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हरियाणा में किसान के बेटे ने 10वीं की परीक्षा में हासिल किए शत-प्रतिशत अंक, दादा जी लेते थे प्रवेश की क्लास - Parvesh hundred percent result

Parvesh Hundred Percent Result: जींद में मालवी गांव के किसान के बेटे ने दसवीं कक्षा के परिणाम में शत-प्रतिशत अंक लेकर प्रदेशभर में अपने गांव का नाम रोशन किया है. प्रवेश ने बताया कि वह सिविल सर्विस में जाना चाहता है. इसके लिए उसके हेडमास्टर रिटायर्ड दादाजी भी उसकी मदद कर रहे हैं.

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : May 13, 2024, 11:42 AM IST

जींद: हरियाणा में रविवार को दसवीं की परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया. जींद के मालवी गांव में किसान के बेटे प्रवेश ने दसवीं की परीक्षा में शत-प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं. जिससे घर-परिवार ही नहीं बल्कि पूरे गांव में खुशी की लहर है. प्रवेश के पिता राजेश एक छोटे से किसान हैं. खेती-बाड़ी और पशुपालन से ही उनके परिवार का गुजारा चलता है. जबकि प्रवेश की माता जी नरेश एक गृहणी हैं. प्रवेश जुलाना के निजी स्कूल में पढ़ता है.

सिविल सर्विस में जाना सपना: प्रवेश के ताऊ शमशेर पाराशर ने बताया कि उनके परिवार का सपना है कि उनका बेटा बड़ी नौकरी करे. प्रवेश ने उनके सपनों को साकार करने के लिए मेहनत की और आगे भी लगा हुआ है. प्रवेश ने बताया कि वह सिविल सर्विस में जाकर देश की सेवा करना चाहता है. प्रवेश पढ़ाई में बहुत अच्छा है. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उनका बेटा भविष्य में बहुत आगे जाएगा. जिस पर पूरे परिवार के साथ-साथ देश और प्रदेश को गर्व होगा.

प्रवेश के दादा ने कराई पढ़ाई: वहीं, प्रवेश ने बताया कि वह रात को 10 बजे तक पढ़ाई करता है. स्कूल से आने के बाद घर के सदस्य उसे काम नहीं करने देते थे. बल्कि पढ़ाई पर ही जोर देते थे. प्रवेश के दादा रामनिवास पाराशर सरकारी स्कूल से हेडमास्टर के पद से रिटायर्ड हैं, जोकि उनकी पढ़ाई में मदद करते थे. रोजाना सुबह चार बजे प्रवेश को पढ़ाई करने के लिए उठा देते थे. प्रवेश ने बताया कि वह सोशल मीडिया से दूर रहता है, वह सिर्फ पढ़ाई के सिलसिले में जरूरी होने पर ही फोन देखता है.

जींद: हरियाणा में रविवार को दसवीं की परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया. जींद के मालवी गांव में किसान के बेटे प्रवेश ने दसवीं की परीक्षा में शत-प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं. जिससे घर-परिवार ही नहीं बल्कि पूरे गांव में खुशी की लहर है. प्रवेश के पिता राजेश एक छोटे से किसान हैं. खेती-बाड़ी और पशुपालन से ही उनके परिवार का गुजारा चलता है. जबकि प्रवेश की माता जी नरेश एक गृहणी हैं. प्रवेश जुलाना के निजी स्कूल में पढ़ता है.

सिविल सर्विस में जाना सपना: प्रवेश के ताऊ शमशेर पाराशर ने बताया कि उनके परिवार का सपना है कि उनका बेटा बड़ी नौकरी करे. प्रवेश ने उनके सपनों को साकार करने के लिए मेहनत की और आगे भी लगा हुआ है. प्रवेश ने बताया कि वह सिविल सर्विस में जाकर देश की सेवा करना चाहता है. प्रवेश पढ़ाई में बहुत अच्छा है. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उनका बेटा भविष्य में बहुत आगे जाएगा. जिस पर पूरे परिवार के साथ-साथ देश और प्रदेश को गर्व होगा.

प्रवेश के दादा ने कराई पढ़ाई: वहीं, प्रवेश ने बताया कि वह रात को 10 बजे तक पढ़ाई करता है. स्कूल से आने के बाद घर के सदस्य उसे काम नहीं करने देते थे. बल्कि पढ़ाई पर ही जोर देते थे. प्रवेश के दादा रामनिवास पाराशर सरकारी स्कूल से हेडमास्टर के पद से रिटायर्ड हैं, जोकि उनकी पढ़ाई में मदद करते थे. रोजाना सुबह चार बजे प्रवेश को पढ़ाई करने के लिए उठा देते थे. प्रवेश ने बताया कि वह सोशल मीडिया से दूर रहता है, वह सिर्फ पढ़ाई के सिलसिले में जरूरी होने पर ही फोन देखता है.

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