हल्द्वानी: नैनीताल जिले के हल्द्वानी के रामपुर रोड बंदोबस्ती में रहने वाली 7 वर्षीय हर्षिका रिखाड़ी छोटी से उम्र में योग के ऐसे-ऐसे आसन कर लेती हैं कि बड़े-बड़े लोग दांतों तले उंगली दबा लेते हैं. कक्षा 3 में पढ़ने वाली हर्षिका पिछले 1 साल में योगासन में कई गोल्ड मेडल के साथ राष्ट्रीय पुरस्कार भी जीत चुकी है. इसके साथ ही हर्षिका जिम्नास्टिक की कला में भी तेजी से आगे बढ़ रही हैं.
नन्हीं योग एक्सपर्ट हर्षिका रिखाड़ी: छोटी सी उम्र में हर्षिका योगासन के क्षेत्र में उपलब्धि हासिल करते हुए हल्द्वानी ही नहीं बल्कि उत्तराखंड का भी मान बढ़ा रही हैं. हर्षिका का लक्ष्य है कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल जीतकर उत्तराखंड का नाम रोशन करें. हर्षिका के पिता भुवन रिखाड़ी का कहना है कि हर्षिका को बचपन से योग में रुचि रही है. पिछले 2 साल से वो योग की ट्रेनिंग ले रही है.
योगासन के क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल करते हुए हर्षिका राज्य के साथ-साथ राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुकी है. हर्षिका के पिता भुवन रिखाड़ी ने बताया कि बिटिया की रुचि योग में देखते हुए वो उसे योगासन की ट्रेनिंग दिला रहे हैं. हर्षिका आज योगासन के साथ-साथ जिम्नास्टिक के क्षेत्र में अपना भविष्य संवारने की तैयारी कर रही है.
क्या कहती हैं हर्षिका की मम्मी: हर्षिका की मां मोनिका रिखाड़ी का कहना है कि उनकी बेटी को बचपन से ही योग और डांस करने में रुचि थी. जिसको देखते हुए उन्होंने उसके लिए प्रोत्साहित किया. आज वह योग के साथ-साथ डांस कंपटीशन में भी भाग ले रही हैं. हर्षिका ने शुरू में भारत योग समिति से जुड़कर योग की शुरुआत की. आज योग के क्षेत्र में छोटी सी उम्र में हर्षिका हल्द्वानी का नाम रोशन कर रही हैं.
हर्षिका को योगासन, जिम्नास्टिक और डांस में है रुचि: हर्षिका पढ़ाई में भी अवल दर्जे की छात्रा हैं. हर्षिका के पिता भुवन रिखाड़ी ने बताया कि उनकी बेटी इस समय एक्शन वर्ड केंद्र में नीरज धपोला के मार्गदर्शन में जिमनास्टिक भी सीख रही हैं.
यही नहीं हर्षिता ट्रेडिशनल योगासन में चौथा स्थान प्राप्त कर चुकी हैं. हर्षिका इससे पहले जिला और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में शामिल होकर कई गोल्ड मेडल भी जीत चुकी हैं.
इसके अलावा नेशनल योग प्रतियोगिता में भारत के विभिन्न राज्यों से आए प्रतियोगियों के बीच हर्षिका 7 से 15 वर्ष की आयु में खेल कर आर्टिस्टिक योग में देश में तीसरा स्थान हासिल किया. इसके अलावा सूर्य नमस्कार कैटेगरी में ऑनलाइन मोड में नेशनल योग प्रतियोगिता में 2 मिनट में 24 सेट आसन कर गोल्ड मेडल भी जीत चुकी हैं.
फयाटनोला की रहने वाली हैं हर्षिका रिखाड़ी: हर्षिका का पैतृक गांव अल्मोड़ा जिले के फयाटनोला के पास स्थित दुर्गेटिलि है. कनाड़ी गदेरे के ऊपर बना हर्षिका का बड़ा सा आलीशान घर जंगल के बीच में स्थित है. वहां खेती में बंदरों और जंगली जानवरों से परेशान होकर परिजन शहर की ओर आ गए. लेकिन हर्षिका और उसके माता-पिता अपने गांव के घर को नहीं भूल पाते हैं. जब भी उन्हें मौका मिलता है, वो अपने पैतृक घर अवश्य जाते हैं.