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तुर्की के निशानेबाज यूसुफ को आदर्श मानते हैं सरबजोत, जानिए मनु भाकर के साथ कैसा है रिश्ता - Sarabjot Singh Interview

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By ETV Bharat Sports Team

Published : Aug 24, 2024, 2:26 PM IST

पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाले भारतीय निशानेबाज सरबजोत सिंह ने खुलासा किया कि, वह 2011 से तुर्की के निशानेबाज यूसुफ डिकेक को फोलो कर रहे हैं. वह उनकी तरह बनना चाहते हैं. पढ़ें पूरी खबर.

Olympic Medallist Sarabjot Singh
मनु भाकर और सरबजोत सिंह (IANS PHOTO)

नई दिल्ली : पेरिस ओलंपिक 2024 में सरबजोत सिंह ने कांस्य पदक जीतकर भारत के लिए इतिहास बनाया. वह शूिटंग के मिक्स्ड टीम इवेंट में पदक जीतने वाले पहले भारतीय हैं. दिलचस्प बात यह है कि हरियाणा के धीन गांव के रहने वाले 22 वर्षीय शार्प-शूटर सरबजोत सिंह युसुफ डिकेक को अपना आदर्श मानते हैं. इसके अलावा उन्होंने मनु भाकर के साथ हंसी मजाक के संबंधो का भी खुलासा किया है.

सरबजोत ने बताया कि, 2011 से तुर्की के निशानेबाज यूसुफ डिकेक को अपना आदर्श मानते हैं. बता दें, युसुफ हाल ही में पेरिस में अपने 'गियरलेस' मेडल शूटआउट के बाद यूसुफ वायरल हो गए थे. सरबजोत ने देश लौटने के बाद बेंगलुरु में स्पोर्ट्स ब्रांड के मुख्यालय की यात्रा के दौरान PUMA इंडिया के साथ इंटरव्यू में यूसुफ के प्रति अपने लगाव का खुलासा किया.

ओलंपिक कांस्य पदक विजेता सरबजोत ने कहा, 'मैं 2011 से यूसुफ के वीडियो देख रहा हूं. वह हमेशा से ऐसे ही रहे हैं. आज वह 51 साल के हैं. मैंने कोशिश की, लेकिन मैं उनकी पूर्णता की बराबरी नहीं कर सका. अगर मुझे मौका मिलता, तो मैं उनसे पूछता कि वह क्या खाते हैं.

पेरिस ओलंपिक में सरबजोत और मनु भाकर ने एक मिश्रित टीम के रूप में देश के लिए मेडल जीता. सरबजोत ने मनु के साथ अपनी बातचीत का भी खुलासा किया. उन्होंने बताया कि, हमारी बातचीत आमतौर पर इतनी होती थी कि, अपना 100 प्रतिशत देना है. उन्होंने शर्माते हुए और मुस्कुराते हुए बताया कि, हम कुछ मजाक-मस्ती भी करते थे. कभी मैं उसका मजाक उड़ाता, कभी वह मेरा मजाक उड़ाती थी.

इसके अलावा उन्होंने ट्रेनिंग की मुश्किलों का भी जिक्र किया. सरबजोत ने बताया कि, 'मेरी ट्रेनिंग 9 बजे होनी थी, जबकि मनु भाकर की 12 बजे, अलग-अलग. मिश्रित सत्र 30 मिनट तक चला, जिसके पहले उसने अलग से प्रशिक्षण लिया और मैंने अलग से.

जब सरबजोत से पूछा गया कि क्या उन्होंने अपने पसंदीदा हथियार - अपनी शूटिंग गन को कोई नाम दिया है, तो उन्होंने कहा, मैंने इसे कोई नाम नहीं दिया. हालांकि उन्होंने कहा, 'जब मैंने हांग्जो में 2022 एशियाई खेलों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, तो मैंने हथियार पर 'SSINGH30' लिखवाया. यह मेरा सबसे अच्छा हथियार है. क्योंकि मेरा पदक (स्वर्ण) 30 सितंबर को आया था और यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी.

यह भी पढ़ें : ओलंपिक मेडलिस्ट शूटर सरबजोत सिंह ने ठुकराई सरकारी नौकरी, वजह जानकर आप भी करेंगे सलाम

नई दिल्ली : पेरिस ओलंपिक 2024 में सरबजोत सिंह ने कांस्य पदक जीतकर भारत के लिए इतिहास बनाया. वह शूिटंग के मिक्स्ड टीम इवेंट में पदक जीतने वाले पहले भारतीय हैं. दिलचस्प बात यह है कि हरियाणा के धीन गांव के रहने वाले 22 वर्षीय शार्प-शूटर सरबजोत सिंह युसुफ डिकेक को अपना आदर्श मानते हैं. इसके अलावा उन्होंने मनु भाकर के साथ हंसी मजाक के संबंधो का भी खुलासा किया है.

सरबजोत ने बताया कि, 2011 से तुर्की के निशानेबाज यूसुफ डिकेक को अपना आदर्श मानते हैं. बता दें, युसुफ हाल ही में पेरिस में अपने 'गियरलेस' मेडल शूटआउट के बाद यूसुफ वायरल हो गए थे. सरबजोत ने देश लौटने के बाद बेंगलुरु में स्पोर्ट्स ब्रांड के मुख्यालय की यात्रा के दौरान PUMA इंडिया के साथ इंटरव्यू में यूसुफ के प्रति अपने लगाव का खुलासा किया.

ओलंपिक कांस्य पदक विजेता सरबजोत ने कहा, 'मैं 2011 से यूसुफ के वीडियो देख रहा हूं. वह हमेशा से ऐसे ही रहे हैं. आज वह 51 साल के हैं. मैंने कोशिश की, लेकिन मैं उनकी पूर्णता की बराबरी नहीं कर सका. अगर मुझे मौका मिलता, तो मैं उनसे पूछता कि वह क्या खाते हैं.

पेरिस ओलंपिक में सरबजोत और मनु भाकर ने एक मिश्रित टीम के रूप में देश के लिए मेडल जीता. सरबजोत ने मनु के साथ अपनी बातचीत का भी खुलासा किया. उन्होंने बताया कि, हमारी बातचीत आमतौर पर इतनी होती थी कि, अपना 100 प्रतिशत देना है. उन्होंने शर्माते हुए और मुस्कुराते हुए बताया कि, हम कुछ मजाक-मस्ती भी करते थे. कभी मैं उसका मजाक उड़ाता, कभी वह मेरा मजाक उड़ाती थी.

इसके अलावा उन्होंने ट्रेनिंग की मुश्किलों का भी जिक्र किया. सरबजोत ने बताया कि, 'मेरी ट्रेनिंग 9 बजे होनी थी, जबकि मनु भाकर की 12 बजे, अलग-अलग. मिश्रित सत्र 30 मिनट तक चला, जिसके पहले उसने अलग से प्रशिक्षण लिया और मैंने अलग से.

जब सरबजोत से पूछा गया कि क्या उन्होंने अपने पसंदीदा हथियार - अपनी शूटिंग गन को कोई नाम दिया है, तो उन्होंने कहा, मैंने इसे कोई नाम नहीं दिया. हालांकि उन्होंने कहा, 'जब मैंने हांग्जो में 2022 एशियाई खेलों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, तो मैंने हथियार पर 'SSINGH30' लिखवाया. यह मेरा सबसे अच्छा हथियार है. क्योंकि मेरा पदक (स्वर्ण) 30 सितंबर को आया था और यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी.

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