पुणे (महाराष्ट्र): भारत की पैरा-बैडमिंटन खिलाड़ी आरती पाटिल ने पैर की चोट के बाद अंतरराष्ट्रीय सर्किट में कांस्य पदक जीतकर वापसी की है. इस चोट के कारण वह कई महीनों तक खेल से बाहर रही थीं. अब उनका लक्ष्य अगस्त तक शीर्ष-10 रैंकिंग हासिल करना है, ताकि वह बीडब्ल्यूएफ सर्किट पर लेवल 1 टूर्नामेंट खेलने के योग्य हो सकें. फरवरी में थाईलैंड में बीडब्ल्यूएफ विश्व चैंपियनशिप के बाद से कोई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता नहीं खेलने वाली पाटिल शनिवार को बहरीन पैरा-बैडमिंटन टूर्नामेंट में महिलाओं की एसयू5 श्रेणी के सेमीफाइनल में हमवतन मनीषा रामदास से हार गईं.
सेमीफाइनल तक पहुंचने से पाटिल छह पायदान ऊपर चढ़कर विश्व रैंकिंग में 14वें स्थान पर पहुंच गईं, लेकिन उन्हें पता है कि उन्हें और भी आगे बढ़ना है. मुझे लेवल बीडब्ल्यूएफ टूर्नामेंट खेलने के लिए शीर्ष 12 में रहना होगा और यही मेरा अगला लक्ष्य है. लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मैं एशियाई चैम्पियनशिप और अगले साल की विश्व चैम्पियनशिप में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने और उस लक्ष्य की ओर काम करने पर ध्यान केंद्रित कर रही हूं. पाटिल ने अगले जुलाई में युगांडा पैरा बैडमिंटन टूर्नामेंट में भाग लेंगी.
कर्नाटक के बेलगावी जिले के एक गाँव से ताल्लुक रखने वाली लेकिन वर्तमान में पुणे में प्रशिक्षण लेने वाली इस युवा खिलाड़ी ने अपने ऊपर वित्तीय दबाव को कम करने में पुनीत बालन समूह के समर्थन का श्रेय दिया. उन्होंने कहा, इन अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में प्रतिस्पर्धा करने की लागत बढ़ रही है और पुनीत बालन समूह की वित्तीय सहायता की बदौलत ही मैं विश्व चैम्पियनशिप और इस टूर्नामेंट में खेलने का खर्च उठा सकी. मैं युगांडा में खेलने और अपने पदक का रंग बदलने के लिए उत्सुक हूं. पुनीत बालन समूह ने तीन साल तक आरती का समर्थन करने की प्रतिबद्धता जताई है और अंतरराष्ट्रीय मंच पर पदक जीतने की उसकी चाहत में उसे पूरा समर्थन देगा.