ETV Bharat / state

ऑपरेशन मासूम के तहत 17 बाल श्रमिकों को करवाया मुक्त, दुकानदारों को किया पाबंद

झालावाड़ में 18 वर्ष से कम उम्र के 17 बाल श्रमिकों को मानव तस्करी विरोधी यूनिट और चाइल्ड हेल्पलाइन ने ऑपरेशन मासूम के तहत मुक्त करवाया.

17 Child labour freed
17 बाल श्रमिकों को करवाया मुक्त
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 20, 2024, 10:38 PM IST

झालावाड़. जिले की मानव तस्करी विरोधी यूनिट तथा चाइल्ड हेल्पलाइन द्वारा संयुक्त रूप से चलाए गए ऑपरेशन मासूम के तहत झालावाड़ तथा झालरापाटन में अलग-अलग वर्कशॉप पर काम कर रहे 18 वर्ष से कम उम्र के 17 बाल श्रमिकों को बालश्रम से मुक्त करवाया गया है. इस दौरान मानव तस्करी यूनिट ने उनके परिजनों तथा बच्चों को बालश्रम के दुष्परिणामों की जानकारी भी दी.

पुलिस अधीक्षक ऋचा तोमर ने बताया कि गत दिनों शहर की कुछ दुकानों पर बाल श्रमिकों को काम में नियोजित करने की सूचना मिल रही थी. जिसके बाद पुलिस की मानव तस्करी विरोधी यूनिट तथा चाइल्ड हेल्पलाइन ने संयुक्त रूप से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. इस ऑपरेशन के दौरान तस्करी विरोधी यूनिट तथा चाइल्ड हेल्पलाइन के द्वारा झालावाड़ तथा झालरापाटन कस्बे में विभिन्न दुकानों पर काम कर रहे 17 बाल मजदूरों को मजदूरी करते हुए पाया गया. इसके बाद सभी बाल श्रमिकों दुकानों से मुक्त कराकर बच्चों तथा उनके परिजनों से समझाइश की गई.

पढ़ें: चाइल्ड हेल्प लाइन टीम की कार्रवाई, बोगस ग्राहक बन किया स्टिंग ऑपरेशन, होटल से बाल श्रमिक को किया रेस्क्यू

साथ ही दुकानदारों को भी पाबंद किया गया है कि वह अपनी दुकानों पर 18 वर्ष से कम आयु के बाल श्रमिकों को काम में नियोजित ना करें. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि यदि दुकानदारों के द्वारा लगातार अपनी दुकानों पर बाल श्रमिकों को काम में नियोजित किया जाता है, तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा. ऋचा तोमर ने बताया कि बाल श्रम निषेध एवं नियंत्रण अधिनियम 1986 के तहत बाल मजदूरी करवाना एक कानूनी अपराध है. इसके संबंध में चाइल्ड लाइन 1098 राष्ट्रीय आपातकालीन मुफ्त टेलीफोन सेवा पर कोई भी बच्चा या उसके परिजन संपर्क कर शिकायत दर्ज करवा सकते हैं.

झालावाड़. जिले की मानव तस्करी विरोधी यूनिट तथा चाइल्ड हेल्पलाइन द्वारा संयुक्त रूप से चलाए गए ऑपरेशन मासूम के तहत झालावाड़ तथा झालरापाटन में अलग-अलग वर्कशॉप पर काम कर रहे 18 वर्ष से कम उम्र के 17 बाल श्रमिकों को बालश्रम से मुक्त करवाया गया है. इस दौरान मानव तस्करी यूनिट ने उनके परिजनों तथा बच्चों को बालश्रम के दुष्परिणामों की जानकारी भी दी.

पुलिस अधीक्षक ऋचा तोमर ने बताया कि गत दिनों शहर की कुछ दुकानों पर बाल श्रमिकों को काम में नियोजित करने की सूचना मिल रही थी. जिसके बाद पुलिस की मानव तस्करी विरोधी यूनिट तथा चाइल्ड हेल्पलाइन ने संयुक्त रूप से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. इस ऑपरेशन के दौरान तस्करी विरोधी यूनिट तथा चाइल्ड हेल्पलाइन के द्वारा झालावाड़ तथा झालरापाटन कस्बे में विभिन्न दुकानों पर काम कर रहे 17 बाल मजदूरों को मजदूरी करते हुए पाया गया. इसके बाद सभी बाल श्रमिकों दुकानों से मुक्त कराकर बच्चों तथा उनके परिजनों से समझाइश की गई.

पढ़ें: चाइल्ड हेल्प लाइन टीम की कार्रवाई, बोगस ग्राहक बन किया स्टिंग ऑपरेशन, होटल से बाल श्रमिक को किया रेस्क्यू

साथ ही दुकानदारों को भी पाबंद किया गया है कि वह अपनी दुकानों पर 18 वर्ष से कम आयु के बाल श्रमिकों को काम में नियोजित ना करें. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि यदि दुकानदारों के द्वारा लगातार अपनी दुकानों पर बाल श्रमिकों को काम में नियोजित किया जाता है, तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा. ऋचा तोमर ने बताया कि बाल श्रम निषेध एवं नियंत्रण अधिनियम 1986 के तहत बाल मजदूरी करवाना एक कानूनी अपराध है. इसके संबंध में चाइल्ड लाइन 1098 राष्ट्रीय आपातकालीन मुफ्त टेलीफोन सेवा पर कोई भी बच्चा या उसके परिजन संपर्क कर शिकायत दर्ज करवा सकते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.