अलवर: छोटे बच्चों का ऑपरेशन आसान नहीं होता, रिस्क के चलते ज्यादातर डॉक्टर ऑपरेशन के लिए मना करते हैं, लेकिन अलवर के ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज के यूरोलॉजी विभाग में चिकित्सकों ने पहली बार 10 साल के बच्चे के गुर्दे की 16 मिमी पथरी का दूरबीन से सफल ऑपरेशन कर दिखाया. अलवर के किसी भी अस्पताल में इतनी छोटी उम्र के बच्चे के गुर्दे की पथरी का यह पहला सफल ऑपरेशन है.
ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज अलवर के यूरोलॉजी विभाग के गुर्दा एवं मूत्र रोग विशेषज्ञ डॉ महेश सोनवाल ने बताया कि लक्ष्मणगढ़ निवासी 10 वर्षीय खगेश के गुर्दे में 16 एमएम की पथरी थी. इतने छोटी उम्र के बच्चे के गुर्दे से पथरी निकालना आसान नहीं था, लेकिन बच्चे की परेशानी के चलते उसके परिजनों को बच्चे के गुर्दे की पथरी का दूरबीन से ऑपरेशन कराने का परामर्श दिया गया. बच्चे के परिजनों ने ऑपरेशन पर सहमति जताई. इस पर बच्चे को ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में बच्चे को भर्ती कर हाल ही उसके गुर्दे में फंसी 16 एमएम की पथरी को ऑपरेशन कर बाहर निकाला गया.
ऑपरेशन में रिस्क: डॉ सोनवाल ने बताया कि छोटी उम्र के बालक के गुर्दे की पथरी का ऑपरेशन में रिस्क रहती है. इस कारण छोटी उम्र के बालकों के गुर्दे की पथरी के ऑपरेशन से बचने का प्रयास करते हैं. लेकिन यह असंभव भी नहीं होता. अलवर के ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज में ऑपरेशन की नवीन तकनीक और उच्च श्रेणी के उपकरण होने के कारण बच्चे का स्वास्थ्य परीक्षण कर गुर्दे से 16 एमएम पथरी को सफलतापूर्वक बाहर निकाल दिया. ऑपरेशन टीम में डॉ महेश सोनवाल के साथ असिस्टेंट नर्सिंग नवरत्न, जूनियर रेजिडेंट डॉ हर्षित, एनेस्थीसिया स्पेशलिस्ट डॉ मल्लिका शामिल रहे.
ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज में जटिल ऑपरेशन भी संभव: अलवर के ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज में जटिल ऑपरेशन संभव है. पूर्व में यूरोलॉजी समेत मेडिकल कॉलेज के विभिन्न विभागों के चिकित्सकों ने कई बीमारियों के जटिल ऑपरेशन कर यह साबित भी किया है. हाल ही ईएसआईसी अस्पताल में 10 वर्ष के बालक के गुर्दे की 16 एमएम की पथरी का ऑपरेशन भी काफी जटिल था, लेकिन इसे सफलतापूर्वक किया गया.
मिनी पीसीएनएल 12 नंबर ट्यूब से पहली बार ऑपरेशन: डॉ महेश सोनवाल ने बताया कि इस तरह के केस में एडल्ट बच्चों का ऑपरेशन किया जाता है. इसके लिए 26 या 24 नंबर की ट्यूब इस्तेमाल की जाती है. लेकिन 10 वर्षीय खगेश का ऑपरेशन पहली बार मिनी पीसीएनएल 12 नंबर ट्यूब डालकर किया गया, जो पूर्णता सफल रहा.