पटना : पूरे भारतवर्ष में नागदेव का पूजन व्रत किया जाता है. नागपंचमी हर साल सावन महीना में मनाया जाता है. आचार्य रामशंकर दूबे ने बताया कि नाग पंचमी सावन महीना के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है.
इस नागपंचमी को तीन शुभ योग : 9 अगस्त को नाग पंचमी मनाया जाएगा. इस नाग पंचमी में तीन शुभ योग बन रहा है. सिद्ध योग सुबह से लेकर दोपहर तक रहेगा. साध्य योग दोपहर से लेकर शाम तक रहेगा रात्रि में रवि योग बनेगा. 5 बजकर 35 मिनट से लेकर 8:40 तक पूजा का शुभ मुहूर्त है.
नागपंचमी की पूजन विधि: आचार्य रामशंकर दूबे बताते हैं कि नागपंचमी नाग देवता को समर्पित है. इस दिन सुबह उठकर स्नान आदि से निवृत होकर साफ कपड़े पहनकर शिवालय पहुंचकर भगवान भोलेनाथ पर दूध गंगाजल चढ़ाएं. भोलेनाथ की पूजा के बाद इस दिन नाग को लावा दूध चढ़ाने का बड़ा ही विशेष महत्व है.
''प्रात:काल उठकर स्नानादि करके साफ कपड़े पहनकर शिवालय में भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग पर दूध-गंगाजल चढ़ाएं. पूजा के बाद इस दिन नाग देवता को लावा चढ़ाएं और पूरे घर में उस लावे का छिड़काव करें. इस दिन लावा दूध चढ़ाने का विशेष महत्व होता है.'' -रामशंकर दूबे, आचार्य
नागपंचमी को रूद्राभिषेक का महत्व : घर की पूजा स्थल या दरवाजे पर गोबर से आठ नाग की आकृति बनाकर उनकी विधिवत पूजा की जाती है. फूल चंदन लगाकर लावा और दूध चढ़ाया जाता है. इसके बाद आरती उतारे और हो सके तो कथा सुने. इस तरह से पूजा करने से घर में धान की आगमन का स्रोत बढ़ता है. इस दिन रुद्राभिषेक का महत्व है. रुद्राभिषेक करने से सभी ग्रह बाधा परेशानी दूर हो जाती है.
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