ETV Bharat / sports

झारखंड के सौरभ तिवारी ने संन्यास का किया ऐलान, धोनी से होती थी तुलना - Saurabh Tiwari Retirement

बाएं हाथ के बल्लेबाज सौरभ तिवारी ने झारखंड और राजस्थान के बीच 16 फरवरी से जमशेदपुर में होने वाले रणजी ट्रॉफी के अंतिम लीग मैच के बाद पेशेवर क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला किया है. पढे़ं पूरी खबर.

Saurabh Tiwari
सौरभ तिवारी
author img

By IANS

Published : Feb 12, 2024, 10:01 PM IST

जमशेदपुर : रणजी ट्रॉफी में झारखंड के लिए खेल रहे सौरभ तिवारी ने सोमवार को 34 साल की उम्र में पेशेवर क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की. 15 फरवरी से शुरू हो रहे झारखंड और राजस्थान का रणजी मैच उनके 17 साल से अधिक लंबे करियर का आखिरी मैच होगा.

11 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू करने वाले तिवारी 2006-07 के रणजी ट्रॉफी सीजन में अपनी छाप छोड़ते हुए आगे बढ़े. वह 2008 में मलेशिया में अंडर-19 विश्‍व कप जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य थे.

दो साल बाद आईपीएल में उन्होंने मुंबई इंडियंस के लिए दमदार प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने 18 छक्के, टीम के लिए सबसे अधिक जड़े और रणजी ट्रॉफी में झारखंड के लिए तीन शतक ठोके, जिससे उन्हें जून 2010 में एशिया कप के लिए भारत में कॉल-अप अर्जित करने में मदद की. हालांकि, उन्हें अपने वनडे डेब्यू के लिए अक्टूबर तक इंतजार करना पड़ा, जो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू श्रृंखला में हुआ. अपने तीन वनडे मैचों में से दो में वह नाबाद रहे और 49 रन बनाए.

अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के मुकाबले तिवारी को घरेलू सर्किट में अपनी असली पहचान मिली और वह अपनी राज्य टीम के लिए एक दिग्गज खिलाड़ी बन गए. घरेलू क्रिकेट में तिवारी कुछ अधिक प्रतिभाशाली थे. उन्होंने 17 वर्षों में 115 प्रथम श्रेणी मैचों में भाग लिया और झारखंड का नेतृत्व किया. वह इस समय एमएस धोनी के 131 मैचों में 7038 रनों के रिकॉर्ड से आगे हैं, जिसमें 189 पारियों में 47.51 की औसत से 8030 रन हैं, जिसमें 22 शतक और 34 अर्द्धशतक शामिल हैं.

2011 के आईपीएल सीजन से पहले रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर द्वारा तिवारी को 1.6 मिलियन अमेरिकी डॉलर में खरीदा गया था, लेकिन उनकी फॉर्म में भारी गिरावट आई. उनके नाम 47 मैचों में केवल एक अर्धशतक था, और फिर एक घायल कंधे ने उन्हें 2014 के आईपीएल से बाहर कर दिया.

वह 2015 में दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए खेले और बाद में 2016 में राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स ने उन्हें खरीद लिया. तिवारी का 2015-16 रणजी ट्रॉफी फॉर्म उत्कृष्ट था. वह एक दोहरे शतक और पांच अर्द्धशतक के साथ सीजन के शीर्ष 15 बल्लेबाजों में शामिल थे.

तिवारी ने आईपीएल में 28.73 के औसत और 120 के स्ट्राइक रेट से 1494 रन बनाए हैं. कुल मिलाकर, उनके पास 29.02 के औसत और 122.17 के स्ट्राइक रेट के साथ 16 अर्द्धशतक के साथ 3454 टी20 रन हैं. उन्होंने सभी प्रारूपों में 88 बार अपने राज्य की कप्तानी की. जिसमें उन्होंने 36 जीते, 33 हारे और 19 ड्रॉ रहे.

सोमवार को जमशेदपुर के कीनन स्टेडियम में अपने फेयरवेल स्पीच में तिवारी ने पुरानी यादों को व्यक्त किया. उन्होंने क्रिकेट के मैदान पर अपनी कला को निखारने में बिताए वर्षों को याद करते हुए कहा, 'इस यात्रा को अलविदा कहना थोड़ा कठिन है जो मैंने अपनी स्कूली शिक्षा से पहले शुरू की थी'.

सौरभ तिवारी
सौरभ तिवारी

फिर भी, उन्होंने युवा पीढ़ी के लिए रास्ता बनाने के महत्व को पहचाना. उन्होंने प्रतिभा को निखारने की अपनी प्रतिबद्धता पर कहा, 'यदि आप राष्ट्रीय टीम और आईपीएल में नहीं हैं, तो किसी युवा खिलाड़ी के लिए राज्य टीम में जगह खाली करना बेहतर है'.

तिवारी की विरासत उनकी व्यक्तिगत उपलब्धियों से भी आगे तक फैली हुई है. उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में झारखंड के लिए सबसे अधिक रन बनाते हुए यहां तक कि एमएस धोनी को भी पीछे छोड़ते हुए, एक रिकॉर्ड तोड़ने वाले करियर को पीछे छोड़ दिया. उनके नेतृत्व के गुण निखर कर सामने आए, क्योंकि उन्होंने कई मौकों पर अपने राज्य और पूर्वी क्षेत्र की कप्तानी की और क्रिकेट परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ी.

ये भी पढे़ं :-

जमशेदपुर : रणजी ट्रॉफी में झारखंड के लिए खेल रहे सौरभ तिवारी ने सोमवार को 34 साल की उम्र में पेशेवर क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की. 15 फरवरी से शुरू हो रहे झारखंड और राजस्थान का रणजी मैच उनके 17 साल से अधिक लंबे करियर का आखिरी मैच होगा.

11 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू करने वाले तिवारी 2006-07 के रणजी ट्रॉफी सीजन में अपनी छाप छोड़ते हुए आगे बढ़े. वह 2008 में मलेशिया में अंडर-19 विश्‍व कप जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य थे.

दो साल बाद आईपीएल में उन्होंने मुंबई इंडियंस के लिए दमदार प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने 18 छक्के, टीम के लिए सबसे अधिक जड़े और रणजी ट्रॉफी में झारखंड के लिए तीन शतक ठोके, जिससे उन्हें जून 2010 में एशिया कप के लिए भारत में कॉल-अप अर्जित करने में मदद की. हालांकि, उन्हें अपने वनडे डेब्यू के लिए अक्टूबर तक इंतजार करना पड़ा, जो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू श्रृंखला में हुआ. अपने तीन वनडे मैचों में से दो में वह नाबाद रहे और 49 रन बनाए.

अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के मुकाबले तिवारी को घरेलू सर्किट में अपनी असली पहचान मिली और वह अपनी राज्य टीम के लिए एक दिग्गज खिलाड़ी बन गए. घरेलू क्रिकेट में तिवारी कुछ अधिक प्रतिभाशाली थे. उन्होंने 17 वर्षों में 115 प्रथम श्रेणी मैचों में भाग लिया और झारखंड का नेतृत्व किया. वह इस समय एमएस धोनी के 131 मैचों में 7038 रनों के रिकॉर्ड से आगे हैं, जिसमें 189 पारियों में 47.51 की औसत से 8030 रन हैं, जिसमें 22 शतक और 34 अर्द्धशतक शामिल हैं.

2011 के आईपीएल सीजन से पहले रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर द्वारा तिवारी को 1.6 मिलियन अमेरिकी डॉलर में खरीदा गया था, लेकिन उनकी फॉर्म में भारी गिरावट आई. उनके नाम 47 मैचों में केवल एक अर्धशतक था, और फिर एक घायल कंधे ने उन्हें 2014 के आईपीएल से बाहर कर दिया.

वह 2015 में दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए खेले और बाद में 2016 में राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स ने उन्हें खरीद लिया. तिवारी का 2015-16 रणजी ट्रॉफी फॉर्म उत्कृष्ट था. वह एक दोहरे शतक और पांच अर्द्धशतक के साथ सीजन के शीर्ष 15 बल्लेबाजों में शामिल थे.

तिवारी ने आईपीएल में 28.73 के औसत और 120 के स्ट्राइक रेट से 1494 रन बनाए हैं. कुल मिलाकर, उनके पास 29.02 के औसत और 122.17 के स्ट्राइक रेट के साथ 16 अर्द्धशतक के साथ 3454 टी20 रन हैं. उन्होंने सभी प्रारूपों में 88 बार अपने राज्य की कप्तानी की. जिसमें उन्होंने 36 जीते, 33 हारे और 19 ड्रॉ रहे.

सोमवार को जमशेदपुर के कीनन स्टेडियम में अपने फेयरवेल स्पीच में तिवारी ने पुरानी यादों को व्यक्त किया. उन्होंने क्रिकेट के मैदान पर अपनी कला को निखारने में बिताए वर्षों को याद करते हुए कहा, 'इस यात्रा को अलविदा कहना थोड़ा कठिन है जो मैंने अपनी स्कूली शिक्षा से पहले शुरू की थी'.

सौरभ तिवारी
सौरभ तिवारी

फिर भी, उन्होंने युवा पीढ़ी के लिए रास्ता बनाने के महत्व को पहचाना. उन्होंने प्रतिभा को निखारने की अपनी प्रतिबद्धता पर कहा, 'यदि आप राष्ट्रीय टीम और आईपीएल में नहीं हैं, तो किसी युवा खिलाड़ी के लिए राज्य टीम में जगह खाली करना बेहतर है'.

तिवारी की विरासत उनकी व्यक्तिगत उपलब्धियों से भी आगे तक फैली हुई है. उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में झारखंड के लिए सबसे अधिक रन बनाते हुए यहां तक कि एमएस धोनी को भी पीछे छोड़ते हुए, एक रिकॉर्ड तोड़ने वाले करियर को पीछे छोड़ दिया. उनके नेतृत्व के गुण निखर कर सामने आए, क्योंकि उन्होंने कई मौकों पर अपने राज्य और पूर्वी क्षेत्र की कप्तानी की और क्रिकेट परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ी.

ये भी पढे़ं :-

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.