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U-19 विश्व कप के फाइनल से पहले नमन तिवारी ने भरी हुंकार, बुमराह और स्टार्क के लिए बोली बड़ी बात

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच अंडर 19 विश्व कप 2024 का फाइनल मैच में 11 फरवरी को खेला जाना है. इस मैच में पहले टीम इंडिया के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज नमन तिवारी ने एक इंटरव्यू में कई अहम बातों का खुलासा किया है.

Naman Tiwar
नमन तिवारी
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By PTI

Published : Feb 10, 2024, 2:15 PM IST

Updated : Feb 10, 2024, 2:28 PM IST

बेनोनी: अंडर 19 विश्व कप में अपनी आक्रामक गेंदबाजी से सुर्खियां बंटोरने वाले बायें हाथ के मध्यम तेज गेंदबाज नमन तिवारी ने कहा कि एनसीए में सीनियर गेंदबाज जसप्रीत बुमराह से मिले टिप्स ने उन्हें एक बेहतर गेंदबाज बनाने में काफी मदद की है. लखनऊ के रहने वाले तिवारी ने टूर्नामेंट में आयरलैंड के खिलाफ चार विकेट लेकर भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई थी. इसके अलावा उनके शानदार यॉर्कर और रफ्तार भी चर्चा का विषय बने हुए हैं.

आस्ट्रेलिया के खिलाफ रविवार को होने वाले फाइनल के लिये भारतीय टीम के अभ्यास सत्र से इतर उन्होंने भाषा को दिये विशेष इंटरव्यू में कहा ,‘बुमराह तो हमारे लिये प्रेरणास्रोत हैं. उनकी गेंदबाजी के वीडियो मैं बहुत देखता हूं. एनसीए में मुझे कई बार मिले हैं और उनसे गेंदबाज की मानसिकता और कौशल के बारे में काफी बात की है. उन्होंने बहुत कुछ समझाया है जो काम आ रहा है. उन्होंने बताया कि सटीक यॉर्कर कैसे लगा सकते हैं जिस पर मैने काफी काम किया. इसमें और आक्रामकता लाने के लिये मेहनत करनी है’.

भारीतय टीम
भारीतय टीम

तिवारी ने आगे कहा, ‘मैं हर गेंदबाज से कुछ न कुछ सीखता हूं. जिसका जो अच्छा लगता है. उसके वीडियो देखकर समझने और सीखने की कोशिश करता हूं. शोएब अख्तर की रफ्तार, डेल स्टेन की स्विंग और मिचेल स्टार्क की आक्रामकता बहुत अच्छी लगती है’.

उन्होंने कहा,‘बतौर बल्लेबाज ही मैने क्रिकेट खेलना शुरू किया था लेकिन मुझे बल्लेबाजी मिलती ही नहीं थी. इसलिये मैने लखनऊ में अकादमी में गेंदबाजी शुरू की और बायें हाथ से काम करता हूं तो बायें हाथ का ही तेज गेंदबाज बना’.

तिवारी ने कहा ,‘पापा हमेशा पढने के लिये कहते रहते थे. मैं सातवीं में था और मेरा मन क्रिकेट में लगता था. दो जगह फोकस नहीं कर पाता था तो मैने पापा से तीन साल का समय मांगा ताकि अच्छा क्रिकेटर बनकर दिखा सकूं. आज मेरी सफलता से मेरा परिवार बहुत खुश है. शाम होते ही पापा का फोन आता है और बहुत खुश होते हैं, उनको खुश देखकर मुझे बहुत अच्छा लगता है कि मैने उन्हें निराश नहीं किया’.

उन्होंने आगे कहा कि, ‘मैं एक दिन दुनिया की सबसे तेज गेंद फेंकना चाहता हूं. इरादे तो सीनियर टीम के साथ विश्व कप खेलने के भी हैं लेकिन फिलहाल प्रदर्शन पर फोकस करना है. मैं अपने खेल में लगातार निखार लाना चाहता हूं क्योंकि आगे चुनौतियां और भी बड़ी आयेंगी और उनका सामना करने के लिये अपना बेस तैयार करना होगा. अभी तक सभी खिलाड़ियों का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा है. खास तौर पर सेमीफाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हमने जबर्दस्त जज्बा दिखाया. मुझे बहुत खुशी हो रही है कि टीम ऐसा खेल रही है और फाइनल में भी हम कोशिश करेंगे कि यह लय कायम रहे’.

नमन तिवारी ने भविष्य में टेस्ट क्रिकेट खेलने की इच्छा जाहिक करते हुए कहा कि, ‘वैसे तो सभी प्रारूप पसंद हैं लेकिन टेस्ट क्रिकेट मुझे सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण लगता है. एक गेंदबाज की असली परीक्षा वहीं होती है और मैं भविष्य में एक अच्छा टेस्ट क्रिकेट बनना चाहता हूं.

18 साल के तिवारी ने कहा कि वह असल में बल्लेबाज बनना चाहते थे लेकिन बल्लेबाजी का मौका नहीं मिलने की वजह से उन्हें गेंदबाजी चुननी पड़ी. तिवारी के पिता एलआईसी में अभिकर्ता हैं और आम मध्यमवर्गीय परिवार की तरह तीन बहनों के इस इकलौते भाई पर भी पढ़ाई पर फोकस करने का दबाव था लेकिन उसका दिल क्रिकेट में लगता था. भारतीय क्रिकेट को कई प्रतिभावान तेज गेंदबाज देने वाले उत्तर प्रदेश के इस युवा खिलाड़ी का लक्ष्य दुनिया की सबसे तेज गेंद फेंकना है और इसके लिये वह हर तेज गेंदबाज से कुछ ना कुछ सीखते हैं.

ये खबर भी पढ़ें : U-19 विश्व कप: भारत-ऑस्ट्रेलिया फाइनल में कैसी होगी पिच, डालिए दोनों टीमों के प्रदर्शन पर एक नजर

बेनोनी: अंडर 19 विश्व कप में अपनी आक्रामक गेंदबाजी से सुर्खियां बंटोरने वाले बायें हाथ के मध्यम तेज गेंदबाज नमन तिवारी ने कहा कि एनसीए में सीनियर गेंदबाज जसप्रीत बुमराह से मिले टिप्स ने उन्हें एक बेहतर गेंदबाज बनाने में काफी मदद की है. लखनऊ के रहने वाले तिवारी ने टूर्नामेंट में आयरलैंड के खिलाफ चार विकेट लेकर भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई थी. इसके अलावा उनके शानदार यॉर्कर और रफ्तार भी चर्चा का विषय बने हुए हैं.

आस्ट्रेलिया के खिलाफ रविवार को होने वाले फाइनल के लिये भारतीय टीम के अभ्यास सत्र से इतर उन्होंने भाषा को दिये विशेष इंटरव्यू में कहा ,‘बुमराह तो हमारे लिये प्रेरणास्रोत हैं. उनकी गेंदबाजी के वीडियो मैं बहुत देखता हूं. एनसीए में मुझे कई बार मिले हैं और उनसे गेंदबाज की मानसिकता और कौशल के बारे में काफी बात की है. उन्होंने बहुत कुछ समझाया है जो काम आ रहा है. उन्होंने बताया कि सटीक यॉर्कर कैसे लगा सकते हैं जिस पर मैने काफी काम किया. इसमें और आक्रामकता लाने के लिये मेहनत करनी है’.

भारीतय टीम
भारीतय टीम

तिवारी ने आगे कहा, ‘मैं हर गेंदबाज से कुछ न कुछ सीखता हूं. जिसका जो अच्छा लगता है. उसके वीडियो देखकर समझने और सीखने की कोशिश करता हूं. शोएब अख्तर की रफ्तार, डेल स्टेन की स्विंग और मिचेल स्टार्क की आक्रामकता बहुत अच्छी लगती है’.

उन्होंने कहा,‘बतौर बल्लेबाज ही मैने क्रिकेट खेलना शुरू किया था लेकिन मुझे बल्लेबाजी मिलती ही नहीं थी. इसलिये मैने लखनऊ में अकादमी में गेंदबाजी शुरू की और बायें हाथ से काम करता हूं तो बायें हाथ का ही तेज गेंदबाज बना’.

तिवारी ने कहा ,‘पापा हमेशा पढने के लिये कहते रहते थे. मैं सातवीं में था और मेरा मन क्रिकेट में लगता था. दो जगह फोकस नहीं कर पाता था तो मैने पापा से तीन साल का समय मांगा ताकि अच्छा क्रिकेटर बनकर दिखा सकूं. आज मेरी सफलता से मेरा परिवार बहुत खुश है. शाम होते ही पापा का फोन आता है और बहुत खुश होते हैं, उनको खुश देखकर मुझे बहुत अच्छा लगता है कि मैने उन्हें निराश नहीं किया’.

उन्होंने आगे कहा कि, ‘मैं एक दिन दुनिया की सबसे तेज गेंद फेंकना चाहता हूं. इरादे तो सीनियर टीम के साथ विश्व कप खेलने के भी हैं लेकिन फिलहाल प्रदर्शन पर फोकस करना है. मैं अपने खेल में लगातार निखार लाना चाहता हूं क्योंकि आगे चुनौतियां और भी बड़ी आयेंगी और उनका सामना करने के लिये अपना बेस तैयार करना होगा. अभी तक सभी खिलाड़ियों का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा है. खास तौर पर सेमीफाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हमने जबर्दस्त जज्बा दिखाया. मुझे बहुत खुशी हो रही है कि टीम ऐसा खेल रही है और फाइनल में भी हम कोशिश करेंगे कि यह लय कायम रहे’.

नमन तिवारी ने भविष्य में टेस्ट क्रिकेट खेलने की इच्छा जाहिक करते हुए कहा कि, ‘वैसे तो सभी प्रारूप पसंद हैं लेकिन टेस्ट क्रिकेट मुझे सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण लगता है. एक गेंदबाज की असली परीक्षा वहीं होती है और मैं भविष्य में एक अच्छा टेस्ट क्रिकेट बनना चाहता हूं.

18 साल के तिवारी ने कहा कि वह असल में बल्लेबाज बनना चाहते थे लेकिन बल्लेबाजी का मौका नहीं मिलने की वजह से उन्हें गेंदबाजी चुननी पड़ी. तिवारी के पिता एलआईसी में अभिकर्ता हैं और आम मध्यमवर्गीय परिवार की तरह तीन बहनों के इस इकलौते भाई पर भी पढ़ाई पर फोकस करने का दबाव था लेकिन उसका दिल क्रिकेट में लगता था. भारतीय क्रिकेट को कई प्रतिभावान तेज गेंदबाज देने वाले उत्तर प्रदेश के इस युवा खिलाड़ी का लक्ष्य दुनिया की सबसे तेज गेंद फेंकना है और इसके लिये वह हर तेज गेंदबाज से कुछ ना कुछ सीखते हैं.

ये खबर भी पढ़ें : U-19 विश्व कप: भारत-ऑस्ट्रेलिया फाइनल में कैसी होगी पिच, डालिए दोनों टीमों के प्रदर्शन पर एक नजर
Last Updated : Feb 10, 2024, 2:28 PM IST
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