पटना: 8 सितंबर से बिहार वॉलीबॉल लीग की शुरुआत हो रही है. इस वॉलीबॉल लीग के टूर्नामेंट डायरेक्टर भारतीय वॉलीबॉल टीम के पूर्व खिलाड़ी और प्रशिक्षक और अर्जुन और द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित जीई श्रीधरन हैं. टूर्नामेंट में कुल 6 टीमें हिस्सा ले रही हैं. बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रविंद्रन शंकरण ने इस बारे में बताया कि इस टूर्नामेंट का प्रसारण दूरदर्शन पर होगा.
8 दिनों तक चलेगा वॉलीबॉल टूर्नामेंट: शनिवार को बिहार वॉलीबॉल लीग के बारे में जानकारी देते हुए रविंद्रन शंकरण ने बताया कि 8 दिनों तक चलने वाले इस लीग का खेल मंत्री सुरेंद्र मेहता रविवार को उद्घाटन करेंगे. बिहार राज्य खेल प्राधिकरण और खेल विभाग द्वारा बिहार वॉलीबॉल लीग 2024 आयोजित की जा रही है. इसमें से बेहतर परफॉर्मेंस करने वाले खिलाड़ियों को राष्ट्रीय टीम के प्रशिक्षण शिविर के लिए चयन किया जाएगा.
क्या है लीग का शेड्यूल?: रविंद्रन शंकरण ने बताया कि बिहार वॉलीबॉल लीग में 8 से 12 सितंबर तक 6 टीमों के बीच लीग मैच होगा, 13 सितंबर को रेस्ट डे है, फिर 14 सितंबर को दो एलिमिनेटर मैच होंगे और 15 सितंबर की शाम को फाइनल होगा. 15 सितंबर की सुबह सुबह ही तीसरे स्थान के लिए मैच होगा. 8 से 12 सितंबर तक प्रतिदिन शाम 4 बजे से 3 लीग मैच खेले जाएंगे.
"सभी टीम के खिलाड़ियों का चयन द्रोणाचार्य और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित जीई श्रीधरन जी के मार्गदर्शन में हुआ है. पूरे बिहार के सभी जिलों में घूम-घूम कर 350 प्रतिभागियों का चयन हुआ और उनमें से 84 खिलाड़ियों का लीग के लिए चयन हुआ है."- रविंद्रन शंकरण, महानिदेशक, बिहार राज्य खेल प्राधिकरण
यह है पुरस्कार राशि?: रवींद्रन शंकरण ने कहा कि बिहार में पहली बार अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के टेट्राफ्लेक्स मैट पर वॉलीबॉल लीग खेला जाएगा. इससे यहां के खिलाड़ियों को भी अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलने का अभ्यास होगा. इस वॉलीबॉल लीग के विजेता टीम को मेडल और ट्रॉफी के साथ नकद पुरस्कार भी दिया जाएगा. हर मैच के मैन ऑफ द मैच को ₹2000 दिए जाएंगे. प्रतियोगिता में प्रथम आने वाली टीम को ₹1,75,000, द्वितीय को ₹1,50,000 और तृतीय को ₹1,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार है. हर खिलाड़ी को ₹5000 का बेस प्राइस है और हर प्रशिक्षक का ₹50,000 है.
बिहार में प्रतिभा की कमी नहीं: वहीं, संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्रीधरन ने कहा कि बिहार में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है. इन्हें उचित प्रशिक्षण द्वारा तराशने के बाद किसी भी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में खेलने और जीतने की क्षमता इनमें है. बिहार खेल की दिशा में बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है और इसमें सरकार और खेल प्राधिकरण का बड़ा योगदान है.
"बिहार में प्रतिभा की कमी नहीं है, बस उसे निखारने की जरूरत है. बिहार से वालीबॉल के कई बेहतर खिलाड़ी 20 -25 साल पहले हुए हैं और अब और ज्यादा अच्छे खिलाड़ी तैयार हो रहे हैं. बिहार के कम से कम 4 खिलाड़ी आज के डेट में भी राष्ट्रीय टीम में चुने जाने की क्षमता रखते हैं."- जीई श्रीधरन, पूर्व वॉलीबॉल खिलाड़ी, भारतीय टीम
टीम और उनके प्रायोजकों का नाम: इस वालीबॉल लीग में हिस्सा लेने वाली टीमों और उनके प्रायोजकों के नाम इश प्रकार हैं. पाटलिपुत्र एसर्स (एसआईएस एसएमसी), मिथिला स्पाइकर्स (निनती हॉस्पिटल), विक्रमशिला ब्लॉकर्स (पॉलीकैब), मगध सेटर्स (डीएमसी कार्स), तक्षशिला सर्वर्स (तक्षिला एजुकेशन सोसायटी) और नालंदा डिफेंडर्स (भवन निर्माण विभाग, बिहार) है.
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