बाड़मेर: डॉ रुमादेवी फाउंडेशन और ग्रामीण विकास एवं चेतना संस्थान की ओर से मंगलवार को स्थानीय भगवान महावीर टाउन हॉल बाड़मेर में हस्तशिल्पी उत्सव व सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. इस अवसर पर अतिथियों ने हस्तशिल्प में उत्कृष्ट कार्य करने वाली 100 महिलाओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. इस मौके पर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं ने अपने अनुभव साझा किए. समारोह में जिलेभर से हस्तशिल्प का कार्य करने वाली सैकड़ों महिलाएं शामिल हुई. समारोह में हरजस, वाणी भजन, अलगोजा, घूमर नृत्य आदि सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी गई.
हुनर है तो कदर है : संस्थान अध्यक्ष डॉ रुमादेवी ने बताया कि 'हुनर है तो कदर है' थीम पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. हमारा लक्ष्य है कि हर महिला आत्मनिर्भर बने और अपने हुनर का सही मूल्य पा सके. इस समारोह के माध्यम से उन महिलाओं को सम्मानित करने का प्रयास किया गया है. जिन्होंने कठोर परिस्थितियों में भी अपने कौशल और मेहनत से समाज में एक मिसाल कायम की है. उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्य करने वाली 100 हस्तशिल्पी बहनों को सम्मानित किया गया है.
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महिला दस्तकारों को दी जानकारी: कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने हस्तशिल्प का कार्य करने वाली महिला दस्तकारों को मार्केटिंग, नवीन क्राफ्ट तकनीक, क्राफ्ट प्रदर्शनियों में भागीदारी, ऑनलाइन बिजनेस आदि विषयों पर महत्वपूर्ण जानकारी भी दी. इस कार्यक्रम के दौरान ग्रामीण क्षेत्र से आई महिलाओं ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि किस तरह से कसीदाकारी का हुनर सीखने के बाद उनके जीवन में बदलाव आया. समय का सदुपयोग करके घर बैठे इस कसीदाकारी का कार्य करके अपने जीवन यापन करने में मदद मिली.
प्रदर्शनी लगाई: संस्थान सचिव विक्रम सिंह ने बताया कि समारोह के दौरान हस्तशिल्प प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. प्रदर्शनी में लेदर क्राफ्ट, मृण शिल्प, काष्ठ शिल्प, बुनाई कला, अजरख प्रिंट, एप्लिक & एम्ब्रॉयडरी क्राफ्ट, पेंटिंग एंड स्केच आर्ट, ऑल्टरेशन क्राफ्ट की स्टाल पर दस्तकार महिलाएं अपने द्वारा निर्मित उत्पादों का प्रदर्शित किया गया.