सीकर : राजस्थान सरकार प्रदेश के 20 लाख से ज्यादा बेसहारा बच्चों को छह माह से पालनहार योजना की सहायता राशि जारी नहीं कर रही है. इनमें सीकर जिले के 15900 बच्चे भी शामिल हैं. हालात ये हैं कि बच्चों को सहायता नहीं मिलने की स्थिति में वे स्कूल फीस नहीं चुका पा रहे हैं.
बजट जारी नहीं होने की स्थिति में बच्चों को पालनहार योजना में लंबे समय तक सहायता राशि का भुगतान नहीं हुआ. अब सरकार के कार्यकाल का एक साल पूरा होने पर 15 दिसंबर को एक साथ जून से नवंबर तक की बकाया राशि का भुगतान करने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए बच्चों को 30 नवंबर तक स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र का अध्ययन प्रमाण पत्र सत्यापन कराना होगा. : प्रियंका पारीक, उपनिदेशक, समाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, सीकर
योजना के तहत राज्य सरकार की ओर से बेसहारा श्रेणी में आने वाले 6 से 18 साल की आयु तक के लड़के-लड़कियों को स्कूल खर्च के लिए प्रतिमाह 1500 रुपए की सहायता दी जाती है. इस तरह सीकर जिले के 15900 बच्चों को करीब 10 करोड़ से ज्यादा की सहायता राशि जारी होने थी. ये राशि जून से लेकर नवंबर माह की बकाया है. छह माह की अवधि में एक बच्चे को 9 हजार की सहायता राशि जारी होनी थी.
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राज्य सरकार के कार्यकाल का एक साल पूरा होने पर पालनहार सहित विभिन्न विभागों के जरिए संचालित सरकारी योजना के तहत बकाया सहायता राशि व अनुदान का डीबीटी की प्लानिंग की जा रही है. इसके लिए राज्य सरकार ने समाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को आदेश जारी कर बच्चों की सूची तैयार कर अपलोड करने के निर्देश जारी कर दिए हैं. ऐसे में सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करने वाले बच्चों को 30 नवंबर तक स्कूल या आंगनबाड़ी केंद्र से अध्ययन सत्यापन प्रमाण पत्र लेकर ऑनलाइन जमा कराना है. सत्यापन प्रमाण पत्र जारी होने के बाद उसे ई-मित्र पर विभागीय पोर्टल पर ऑनलाइन अपलोड करना होता है. इसके बाद ही शिक्षा सत्र 2024-25 की सहायता राशि जारी की जाएगी. इन बच्चों को जुलाई से लेकर दिसंबर माह तक सत्यापन करवाना होता है. इस साल लंबे समय तक भुगतान जारी नहीं होने की स्थिति में सरकार ने 30 नवंबर तक का समय दिया है.
तीन श्रेणियों में मिलती है सहायता राशि : पालनहार योजना का लाभ पात्र लड़के-लड़कियों और पालक परिवारों को मिलता है. इस योजना में बेसहारा बच्चों को वित्तीय सहायता दी जाती है. इसमें तीन अलग-अलग श्रेणियों में 1000 रुपए से लेकर 2500 रुपए तक सहायता राशि दी जाती है. प्रथम श्रेणी में 6 साल आयु तक के स्कूल या आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले बच्चों को 1000 रुपए प्रतिमाह, दूसरी श्रेणी में 6 से 18 साल की आयु तक स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को 1500 रुपए और तीसरी श्रेणी में स्कूल या आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले वे बच्चे जो अकेले हों यानी माता या पिता दोनों का ही साथ नहीं हो, ऐसे बच्चों को 2500 रुपए प्रतिमाह सहायता राशि दी जाती है.