पुलिवेंदुला (आंध्र प्रदेश) : नीतीश कुमार रेड्डी का नाम अब क्रिकेट जगत में गूंज रहा है. मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चल रही टेस्ट सीरीज में शतक लगाने वाले इस युवा क्रिकेटर ने सभी को प्रभावित किया है और खेल के दिग्गजों से प्रशंसा अर्जित की है. हालांकि, कडप्पा ही उनके उत्थान का असली कारण है. यहीं नितीश ने अपनी पढ़ाई के दौरान 4 साल तक कड़ी क्रिकेट ट्रेनिंग ली.
कडप्पा में दृढ़ता का निर्माण
वाईएसआर जिले के लिंगाला मंडल के गुनाकनपल्ले के उनके मुख्य कोच पोचामारेड्डी मधुसूदन रेड्डी ने याद किया, 'क्रिकेटर नीतीश कुमार रेड्डी प्रशिक्षण के दौरान 50-55 रन बनाते थे और रुक जाते थे. उनकी दृढ़ता का निर्माण करने के लिए, मैंने उनसे कहा, 'शतक बनाने के बाद ही मुझसे बात करना'. एक महीने बाद, उन्होंने 125 रन बनाए और वापस आकर कहा, 'सर, क्या हम अब बात कर सकते हैं?' मैंने उनका कंधा थपथपाया और उनसे कहा, 'यही वह आग है जो मैं तुमसे चाहता हूं'. उसके बाद से, उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा'.
The rising ⭐ of Indian cricket shines bright in the Boxing Day Test with a maiden Test hundred! 💪
— Star Sports (@StarSportsIndia) December 28, 2024
Take a bow, #NitishKumarReddy! 🔥#AUSvINDOnStar 👉 4th Test, Day 3 | LIVE NOW! | #ToughestRivalry #BorderGavaskarTrophy pic.twitter.com/xsKac0iCju
नीतीश के कोच मधुसूदन रेड्डी
नीतीश कुमार रेड्डी, जिन्होंने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे टेस्ट में शतक बनाया, ने भी अपने कोच मधुसूदन रेड्डी के प्रति आभार व्यक्त किया. कोच ने नीतीश की यात्रा पर विचार करते हुए कहा: 'नीतीश कुमार रेड्डी के जुनून और दृढ़ता ने उन्हें इस स्तर तक पहुंचाया है. उनके माता-पिता, खासकर उनके पिता मुत्यालुरेड्डी ने नीतीश की प्रतिभा को निखारने के लिए कडप्पा में आंध्र क्रिकेट एसोसिएशन से संपर्क किया, जब वह 13 साल के थे'.
Years of hard work paying off! 🇮🇳🏏 #NitishKumarReddy shares what his celebration meant after his maiden ton at the #MCG. #AUSvINDOnStar 👉 4th Test, Day 5 | MON, 30th DEC, 4:30 AM pic.twitter.com/S8vuq1uOAV
— Star Sports (@StarSportsIndia) December 29, 2024
कडप्पा में शुरुआती दिन
2012 में नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद, कडप्पा के वाईएस राजा रेड्डी क्रिकेट स्टेडियम में आंध्र क्रिकेट एसोसिएशन में शामिल हुए मधुसूदन रेड्डी ने जनवरी 2013 में नीतीश को कोचिंग देना शुरू किया. अगले 4 वर्षों में, नीतीश ने स्टेडियम में गहन प्रशिक्षण लिया. कोच ने उन्हें खेल की बुनियादी बातें, रणनीतियां और सबसे महत्वपूर्ण बात, सफल होने के लिए आवश्यक दृष्टिकोण सिखाया.
माता-पिता का समर्थन
नीतीश के माता-पिता ने उनकी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वे नियमित रूप से स्टेडियम जाते थे और उम्मीद जताते थे कि उनका बेटा क्रिकेट में बड़ी उपलब्धियां हासिल करेगा. मधुसूदन रेड्डी ने याद करते हुए कहा, 'नीतीश की क्षमता में उनका प्रोत्साहन और विश्वास अटूट था. यही कारण है कि वह इतनी ऊंचाइयों तक पहुंचे हैं'.
Remember the Name
— CrickeTendulkar 🇮🇳 (@CrickeTendulkar) December 28, 2024
NITISH KUMAR REDDY
And
- Sacrificed his job.
- Retired 25 years early.
- Gave his full attention to Nitish
- Took him to training and gave all the facilities he could despite financial conditions.
He is " mutyala reddy "
a proud father ! 🙇♂️🇮🇳 pic.twitter.com/kUR9mJ80NO
कठिन ट्रेनिंग
नीतीश का प्रशिक्षण कठोर था, जिसमें आंध्र क्रिकेट एसोसिएशन के तत्वावधान में हर सुबह और शाम अनिवार्य सत्र शामिल थे. वह रोजाना करीब 1000 गेंदें खेलते थे. क्रिकेट प्रशिक्षण के साथ-साथ, नीतीश ने अपनी शिक्षा भी जारी रखी, कडप्पा में गुरुकुल विद्यापीठ में अध्ययन किया और वहीं कक्षा 10 तक की पढ़ाई पूरी की.
विराट कोहली से प्रेरणा
नीतीश स्टार क्रिकेटर विराट कोहली के बहुत बड़े फैन हैं और अपनी पूरी यात्रा में उन्होंने उनसे प्रेरणा ली. मधुसूदन रेड्डी ने नीतीश की खुशी के बारे में एक किस्सा साझा किया जब उन्हें बीसीसीआई द्वारा आयोजित अंडर-16 राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में 2017-18 के लिए वर्ष का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार मिला. नीतीश ने टूर्नामेंट में 1200 रन बनाए और विराट कोहली के साथ पुरस्कार प्राप्त किया, जो उनके लिए बहुत गर्व का क्षण था.
What a moment this for the youngster!
— BCCI (@BCCI) December 28, 2024
A maiden Test 100 at the MCG, it does not get any better than this 👏👏#TeamIndia #AUSvIND pic.twitter.com/KqsScNn5G7
कडप्पा में निहित विरासत
नीतीश कुमार रेड्डी की प्रसिद्धि का श्रेय कडप्पा में मिले समर्पण, कड़ी मेहनत और प्रोत्साहन को जाता है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनका शतक न केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि उनके जिले, परिवार और गुरु के लिए भी एक गौरवपूर्ण क्षण है.
नीतीश ने अपनी क्रिकेट यात्रा जारी रखी है, उनकी कहानी युवा उम्मीदवारों के लिए प्रेरणा की किरण के रूप में है और यह याद दिलाती है कि कैसे मजबूत नींव और अथक प्रयास से सितारे बन सकते हैं.