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उत्तराखंड खेल महाकुंभ में आकर्षण का केंद्र बना मुर्गा झपट, बच्चों को आ रहा पसंद, नेशनल गेम्स में होगा प्रदर्शन

मुर्गा झपट उत्तराखंड का पारंपरिक खेल रहा है, टीवी-मोबाइल के जमाने में हाशिए पर चला गया था, फिर मिलेगी पहचान

MURGA JHAPAT SPORT
मुर्गा झपट खेल (PHOTO- ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 25, 2024, 9:43 AM IST

Updated : Nov 25, 2024, 11:19 AM IST

श्रीनगर: अगर आपका जन्म 20वीं सदी में हुआ है, तो आप उत्तराखंड के पर्वतीय अंचलों में अक्सर खेले जाने वाले मुर्गा झपट खेल के बारे में जरूर जानते होंगे. मोबाइल और डिश टीवी के पहले पहाड़ के हर गांव और स्कूल में मुर्गा झपट खेलते बच्चे दिख जाते थे. ये शक्ति, संतुलन और एकाग्रता वाला खेल है.

मुर्गा झपट को मिल रही नई पहचान: जैसे-जैसे तकनीक का जमाना आया तो बच्चे कम्प्यूटर, मोबाइल, वीडियो गेम्स की दुनिया में खोते चले गए. अब उत्तराखंड सरकार की पहल पर राज्य में खेले जाने वाले पारंपरिक खेलों को भी पहचान मिल रही है. ऐसा ही एक खेल बच्चों को इन दिनों खूब भा रहा है. ये खेल है मुर्गा झपट. उत्तराखंड का पारंपरिक खेल मुर्गा झपट अब खेल महाकुंभ में भी अपनी जगह बना चुका है.

मुर्गा झपट को पहचान दिलाने की कवायद (VIDEO- ETV Bharat)

खेल महाकुंभ में मुर्गा झपट को मिला स्थान: पौड़ी गढ़वाल जिले में आयोजित हो रही खेल महाकुंभ प्रतियोगिता में पहली बार मुर्गा झपट को भी शामिल किया गया. इसे खेलने में स्कूल और कॉलेज के छात्र बड़ी दिलचस्पी दिखा रहे हैं. उत्तराखंड में अगले साल की शुरुआत में होने जा रहे 38वें राष्ट्रीय खेलों में इस खेल को प्रदर्शनी खेल के तौर पर शामिल किए जाने का प्रस्ताव पूर्व में खेल विभाग शासन को भेज चुका है. ऐसे में मुर्गा झपट खेल की झलकियां 38वें राष्ट्रीय खेलों के दौरान भी नजर आ सकती हैं.

नई पीढ़ी के बच्चे मुर्गा झपट खेल रहे: दरअसल उत्तराखंड के पारंपरिक खेल विलुप्ति की कगार पर हैं. ऐसे में युवा पीढ़ी अब इन खेलों में रुचि ले, इसके लिए इन खेलों के संरक्षण की पहल की जा रही है. इस खेल में मुकाबला दो खिलाड़ियों के बीच के गोले के भीतर होता है. अपने एक-एक पैर को उठाकर हाथ से पकड़कर दोनों खिलाड़ी दूसरी ओर के कंधे का जोर लगाकर एक दूसरे को गोले से बाहर धकेलने का प्रयास करते हैं. इसमें जिसका बैलेंस ज्यादा होगा और जिसके पैरों, कमर और कंधों में ज्यादा ताकत होगी उस खिलाड़ी के जीतने की संभावना उतनी ही ज्यादा होती है.

38वें नेशनल गेम्स में मुर्गा झपट खेल का प्रदर्शन होगा: पौड़ी गढ़वाल जिला युवा कल्याण अधिकारी रवींद्र फोनिया ने बताया कि युवा पीढ़ी इस खेल के प्रति जिस तरह से अब रुचि ले रही है, उससे प्रदेश का ये पारंपरिक खेल उम्मीदों पर खरा उतर रहा है. इसके साथ ही बच्चों को इस खेल की स्पेशल कोचिंग के लिए विशेष कोच भी तैनात किए जा रहा है. मुर्गा झपट के कोच सतीश चंद्र ने बताया वे काफी समय से बच्चों को इस खेल की ट्रेनिग दे रहे हैं. बच्चों को भी ये खेल काफी अच्छा लग रहा है. उन्होंने कहा कि कोशिश होगी कि नेशनल गेम्स में उत्तराखंड से एक बेहतर टीम पूरी तैयारी के साथ जाए और देश के बाकी हिस्सों के लोग भी इस खेल के बारे में जान सकें.
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मुर्गा झपट को पहचान दिलाने की कवायद (VIDEO- ETV Bharat)

खेल महाकुंभ में मुर्गा झपट को मिला स्थान: पौड़ी गढ़वाल जिले में आयोजित हो रही खेल महाकुंभ प्रतियोगिता में पहली बार मुर्गा झपट को भी शामिल किया गया. इसे खेलने में स्कूल और कॉलेज के छात्र बड़ी दिलचस्पी दिखा रहे हैं. उत्तराखंड में अगले साल की शुरुआत में होने जा रहे 38वें राष्ट्रीय खेलों में इस खेल को प्रदर्शनी खेल के तौर पर शामिल किए जाने का प्रस्ताव पूर्व में खेल विभाग शासन को भेज चुका है. ऐसे में मुर्गा झपट खेल की झलकियां 38वें राष्ट्रीय खेलों के दौरान भी नजर आ सकती हैं.

नई पीढ़ी के बच्चे मुर्गा झपट खेल रहे: दरअसल उत्तराखंड के पारंपरिक खेल विलुप्ति की कगार पर हैं. ऐसे में युवा पीढ़ी अब इन खेलों में रुचि ले, इसके लिए इन खेलों के संरक्षण की पहल की जा रही है. इस खेल में मुकाबला दो खिलाड़ियों के बीच के गोले के भीतर होता है. अपने एक-एक पैर को उठाकर हाथ से पकड़कर दोनों खिलाड़ी दूसरी ओर के कंधे का जोर लगाकर एक दूसरे को गोले से बाहर धकेलने का प्रयास करते हैं. इसमें जिसका बैलेंस ज्यादा होगा और जिसके पैरों, कमर और कंधों में ज्यादा ताकत होगी उस खिलाड़ी के जीतने की संभावना उतनी ही ज्यादा होती है.

38वें नेशनल गेम्स में मुर्गा झपट खेल का प्रदर्शन होगा: पौड़ी गढ़वाल जिला युवा कल्याण अधिकारी रवींद्र फोनिया ने बताया कि युवा पीढ़ी इस खेल के प्रति जिस तरह से अब रुचि ले रही है, उससे प्रदेश का ये पारंपरिक खेल उम्मीदों पर खरा उतर रहा है. इसके साथ ही बच्चों को इस खेल की स्पेशल कोचिंग के लिए विशेष कोच भी तैनात किए जा रहा है. मुर्गा झपट के कोच सतीश चंद्र ने बताया वे काफी समय से बच्चों को इस खेल की ट्रेनिग दे रहे हैं. बच्चों को भी ये खेल काफी अच्छा लग रहा है. उन्होंने कहा कि कोशिश होगी कि नेशनल गेम्स में उत्तराखंड से एक बेहतर टीम पूरी तैयारी के साथ जाए और देश के बाकी हिस्सों के लोग भी इस खेल के बारे में जान सकें.
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Last Updated : Nov 25, 2024, 11:19 AM IST
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