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झारखंड की बेटी सलीमा को अर्जुन पुरस्कार, भारतीय हॉकी महिला टीम की हैं कप्तान, संघर्ष और प्रतिभा को मिला सम्मान - SALIMA TETE

झारखंड की बेटी और भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान सलीमा टेटे को अर्जुन अवार्ड देने की घोषणा की गई है.

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डिजाइन इमेज (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 2, 2025, 5:52 PM IST

रांचीः झारखंड की स्टार महिला हॉकी खिलाड़ी और भारतीय हॉकी टीम की कप्तान सलीमा टेटे को अर्जुन अवार्ड से नवाजा जाएगा. खेल मंत्रालय ने राष्ट्रीय खेल पुरस्कार 2024 की घोषणा कर दी है. 4 खिलाड़ियों को खेल रत्न और 32 खिलाड़ियों को अर्जुन अवार्ड देने की घोषणा की गई है. 17 जनवरी को खिलाड़ियों को पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.

झारखंड की बेटी सलीमा टेटे का चयन अर्जुन पुरस्कार के लिए हुआ है. सलीमा अभी भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान हैं. उन्हें मई 2024 में सविता पूनिया की जगह टीम का कप्तान बनाया गया था. अर्जुन पुरस्कार के लिए चयनित होने पर उन्हें बधाई देने के लिए तांता लगा हुआ है.

सलीमा टेटे झारखंड के सिमडेगा जिले की निवासी हैं. उनका पैतृक गांव बड़की छापर है. उनके पिता का नाम सुलक्षण टेटे है, वो भी स्थानीय स्तर पर हॉकी खेलते रहे हैं. काफी संघर्षों के बाद सलीमा ने सिमडेगा से भारतीय हॉकी टीम तक सफर तय किया है. उनके इस संघर्ष में उनके परिवार वालों खूब साथ दिया. इसी के बदौलत आज वो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नाम कमा रही हैं.

सलीमा टेटे समेत कुल 32 लोगों को अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा. अर्जुन पुरस्कार पिछले 4 साल की अवधि में अच्छे प्रदर्शन, नेतृत्व, खेल कौशल और अनुशासन की भावना दिखाने के लिए दिया जाता है. अर्जुन अवार्ड के लिए सलीमा टेटे के नाम की घोषणा से पूरा झारखंड गौरवान्वित महसूस कर रहा है.

हॉकी इंडिया के अध्यक्ष भोला नाथ सिंह ने इस उपलब्धि के लिए सलीमा टेटे को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं. ईटीवी भारत से फोन पर बात करते हुए भोलानाथ सिंह ने कहा कि अर्जुन अवार्ड मिलना बड़े सौभाग्य की बात है. इससे पहले माइकल किंडो को अर्जुन अवार्ड मिला था. उन्होंने कहा कि सलीमा झारखंड की पहली बेटी है, जिसका चयन अर्जुन अवार्ड के लिए हुआ है. यह पूरे झारखंड के लिए गौरव की बात है.

साल 2016 में सलीमा का चयन जूनियर भारतीय हॉकी महिला टीम के लिए हुआ था. इसके बाद सलीमा ने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा. सिमडेगा हॉकी के अध्यक्ष मनोज कोनबेगी ने सबसे पहले साल 2010 में सलीमा की प्रतिभा को पहचाना था, जब वो ग्रामीण स्तर पर एक हॉकी टूर्नामेंट में भाग लेने आई थी. मनोज कोनबेगी ने ईटीवी भारत को बताया कि सलीमा ने डिफेंडर के रूप में शुरुआत की थी. अब मिड फील्डर के रूप में खेलती हैं. सलीमा प्रतिभा की इतनी धनी हैं कि कई बार जरूरत पड़ने पर टीम के लिए बतौर फॉर्वर्ड भी खेल चुकी हैं.

रांचीः झारखंड की स्टार महिला हॉकी खिलाड़ी और भारतीय हॉकी टीम की कप्तान सलीमा टेटे को अर्जुन अवार्ड से नवाजा जाएगा. खेल मंत्रालय ने राष्ट्रीय खेल पुरस्कार 2024 की घोषणा कर दी है. 4 खिलाड़ियों को खेल रत्न और 32 खिलाड़ियों को अर्जुन अवार्ड देने की घोषणा की गई है. 17 जनवरी को खिलाड़ियों को पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.

झारखंड की बेटी सलीमा टेटे का चयन अर्जुन पुरस्कार के लिए हुआ है. सलीमा अभी भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान हैं. उन्हें मई 2024 में सविता पूनिया की जगह टीम का कप्तान बनाया गया था. अर्जुन पुरस्कार के लिए चयनित होने पर उन्हें बधाई देने के लिए तांता लगा हुआ है.

सलीमा टेटे झारखंड के सिमडेगा जिले की निवासी हैं. उनका पैतृक गांव बड़की छापर है. उनके पिता का नाम सुलक्षण टेटे है, वो भी स्थानीय स्तर पर हॉकी खेलते रहे हैं. काफी संघर्षों के बाद सलीमा ने सिमडेगा से भारतीय हॉकी टीम तक सफर तय किया है. उनके इस संघर्ष में उनके परिवार वालों खूब साथ दिया. इसी के बदौलत आज वो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नाम कमा रही हैं.

सलीमा टेटे समेत कुल 32 लोगों को अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा. अर्जुन पुरस्कार पिछले 4 साल की अवधि में अच्छे प्रदर्शन, नेतृत्व, खेल कौशल और अनुशासन की भावना दिखाने के लिए दिया जाता है. अर्जुन अवार्ड के लिए सलीमा टेटे के नाम की घोषणा से पूरा झारखंड गौरवान्वित महसूस कर रहा है.

हॉकी इंडिया के अध्यक्ष भोला नाथ सिंह ने इस उपलब्धि के लिए सलीमा टेटे को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं. ईटीवी भारत से फोन पर बात करते हुए भोलानाथ सिंह ने कहा कि अर्जुन अवार्ड मिलना बड़े सौभाग्य की बात है. इससे पहले माइकल किंडो को अर्जुन अवार्ड मिला था. उन्होंने कहा कि सलीमा झारखंड की पहली बेटी है, जिसका चयन अर्जुन अवार्ड के लिए हुआ है. यह पूरे झारखंड के लिए गौरव की बात है.

साल 2016 में सलीमा का चयन जूनियर भारतीय हॉकी महिला टीम के लिए हुआ था. इसके बाद सलीमा ने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा. सिमडेगा हॉकी के अध्यक्ष मनोज कोनबेगी ने सबसे पहले साल 2010 में सलीमा की प्रतिभा को पहचाना था, जब वो ग्रामीण स्तर पर एक हॉकी टूर्नामेंट में भाग लेने आई थी. मनोज कोनबेगी ने ईटीवी भारत को बताया कि सलीमा ने डिफेंडर के रूप में शुरुआत की थी. अब मिड फील्डर के रूप में खेलती हैं. सलीमा प्रतिभा की इतनी धनी हैं कि कई बार जरूरत पड़ने पर टीम के लिए बतौर फॉर्वर्ड भी खेल चुकी हैं.

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