ETV Bharat / state

अलवर ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज में 10 साल के बच्चे के गुर्दे से निकाली 16 एमएम की पथरी - 16 MM Kidney Stone Removed

author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 12, 2024, 5:16 PM IST

अलवर के ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज में 10 साल के बच्चे के गुर्दे से 16 एमएम की पथरी निकाली गई है. चिकित्सकों का दावा है कि जिले के किसी भी अस्पताल में इतनी छोटी उम्र के बच्चे के गुर्दे से ऑपरेशन कर पथरी नहीं निकाली गई.

16 MM Kidney Stone Removed
गुर्दे से निकाली 16 एमएम की पथरी (ETV Bharat Alwar)

अलवर: छोटे बच्चों का ऑपरेशन आसान नहीं होता, रिस्क के चलते ज्यादातर डॉक्टर ऑपरेशन के लिए मना करते हैं, लेकिन अलवर के ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज के यूरोलॉजी विभाग में चिकित्सकों ने पहली बार 10 साल के बच्चे के गुर्दे की 16 मिमी पथरी का दूरबीन से सफल ऑपरेशन कर दिखाया. अलवर के किसी भी अस्पताल में इतनी छोटी उम्र के बच्चे के गुर्दे की पथरी का यह पहला सफल ऑपरेशन है.

ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज अलवर के यूरोलॉजी विभाग के गुर्दा एवं मूत्र रोग विशेषज्ञ डॉ महेश सोनवाल ने बताया कि लक्ष्मणगढ़ निवासी 10 वर्षीय खगेश के गुर्दे में 16 एमएम की पथरी थी. इतने छोटी उम्र के बच्चे के गुर्दे से पथरी निकालना आसान नहीं था, लेकिन बच्चे की परेशानी के चलते उसके परिजनों को बच्चे के गुर्दे की पथरी का दूरबीन से ऑपरेशन कराने का परामर्श दिया गया. बच्चे के परिजनों ने ऑपरेशन पर सहमति जताई. इस पर बच्चे को ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में बच्चे को भर्ती कर हाल ही उसके गुर्दे में फंसी 16 एमएम की पथरी को ऑपरेशन कर बाहर निकाला गया.

पढ़ें: 51 वर्षीय महिला पेट दर्द से थी पीड़ित, ESI अस्पताल के चिकित्सकों ने पित्त की थैली से निकाली 10 हजार पथरी

ऑपरेशन में रिस्क: डॉ सोनवाल ने बताया कि छोटी उम्र के बालक के गुर्दे की पथरी का ऑपरेशन में रिस्क रहती है. इस कारण छोटी उम्र के बालकों के गुर्दे की पथरी के ऑपरेशन से बचने का प्रयास करते हैं. लेकिन यह असंभव भी नहीं होता. अलवर के ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज में ऑपरेशन की नवीन तकनीक और उच्च श्रेणी के उपकरण होने के कारण बच्चे का स्वास्थ्य परीक्षण कर गुर्दे से 16 एमएम पथरी को सफलतापूर्वक बाहर निकाल दिया. ऑपरेशन टीम में डॉ महेश सोनवाल के साथ असिस्टेंट नर्सिंग नवरत्न, जूनियर रेजिडेंट डॉ हर्षित, एनेस्थीसिया स्पेशलिस्ट डॉ मल्लिका शामिल रहे.

पढ़ें: हेल्थ टिप्स: होम्योपैथिक इलाज से गुर्दे में 10 MM तक की पथरी बिना ऑपरेशन हो सकती है बाहर - kidney stone treatment

ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज में जटिल ऑपरेशन भी संभव: अलवर के ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज में जटिल ऑपरेशन संभव है. पूर्व में यूरोलॉजी समेत मेडिकल कॉलेज के विभिन्न विभागों के चिकित्सकों ने कई बीमारियों के जटिल ऑपरेशन कर यह साबित भी किया है. हाल ही ईएसआईसी अस्पताल में 10 वर्ष के बालक के गुर्दे की 16 एमएम की पथरी का ऑपरेशन भी काफी जटिल था, लेकिन इसे सफलतापूर्वक किया गया.

पढ़ें: भीषण गर्मी ने पथरी के रोगियों की संख्या में की अप्रत्याशित बढ़ोतरी, इनमें युवाओं की संख्या ज्यादा - Kidney stone due to heatwave

मिनी पीसीएनएल 12 नंबर ट्यूब से पहली बार ऑपरेशन: डॉ महेश सोनवाल ने बताया कि इस तरह के केस में एडल्ट बच्चों का ऑपरेशन किया जाता है. इसके लिए 26 या 24 नंबर की ट्यूब इस्तेमाल की जाती है. लेकिन 10 वर्षीय खगेश का ऑपरेशन पहली बार मिनी पीसीएनएल 12 नंबर ट्यूब डालकर किया गया, जो पूर्णता सफल रहा.

अलवर: छोटे बच्चों का ऑपरेशन आसान नहीं होता, रिस्क के चलते ज्यादातर डॉक्टर ऑपरेशन के लिए मना करते हैं, लेकिन अलवर के ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज के यूरोलॉजी विभाग में चिकित्सकों ने पहली बार 10 साल के बच्चे के गुर्दे की 16 मिमी पथरी का दूरबीन से सफल ऑपरेशन कर दिखाया. अलवर के किसी भी अस्पताल में इतनी छोटी उम्र के बच्चे के गुर्दे की पथरी का यह पहला सफल ऑपरेशन है.

ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज अलवर के यूरोलॉजी विभाग के गुर्दा एवं मूत्र रोग विशेषज्ञ डॉ महेश सोनवाल ने बताया कि लक्ष्मणगढ़ निवासी 10 वर्षीय खगेश के गुर्दे में 16 एमएम की पथरी थी. इतने छोटी उम्र के बच्चे के गुर्दे से पथरी निकालना आसान नहीं था, लेकिन बच्चे की परेशानी के चलते उसके परिजनों को बच्चे के गुर्दे की पथरी का दूरबीन से ऑपरेशन कराने का परामर्श दिया गया. बच्चे के परिजनों ने ऑपरेशन पर सहमति जताई. इस पर बच्चे को ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में बच्चे को भर्ती कर हाल ही उसके गुर्दे में फंसी 16 एमएम की पथरी को ऑपरेशन कर बाहर निकाला गया.

पढ़ें: 51 वर्षीय महिला पेट दर्द से थी पीड़ित, ESI अस्पताल के चिकित्सकों ने पित्त की थैली से निकाली 10 हजार पथरी

ऑपरेशन में रिस्क: डॉ सोनवाल ने बताया कि छोटी उम्र के बालक के गुर्दे की पथरी का ऑपरेशन में रिस्क रहती है. इस कारण छोटी उम्र के बालकों के गुर्दे की पथरी के ऑपरेशन से बचने का प्रयास करते हैं. लेकिन यह असंभव भी नहीं होता. अलवर के ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज में ऑपरेशन की नवीन तकनीक और उच्च श्रेणी के उपकरण होने के कारण बच्चे का स्वास्थ्य परीक्षण कर गुर्दे से 16 एमएम पथरी को सफलतापूर्वक बाहर निकाल दिया. ऑपरेशन टीम में डॉ महेश सोनवाल के साथ असिस्टेंट नर्सिंग नवरत्न, जूनियर रेजिडेंट डॉ हर्षित, एनेस्थीसिया स्पेशलिस्ट डॉ मल्लिका शामिल रहे.

पढ़ें: हेल्थ टिप्स: होम्योपैथिक इलाज से गुर्दे में 10 MM तक की पथरी बिना ऑपरेशन हो सकती है बाहर - kidney stone treatment

ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज में जटिल ऑपरेशन भी संभव: अलवर के ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज में जटिल ऑपरेशन संभव है. पूर्व में यूरोलॉजी समेत मेडिकल कॉलेज के विभिन्न विभागों के चिकित्सकों ने कई बीमारियों के जटिल ऑपरेशन कर यह साबित भी किया है. हाल ही ईएसआईसी अस्पताल में 10 वर्ष के बालक के गुर्दे की 16 एमएम की पथरी का ऑपरेशन भी काफी जटिल था, लेकिन इसे सफलतापूर्वक किया गया.

पढ़ें: भीषण गर्मी ने पथरी के रोगियों की संख्या में की अप्रत्याशित बढ़ोतरी, इनमें युवाओं की संख्या ज्यादा - Kidney stone due to heatwave

मिनी पीसीएनएल 12 नंबर ट्यूब से पहली बार ऑपरेशन: डॉ महेश सोनवाल ने बताया कि इस तरह के केस में एडल्ट बच्चों का ऑपरेशन किया जाता है. इसके लिए 26 या 24 नंबर की ट्यूब इस्तेमाल की जाती है. लेकिन 10 वर्षीय खगेश का ऑपरेशन पहली बार मिनी पीसीएनएल 12 नंबर ट्यूब डालकर किया गया, जो पूर्णता सफल रहा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.