नई दिल्ली : क्रिकेट के डकवर्थ-लुईस मैथड की खोज करने वालों में से एक फ्रैंक डकवर्थ का 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया. डकवर्थ के खेल में योगदान ने एक अमिट छाप छोड़ी है. डीएलएस एक ऐसी पद्धति है जिसका उपयोग बारिश से प्रभावित क्रिकेट मैचों में परिणाम निर्धारित करने के लिए किया जाता है.
Frank Duckworth, the co-inventor of the DLS method, dies at the age of 84
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ईएसपीएनक्रिकइन्फो की एक रिपोर्ट के अनुसार, डकवर्थ का 21 जून को इंग्लैंड में निधन हो गया. डकवर्थ-लुईस नियम, अंग्रेज स्टैटीशियन फ्रैंक डकवर्थ और टोनी लुईस द्वारा तैयार किया गया. यह मैथड क्रिकेट की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक के समाधान के रूप में उभरा.
पहली बार 1997 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लागू किए गए डीएलएस मैथड को आधिकारिक तौर पर 2001 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) द्वारा अपनाया गया था. इस मैथड को 1 जनवरी 1997 को पहली बार जिम्बाब्वे और इंग्लैंड के मैच में लागू किया था. इस मुकाबले में जिम्बाब्वे ने 7 रनों से जीत हासिल की थी.
Frank Duckworth, co-inventor of DLS method, dies at the age of 84 (actually 57 using his own method, allowing for rain) 🏏🏏🏏 pic.twitter.com/NhnV7tCfre
— Graeme Rayner (@Chucklehound) June 25, 2024
डकवर्थ-लुईस नियम ने पहले इस्तेमाल किए गए बहुत आलोचना वाले बारिश के नियम को बदल दिया, जिसने सिडनी में दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के बीच खेले गए वनडे वर्ल्ड कप 1992 के सेमीफाइनल में अफ्रीका को निराश कर दिया था. उस मैच में, अचानक हुई बारिश के बाद इस पुराने नियम के लागू होने से एक अजीब स्थिति पैदा हो गई, जहां दक्षिण अफ्रीका को एक गेंद पर असंभव 22 रन चाहिए थे, जिसने इस पुराने नियम को तत्काल बदलने की आवश्यकता को उजागर किया.
फ्रैंक डकवर्थ और टोनी लुईस की सफलता को न केवल क्रिकेट जगत के भीतर बल्कि व्यापक समुदाय द्वारा भी मान्यता दी गई थी. जून 2010 में, डकवर्थ और लुईस दोनों को क्रिकेट और गणित में उनकी सेवाओं के लिए ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर (MBE) के सदस्य से सम्मानित किया गया.