लखनऊ: नकली तेल से बनी नमकीन और नकली हल्दी, नमक, पनीर, तेल और देशी घी बाजारों में बिकता है, जिसे पकड़ने के लिए फूड सेफ्टी विभाग छापेमारी कर सैंपलिंग करता रहता है. इन सैंपल को जांच के लिए लैब भेजने के बाद महीनों रिपोर्ट का इंतजार करना पड़ता है, जिस वजह से मिलाटवखोरों को फायदा मिलता है. अब ऐसे मिलावटखोरों पर तेज कार्रवाई करने के लिए योगी सरकार 15 नई लैब शुरू करने का फैसला किया है. जिससे जल्द से जल्द खाद्य पदार्थों की जांच रिपोर्ट जल्दी मिल सकेगी.
उत्तर प्रदेश में खाद्य पदार्थों पर मिलावट कर आम लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने वालों के लिए हर जिले फूड सेफ्टी विभाग छापेमारी करती है. खासतौर पर त्योहारों में फूड सेफ्टी विभाग अधिक सतर्क रहता है. विभाग फूड सेफ्टी ऑन व्हील यानि कि गाड़ी में लैब बनाकर गली मोहल्लों में भी जाकर जांच करती है. लेकिन ये जांच सिर्फ फौरी तौर पर थोड़ी बहुत मिलावट की ही हो पाती है. यदि मिलावट की संख्या और क्वालिटी अधिक खतरनाक है तो जांच के लिए लैब भेजा जाता है. जिसकी रिपोर्ट आने के बाद ही विभाग दुकान और फर्म पर कार्रवाई कर पाती है. लेकिन लैब की संख्या कम होने से रिपोर्ट आने में देर होती है. जब तक रिपोर्ट न आए तब तक दुकानदार अनवरत खाद्य पदार्थ की बिक्री जारी रखता है.
फूड सेफ्टी अधिकारी विजय प्रताप सिंह ने बताया कि अभी आगरा, मेरठ, लखनऊ, खासी और गोरखपुर में लैब है. जहां खाद्य सामग्री में मिलावट होने के शक में सैंपल लेकर फूड सेफ्टी विभाग द्वारा भेजा जाता है. इन लैब में जांच के बाद उसकी रिपोर्ट आती है. रिपोर्ट में खाद्य सामग्री में किस अपशिष्ट या रसायनिक पदार्थ की मिलावट है, वह कितना खतरनाक है, इसकी जानकारी होती है. इसी के अनुसार हम पदार्थ बेचने या बनाने वाले के खिलाफ कार्रवाई करते हैं. हालांकि ये रिपोर्ट आने में कुछ वक्त जरूर लगता है.
जांच में लगने वाले वक्त और आम लोगों की सेहत को देखते हुए यूपी सरकार खाद्य पदार्थों और दवाओं की जांच का दायरा बढ़ाते हुए 15 नई सरकारी लैब और क्रियाशील करेगी. यूपी के हर मंडल मुख्यालय पर सरकारी जांच लैब होगी. जिसके बाद नमूनों की जांच की मौजूदा क्षमता एक लाख आठ हजार हो जाएगी. अब तक पेस्टीसाइड्स व हैवी मेटल जांच की सुविधा प्रदेश की सरकारी लैबों में नहीं थी. लेकिन नई लैब बनने के बाद खाद्य पदार्थों में पेस्टीसाइड्स या हैवी मेटल आदि की जांच हो सकेगी.
मिलावटखोरों पर योगी सरकार सख्त, लगाम लगाने के लिए यूपी में शुरू होंगी 15 नई लैब - FOOD SEFTY LAB
खाद्य पदार्थों में मिलावट की जांच में तेजी लाने और मिलावटखोरों पर कार्रवाई करने के लिए योगी सरकार नई पहल करने जा रही है. फूड सेफ्टी विभाग प्रदेश में 15 नई लैब की शुरुआत करेगी.
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Sep 23, 2024, 8:36 PM IST
लखनऊ: नकली तेल से बनी नमकीन और नकली हल्दी, नमक, पनीर, तेल और देशी घी बाजारों में बिकता है, जिसे पकड़ने के लिए फूड सेफ्टी विभाग छापेमारी कर सैंपलिंग करता रहता है. इन सैंपल को जांच के लिए लैब भेजने के बाद महीनों रिपोर्ट का इंतजार करना पड़ता है, जिस वजह से मिलाटवखोरों को फायदा मिलता है. अब ऐसे मिलावटखोरों पर तेज कार्रवाई करने के लिए योगी सरकार 15 नई लैब शुरू करने का फैसला किया है. जिससे जल्द से जल्द खाद्य पदार्थों की जांच रिपोर्ट जल्दी मिल सकेगी.
उत्तर प्रदेश में खाद्य पदार्थों पर मिलावट कर आम लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने वालों के लिए हर जिले फूड सेफ्टी विभाग छापेमारी करती है. खासतौर पर त्योहारों में फूड सेफ्टी विभाग अधिक सतर्क रहता है. विभाग फूड सेफ्टी ऑन व्हील यानि कि गाड़ी में लैब बनाकर गली मोहल्लों में भी जाकर जांच करती है. लेकिन ये जांच सिर्फ फौरी तौर पर थोड़ी बहुत मिलावट की ही हो पाती है. यदि मिलावट की संख्या और क्वालिटी अधिक खतरनाक है तो जांच के लिए लैब भेजा जाता है. जिसकी रिपोर्ट आने के बाद ही विभाग दुकान और फर्म पर कार्रवाई कर पाती है. लेकिन लैब की संख्या कम होने से रिपोर्ट आने में देर होती है. जब तक रिपोर्ट न आए तब तक दुकानदार अनवरत खाद्य पदार्थ की बिक्री जारी रखता है.
फूड सेफ्टी अधिकारी विजय प्रताप सिंह ने बताया कि अभी आगरा, मेरठ, लखनऊ, खासी और गोरखपुर में लैब है. जहां खाद्य सामग्री में मिलावट होने के शक में सैंपल लेकर फूड सेफ्टी विभाग द्वारा भेजा जाता है. इन लैब में जांच के बाद उसकी रिपोर्ट आती है. रिपोर्ट में खाद्य सामग्री में किस अपशिष्ट या रसायनिक पदार्थ की मिलावट है, वह कितना खतरनाक है, इसकी जानकारी होती है. इसी के अनुसार हम पदार्थ बेचने या बनाने वाले के खिलाफ कार्रवाई करते हैं. हालांकि ये रिपोर्ट आने में कुछ वक्त जरूर लगता है.
जांच में लगने वाले वक्त और आम लोगों की सेहत को देखते हुए यूपी सरकार खाद्य पदार्थों और दवाओं की जांच का दायरा बढ़ाते हुए 15 नई सरकारी लैब और क्रियाशील करेगी. यूपी के हर मंडल मुख्यालय पर सरकारी जांच लैब होगी. जिसके बाद नमूनों की जांच की मौजूदा क्षमता एक लाख आठ हजार हो जाएगी. अब तक पेस्टीसाइड्स व हैवी मेटल जांच की सुविधा प्रदेश की सरकारी लैबों में नहीं थी. लेकिन नई लैब बनने के बाद खाद्य पदार्थों में पेस्टीसाइड्स या हैवी मेटल आदि की जांच हो सकेगी.