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उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में 10वीं के छात्रों के लिए 10 विषय अनिवार्य, 3 भाषाएं भी होंगी शामिल - UTTARAKHAND 10TH CLASS SUBJECTS

उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में 10वीं के बच्चों के लिए अनिवार्य किए गए 10 विषय, पाठ्यचर्या की रूपरेखा का ड्राफ्ट तैयार कर रहा एससीईआरटी

State council of Educational Research And Training
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उत्तराखंड (फोटो- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 14, 2025, 6:35 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू होने के बाद अब एससीईआरटी राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा का ड्राफ्ट तैयार कर रहा है. जिसके तहत प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 10वीं में अब पांच नहीं, बल्कि 10 विषय अनिवार्य करने की सिफारिश की गई है. ऐसे में अब सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले 10वीं के छात्र-छात्राओं को अनिवार्य रूप से 10 विषय लेने होंगे. साथ ही विषय बदलने का विकल्प बच्चों को 11वीं क्लास में मिलेगा.

10वीं कक्षा में 10 विषय अनिवार्य किए जाने पर जोर: दरअसल, 10वीं कक्षा के लिए 10 विषय अनिवार्य किए जाने को लेकर एससीईआरटी (National Council of Educational Research and Training) तैयारियों में जुटा हुआ है. ऐसे में राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा का ड्राफ्ट तैयार होने के बाद इसकी मंजूरी के लिए शासन को भेजा जाएगा.

वहीं, एनईपी में तमाम विषयों की पढ़ाई के लिए समय भी तय किया गया है. जिसके तहत हाईस्कूल में 3 भाषाओं के लिए शैक्षिक सत्र में 70-70 घंटे का समय निर्धारित किया गया है. गणित के लिए 135 घंटे, विज्ञान के लिए 135 घंटे समेत अन्य विषयों के लिए अलग-अलग समय तय किया गया है.

भाषाएं भी होंगी शामिल: विभागीय अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, स्कूलों में कक्षा नौ और 10वीं में तीन भाषाएं होंगी. जिसमें दो भारतीय भाषाएं शामिल होंगी. इसके अलावा गणित एवं कम्यूटेशनल चिंतन, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान, कला शिक्षा, शारीरिक शिक्षा एवं स्वस्थता, व्यावसायिक शिक्षा एवं अंत विषय क्षेत्र विषय के रूप में होंगे.

वहीं, एससीईआरटी के प्रभारी अपर निदेशक प्रदीप रावत ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफारिश के आधार पर ही कार्रवाई की जा रही है. राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा के ड्राफ्ट को तमाम समितियों के जरिए सरकार के सामने रखा जाएगा.

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देहरादून: उत्तराखंड में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू होने के बाद अब एससीईआरटी राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा का ड्राफ्ट तैयार कर रहा है. जिसके तहत प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 10वीं में अब पांच नहीं, बल्कि 10 विषय अनिवार्य करने की सिफारिश की गई है. ऐसे में अब सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले 10वीं के छात्र-छात्राओं को अनिवार्य रूप से 10 विषय लेने होंगे. साथ ही विषय बदलने का विकल्प बच्चों को 11वीं क्लास में मिलेगा.

10वीं कक्षा में 10 विषय अनिवार्य किए जाने पर जोर: दरअसल, 10वीं कक्षा के लिए 10 विषय अनिवार्य किए जाने को लेकर एससीईआरटी (National Council of Educational Research and Training) तैयारियों में जुटा हुआ है. ऐसे में राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा का ड्राफ्ट तैयार होने के बाद इसकी मंजूरी के लिए शासन को भेजा जाएगा.

वहीं, एनईपी में तमाम विषयों की पढ़ाई के लिए समय भी तय किया गया है. जिसके तहत हाईस्कूल में 3 भाषाओं के लिए शैक्षिक सत्र में 70-70 घंटे का समय निर्धारित किया गया है. गणित के लिए 135 घंटे, विज्ञान के लिए 135 घंटे समेत अन्य विषयों के लिए अलग-अलग समय तय किया गया है.

भाषाएं भी होंगी शामिल: विभागीय अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, स्कूलों में कक्षा नौ और 10वीं में तीन भाषाएं होंगी. जिसमें दो भारतीय भाषाएं शामिल होंगी. इसके अलावा गणित एवं कम्यूटेशनल चिंतन, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान, कला शिक्षा, शारीरिक शिक्षा एवं स्वस्थता, व्यावसायिक शिक्षा एवं अंत विषय क्षेत्र विषय के रूप में होंगे.

वहीं, एससीईआरटी के प्रभारी अपर निदेशक प्रदीप रावत ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफारिश के आधार पर ही कार्रवाई की जा रही है. राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा के ड्राफ्ट को तमाम समितियों के जरिए सरकार के सामने रखा जाएगा.

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