पटनाः बिहार के दानापुर छावनी स्थित वीर स्मृति स्थल में गलवान के बलवान 16वीं बिहार बटालियन के वीर बिहारी सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई. रविवार को 16वीं बिहार बटालियन का 39वां स्थापना दिवस मनाया गया. इस कार्यक्रम में बिहार रेजीमेंट केंद्र के कर्नल शिखर चतुर्वेदी समेत सैकड़ों अधिकारियों और सैनिकों ने हिस्सा लिया. वीर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की.
1985 बिहार बटालियन की स्थापनाः 16 बिहार बटालियन 11 फरवरी 1985 को दानापुर छावनी में मेजर एचडी सालोखे के नेतृत्व में गठित की गई थी. 10 अगस्त 1985 को कर्नल एसके पुरी बटालियन के पहले कमान अधिकारी और सूबेदार मेजर एसएन प्रसाद पहले सूबेदार मेजर बने. शुरू से ही यह बटालियन रेजीमेंट की बाकी बटालियनों की अपेक्षा कुछ भिन्न रही है.
बटालियन वीरता का परचम लहरायाः इसका कारण यह है कि इस बटालियन में बिहार और झारखंड सैनिकों के अलावा उड़ीसा के आदिवासी, मजहबी सिख और गढ़वाली सैनिक भी रहे हैं. अपनी स्थापना से लेकर अभी तक बटालियन ने हर क्षेत्र में अपनी बहादुरी, वीरता और योग्यता का परचम लहराया है. युद्ध काल हो या शांति काल हर समय बटालियन ने हर क्षेत्र में उम्दा प्रदर्शन किया है.
26 वीरता पुरस्कार मिलाः बटालियन को समय-समय पर विभिन्न 26 वीरता पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है. जिसमें एक महावीर चक्र उल्लेखनीय है. वर्ष 2020 में गलवान घाटी में चीन के साथ हुए संघर्ष में बटालियन की वीरता को कभी भुलाया नहीं जा सकता है. कर्नल बी संतोष बाबू को उनके शौर्य, अदम्य साहस और सर्वोच्च बलिदान के लिए भारत सरकार ने उन्हें महावीर चक्र से दिया.
बिहारी रणबांकुरों ने चीनी सैनिकों को धूल चटायीः 2020 की यह घटना इतिहास में दर्ज हो चुकी है. जब हमारे वीर बिहारी रणबांकुरों ने लेह के दुर्गम क्षेत्र में चीन की सेना को नाकों चना जबाने पर मजबूर कर दिया था. 16वीं बिहार बटालियन को भेजे गए बधाई संदेश में बिहार रेजीमेंट केंद्र के समादेष्टा ब्रिगेडियर कमलदीप जसपाल ने शुभकामनाएं दीं. बटालियन के सभी सैनिकों को उनकी वीरता और पराक्रम के लिए शाबाशी दी है. 16वीं बिहार बटालियन बिहार रेजीमेंट का गौरव है.
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