणिज्य विभाग में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर कार्यरत पूजा जोशी ने एंटरप्रेन्योरशिप एंड वूमेन एंपावरमेंट थ्रू नेटवर्क मार्केटिंग विषय पर शोध किया है. रिसर्च में यह परिणाम सामने आए हैं, कि नेटवर्क मार्केटिंग में 25 से 30 तथा 50 वर्ष की आयु से अधिक उम्र की महिलाएं ज्यादा जुड़ी हैं. इससे जहां महिलाओं को घरेलू सामान उपलब्ध हो रहा है, तो वहीं उनकी आमदनी भी बढ़ रही है.