जयपुर: जिला कलेक्ट्रेट सभागार में गुरुवार को जयपुर और जयपुर ग्रामीण जिले की जनसुनवाई कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित की अध्यक्षता में हुई. जनसुनवाई में ऐसे फरियादी भी आए जो पुलिस की कार्यशैली से परेशान थे और पहले भी कई बार जनसुनवाई में आ चुके थे, लेकिन उनके प्रकरणों का निस्तारण नहीं हो पाया था. जिला कलेक्टर की जनसुनवाई में कुल 156 प्रकरण आए. इनमें से एक दर्जन से अधिक प्रकरणों का हाथों निस्तारण भी कर दिया गया.
जनसुनवाई में जयपुर शहर की भाजपा सांसद मंजू शर्मा भी पहुंची. इसके अलावा जयपुर ग्रामीण एसपी शांतनु कुमार, एडीएम प्रथम सुरेश कुमार नवल सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे. जनसुनवाई में उपखण्ड अधिकारी सहित अन्य ब्लॉक स्तरीय अधिकारी भी वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से जुड़े. जनसुनवाई में राजस्व, पुलिस, जेडीए, नगर निगम, बिजली विभाग, पीडब्लूडी आदि विभागों से जुड़े हुए प्रकरण आए. कुछ फरियादियों ने पुलिस की कार्यशैली को लेकर नाराजगी भी जताई.
जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने कहा कि कुछ मामलों में निचले स्तर पर हुई कार्रवाई से परिवादी पूरी तरह से संतुष्ट नहीं होता है. इसलिए वह जिला स्तर पर होने वाली जनसुनवाई में अपनी समस्या रखता है. यहां सभी विभागों के अधिकारी मौजूद रहते हैं और हाथों-हाथ संबंधित अधिकारी को प्रकरण से अवगत कराया जाता है. नियमानुसार फरियादी की समस्या का समाधान भी किया जाता है. रास्ते और जमीन विवाद के मामलों को लेकर जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने कहा कि जयपुर में जनसंख्या काफी अधिक है. इसलिए राजस्व से जुड़े हुए मामले जनसुनवाई में ज्यादा आते हैं. उन्होंने बताया कि जो भी पक्षकार आते हैं, उन्हें समझाया जाता है कि किस तरह उनके प्रकरण का निस्तारण किया जा सकता है.
जयपुर शहर की भाजपा सांसद मंजू शर्मा ने भी जनसुनवाई में लोगों की समस्या सुनी और जिला प्रशासन को समाधान के निर्देश दिए. मंजू शर्मा ने बजट को लेकर कहा कि भाजपा सरकार ने बहुत अच्छा बजट दिया है. खासकर छोटी काशी के लिए के लिए बजट शानदार है. उन्होंने कहा कि बजट से जयपुर शहर के टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा.
ये आए मामले:
- कालवाड़ के पचार से आए राम सिंह ने पुलिस की कार्यशैली को लेकर नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि वह जनसुनवाई में 4 से 5 बार आ चुके हैं, लेकिन उनके प्रकरण का समाधान नहीं हो रहा है और ना ही पुलिस मामला दर्ज कर रही है. राम सिंह ने कहा कि उसकी जमीन के मामले में रजिस्ट्री भी सही मान ली गई है और हाईकोर्ट ने नामांकन खोलने का भी आदेश दिया हुआ है. लेकिन एसडीएम और पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रहे. मुझे अपनी जमीन का कब्जा नहीं मिल पा रहा और हर साल मुझे एक लाख रुपए का नुकसान हो रहा है.
- पति की मारपीट से परेशान एक महिला भी जनसुनवाई में पहुंची. महिला ने कहा कि उनके पति मारपीट करते हैं. बच्चों ने मुझे घर से बाहर निकाल दिया है. महिला ने कहा कि उनके पति की सैलरी ढाई लाख रूपए है. इसके बावजूद भी वे बच्चों की पढ़ाई के पैसे नहीं देते हैं और न ही अन्य खर्च उठाते हैं.
- रास्ते के विवाद को लेकर जनसुनवाई में पहुंचे आमेर पंचायत समिति के गांव बिशमगढ़ के रहने वाले लक्षण मीणा ने कहा कि वह 2023 से कलेक्टर कार्यालय के चक्कर काट रहा है. लेकिन अभी तक उसकी समस्या का समाधान नहीं हुआ है. मंदिर जाने वाले रास्ते पर कुछ लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है. शिकायत के बाद दो बार जेडीए वाले अतिक्रमण हटाकर भी गए, लेकिन अतिक्रमण करने वाले अपने रसूख का फायदा उठाकर अतिक्रमण कर लेते हैं. अतिक्रमी हमें झूठे मामलों में फंसाने की धमकी भी देते हैं. पुलिस वाले भी अतिक्रमण करने वालों पर कार्रवाई करने की बजाय हमें पाबंद करके चले जाते हैं. फरियादी ने मांग की कि मंदिर जाने वाले मुख्य रास्ते से अतिक्रमण जल्द हटाया जाए.