सागर: इस वर्ष के प्रमुख त्योहारों पर तिथि के भ्रम की स्थिति लगातार बन रही है. अब नवरात्रि के अवसर पर अष्टमी और नवमीं तिथि को लेकर भ्रम की स्थिति बन गई है. अष्टमी गुरुवार को मनाई जाएगी या शुक्रवार को,इसको लेकर तमाम भक्तगण और श्रृद्धालु परेशान हैं. वहीं दूसरी तरफ ज्योतिषाचार्य और जानकारों का मानना है कि उदया तिथि के कारण ऐसी भ्रम की स्थिति बनी है.
किस दिन है शारदीय नवरात्रि की अष्टमी
नवरात्रि में अष्टमी और नवमीं तिथि को लेकर भ्रम की स्थिति बन गई है. पंचांग में उदया तिथि को लेकर यह स्थिति बनी है. ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद गौतम ने बताया कि "10 अक्टूबर को सप्तमी तिथि प्रातः 6 बजकर 58 मिनट पर समाप्त हो रही है और अष्टमी तिथि प्रारंभ हो जाएगी. अर्थात तीन घड़ी से कम तिथि होने पर उदया तिथि मान्य नहीं की जाती है. 10 अक्टूबर को अष्टमी पूरे दिन और रात्रि में विद्ममान रहेगी. सुबह 6:58 से अष्टमी तिथि प्रारंभ होगी, जिसमें कन्या पूजन, कन्या भोज और महागौरी के आगमन पूजा होगी. दरअसल इस बार नवरात्रि पूरे 9 दिन की है. कोई भी दिन खंडित तिथि नहीं है."
ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद गौतम ने बताया कि "नौ देवियों का आगमन प्रथम दिन से पूरे 9 दिन तक अलग-अलग दिनों में हो रहा है. 11 तारीख को दुर्गा नवमी, पाठ पारायण, व्रत , पूजा, उपवास की पूर्णाहुति की जाएगी. ओरिया तिथि अष्टमी होने के कारण इस दिन भी कन्या भोज कराया जा सकता है. 12 अक्टूबर शनिवार को विजयादशमी का त्यौहार नीलकंठ दर्शन,सरस्वती विसर्जन, देवी विसर्जन एवं शस्त्र पूजा के साथ किया जाएगा."
कब मनाएं नवमीं और दशहरा
ज्योतिष मठ संस्थान भोपाल के ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद गौतम कहते हैं कि "अष्टमी, नवमी तिथि को लेकर भ्रम में ना रहें. 10 अक्टूबर गुरुवार को अष्टमी एवं 11अक्टूबर शुक्रवार को नवमी मनाइये. वहीं दशहरा विजयादशमी का पर्व 12 अक्टूबर शनिवार को मनायेंगे.