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कोच रमाकांत आचरेकर का शिवाजी पार्क में बनेगा स्मारक, तेंदुलकर बोले- सरकार के फैसले से बहुत खुश हूं - Ramakant Achrekar Memorial

Ramakant Achrekar Memorial : महाराष्ट्र सरकार ने प्रसिद्ध कोच रमाकांत आचरेकर के लिए एक स्मारक को मंजूरी दी है, जिन्होंने महान सचिन तेंदुलकर जैसे छात्रों को प्रशिक्षित किया. स्मारक मुंबई के शिवाजी पार्क में बनाया जाएगा, जहां आचरेकर ने अपना जीवन उभरते क्रिकेटरों को प्रशिक्षण देने में बिताया. ईटीवी भारत के निखिल बापट की रिपोर्ट.

File Photo: Ramakant Achrekar
फाइल फोटो: रमाकांत आचरेकर (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Sports Team

Published : Aug 29, 2024, 11:54 AM IST

Updated : Aug 29, 2024, 12:05 PM IST

मुंबई (महाराष्ट्र) : महान सचिन तेंदुलकर के कोच स्वर्गीय रमाकांत आचरेकर का मध्य मुंबई के दादर में शिवाजी पार्क से विशेष लगाव था. यह शिवाजी पार्क ही था जहां आचरेकर ने न केवल तेंदुलकर को बल्कि प्रवीण आमरे, विनोद कांबली और चंद्रकांत पंडित जैसे कई अन्य खिलाड़ियों को अपना पहला क्रिकेट प्रशिक्षण दिया था, जो आगे चलकर भारत के लिए खेले.

अब महाराष्ट्र सरकार ने द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता कोच की याद में एक स्मारक बनाने की मंजूरी दे दी है. मालवण में जन्मे और बेहतरीन कोचों में से एक आचरेकर का 2 जनवरी, 2019 को मुंबई में निधन हो गया था.

शहरी विकास विभाग द्वारा जारी एक सरकारी प्रस्ताव के अनुसार, राज्य सरकार ने शिवाजी पार्क के गेट नंबर 5 पर रमाकांत आचरेकर के लिए 6 गुणा 6 गुणा 6 का स्मारक बनाने को मंजूरी दी है. स्मारक बनाने की सिफारिश मुंबई के संरक्षक मंत्री की अध्यक्षता वाली समिति ने की थी.

जीआर में यह भी कहा गया है कि स्मारक का निर्माण समय पर पूरा करना ग्रेटर मुंबई नगर निगम (एमसीजीएम) के आयुक्त की जिम्मेदारी होगी. इसमें यह भी कहा गया है कि स्मारक के डिजाइन को मंजूरी देते समय कोई पेड़ नहीं काटा जाना चाहिए और अगर जरूरत पड़ी तो संबंधित प्राधिकरण की अनुमति लेनी होगी. जीआर ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रतिमा के रखरखाव की जिम्मेदारी बीवी कामथ मेमोरियल क्लब की होगी और इसके लिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा अलग से कोई फंड नहीं दिया जाएगा.

सचिन तेंदुलकर ने जताई खुशी
इसे लेकर महान भारतीय बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है. तेंदुलकर ने कहा है, 'आचरेकर सर का मेरे और कई अन्य लोगों के जीवन पर बहुत प्रभाव रहा है. मैं उनके सभी छात्रों की ओर से बोल रहा हूं. उनका जीवन शिवाजी पार्क में क्रिकेट के इर्द-गिर्द घूमता था. शिवाजी पार्क में हमेशा रहना ही उनकी इच्छा रही होगी. मैं आचरेकर सर की कर्मभूमि पर उनकी प्रतिमा बनाने के सरकार के फैसले से बहुत खुश हूं'.

शिवाजी पार्क जिमखाना के सहायक सचिव सुनील रामचंद्रन ने ईटीवी भारत को बताया कि आचरेकर सर के छात्रों की इच्छा थी कि शिवाजी पार्क में उनके लिए एक स्मारक बनाया जाए, जहां उन्होंने अपना जीवन बिताया.

रामचंद्रन ने कहा, 'यह मेरी भी इच्छा थी और मुझे खुशी है कि महाराष्ट्र सरकार ने मंजूरी दे दी है. इस स्मारक के लिए महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने हमारी मदद की'. रामचंद्रन के अनुसार, स्मारक में दो बल्ले, एक गेंद और आचरेकर सर की प्रतिष्ठित टोपी होगी.

रामचंद्रन ने कहा, 'हम कोशिश कर रहे हैं कि बल्ले में से एक पर उन सभी 13 भारतीय खिलाड़ियों के हस्ताक्षर हों, जिन्हें आचरेकर सर ने प्रशिक्षित किया था. हमारा प्रयास है कि इस साल दिसंबर तक स्मारक पूरा हो जाए'.

इस फैसले पर खुशी जताते हुए रमाकांत आचरेकर की बेटी विशाखा आचरेकर-दलवी ने ईटीवी भारत से कहा, 'हम सभी इसका इंतजार कर रहे थे. मेरे पिता ने अपना पूरा जीवन शिवाजी पार्क में बिताया और वह सुबह 4 बजे मैदान (पार्क) में चले जाते थे. वह केवल देने की कला जानते थे और उन्होंने अपना पूरा जीवन क्रिकेट को समर्पित कर दिया'.

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मुंबई (महाराष्ट्र) : महान सचिन तेंदुलकर के कोच स्वर्गीय रमाकांत आचरेकर का मध्य मुंबई के दादर में शिवाजी पार्क से विशेष लगाव था. यह शिवाजी पार्क ही था जहां आचरेकर ने न केवल तेंदुलकर को बल्कि प्रवीण आमरे, विनोद कांबली और चंद्रकांत पंडित जैसे कई अन्य खिलाड़ियों को अपना पहला क्रिकेट प्रशिक्षण दिया था, जो आगे चलकर भारत के लिए खेले.

अब महाराष्ट्र सरकार ने द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता कोच की याद में एक स्मारक बनाने की मंजूरी दे दी है. मालवण में जन्मे और बेहतरीन कोचों में से एक आचरेकर का 2 जनवरी, 2019 को मुंबई में निधन हो गया था.

शहरी विकास विभाग द्वारा जारी एक सरकारी प्रस्ताव के अनुसार, राज्य सरकार ने शिवाजी पार्क के गेट नंबर 5 पर रमाकांत आचरेकर के लिए 6 गुणा 6 गुणा 6 का स्मारक बनाने को मंजूरी दी है. स्मारक बनाने की सिफारिश मुंबई के संरक्षक मंत्री की अध्यक्षता वाली समिति ने की थी.

जीआर में यह भी कहा गया है कि स्मारक का निर्माण समय पर पूरा करना ग्रेटर मुंबई नगर निगम (एमसीजीएम) के आयुक्त की जिम्मेदारी होगी. इसमें यह भी कहा गया है कि स्मारक के डिजाइन को मंजूरी देते समय कोई पेड़ नहीं काटा जाना चाहिए और अगर जरूरत पड़ी तो संबंधित प्राधिकरण की अनुमति लेनी होगी. जीआर ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रतिमा के रखरखाव की जिम्मेदारी बीवी कामथ मेमोरियल क्लब की होगी और इसके लिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा अलग से कोई फंड नहीं दिया जाएगा.

सचिन तेंदुलकर ने जताई खुशी
इसे लेकर महान भारतीय बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है. तेंदुलकर ने कहा है, 'आचरेकर सर का मेरे और कई अन्य लोगों के जीवन पर बहुत प्रभाव रहा है. मैं उनके सभी छात्रों की ओर से बोल रहा हूं. उनका जीवन शिवाजी पार्क में क्रिकेट के इर्द-गिर्द घूमता था. शिवाजी पार्क में हमेशा रहना ही उनकी इच्छा रही होगी. मैं आचरेकर सर की कर्मभूमि पर उनकी प्रतिमा बनाने के सरकार के फैसले से बहुत खुश हूं'.

शिवाजी पार्क जिमखाना के सहायक सचिव सुनील रामचंद्रन ने ईटीवी भारत को बताया कि आचरेकर सर के छात्रों की इच्छा थी कि शिवाजी पार्क में उनके लिए एक स्मारक बनाया जाए, जहां उन्होंने अपना जीवन बिताया.

रामचंद्रन ने कहा, 'यह मेरी भी इच्छा थी और मुझे खुशी है कि महाराष्ट्र सरकार ने मंजूरी दे दी है. इस स्मारक के लिए महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने हमारी मदद की'. रामचंद्रन के अनुसार, स्मारक में दो बल्ले, एक गेंद और आचरेकर सर की प्रतिष्ठित टोपी होगी.

रामचंद्रन ने कहा, 'हम कोशिश कर रहे हैं कि बल्ले में से एक पर उन सभी 13 भारतीय खिलाड़ियों के हस्ताक्षर हों, जिन्हें आचरेकर सर ने प्रशिक्षित किया था. हमारा प्रयास है कि इस साल दिसंबर तक स्मारक पूरा हो जाए'.

इस फैसले पर खुशी जताते हुए रमाकांत आचरेकर की बेटी विशाखा आचरेकर-दलवी ने ईटीवी भारत से कहा, 'हम सभी इसका इंतजार कर रहे थे. मेरे पिता ने अपना पूरा जीवन शिवाजी पार्क में बिताया और वह सुबह 4 बजे मैदान (पार्क) में चले जाते थे. वह केवल देने की कला जानते थे और उन्होंने अपना पूरा जीवन क्रिकेट को समर्पित कर दिया'.

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Last Updated : Aug 29, 2024, 12:05 PM IST
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