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सावन शिवरात्रि 2024, मास शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में क्या है अंतर - Sawan Shivratri 2024

Sawan Shivratri 2024 आज सावन शिवरात्रि है. सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पड़ने के कारण इसे सावन शिवरात्रि या मास शिवरात्रि कही जाती है. कई लोगों को मास शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में कन्फ्यूजन होता है. इसे दूर करने के लिए ETV भारत ने रायपुर के महामाया मंदिर के पुजारी पंडित मनोज शुक्ला से बात की. What to offer to Lord Shiva on Sawan Shivratri 2024, MahaShivratri

Sawan Shivratri 2024
सावन शिवरात्रि (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 2, 2024, 7:29 AM IST

रायपुर: श्रावण मास यानी सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है. इस पूरे महीने भक्त पूरे मनोभाव से भगवान शिव की पूजा आराधना और उपासना करते हैं. आज मासिक शिवरात्रि है. जो हर महीने आती है. सावन का महीना होने के कारण इसका नाम सावन शिवरात्रि पड़ा है. ऐसी मान्यता है कि सावन शिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा आराधना और उपासना करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है. भगवान भोलेनाथ शिव भक्तों पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं.

सावन शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में अंतर समझिए (ETV Bharat Chhattisgarh)

शिवरात्रि और महाशिवरात्रि को लेकर कुछ भक्तों में असमंजस की स्थिति रहती है. महामाया मंदिर के पुजारी पंडित मनोज शुक्ला ने बताया "शिवरात्रि का नाम सुनकर लोगों के मन में यही बात आती है कि यह महाशिवरात्रि है. लेकिन ऐसा नहीं है. हर महीने की शिवरात्रि को मासिक शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है. शिवरात्रि की तिथि हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पड़ती है, जिसे सामान्य भाषा में मास शिवरात्रि के नाम से जानते हैं. मासिक शिवरात्रि का यह पर्व भगवान शंकर को समर्पित है.

फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर पड़ने वाली शिवरात्रि, महाशिवरात्रि: होलिका दहन के ठीक 15 दिन पहले पड़ने वाले मास शिवरात्रि को महाशिवरात्रि के नाम से जाना जाता है, जो फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. बाकी जो 11 महीने की शिवरात्रि है, उसे मासिक शिवरात्रि के नाम से जानते हैं. इस बार मासशिवरात्रि का यहा पर्व श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 2 अगस्त शुक्रवार के दिन पड़ रही है. आज के दिन व्रती या फिर जातक भगवान शिव का व्रत रखकर पूरी श्रद्धा भाव से पूजा आराधना करेंगे तो उनके सारे दुख दूर हो जाएंगे."

सावन शिवरात्रि में व्रत का मुहूर्त: हिंदू पंचांग के अनुसार सावन शिवरात्रि शुक्रवार दोपहर 3:26 बजे शुरू होगा और इसका समापन 3 अगस्त सुबह 3:50 बजे होगा. इस वजह से सावन शिवरात्रि का व्रत 2 अगस्त शुक्रवार के दिन रखा जाएगा. सावन शिवरात्रि की पूजा का रात्रि प्रथम मुहूर्त 2 अगस्त को शाम 7:11 से रात्रि 9:49 बजे तक रहेगा और दूसरा पहर रात्रि 9:49 से 3 अगस्त की सुबह 12:27 बजे तक रहेगा. इसके बाद तीसरे पहर का मुहूर्त सुबह 12:27 से दोपहर 3:06 बजे तक रहेगा और चतुर्थ पहर का शुभ मुहूर्त दोपहर 3:06 से लेकर शाम 5:44 तक रहेगा.

सावन शिवरात्रि पर भोले को ऐसे करें प्रसन्न: सावन शिवरात्रि की पूजा में फूल, शहद, दही, धतूरा, बेलपत्र, रोली, दीपक, पूजा के बर्तन और साफ जल सहित गंगाजल को शामिल किया जाता है. पूजा करने के लिए भक्त सुबह मंदिर जाकर भगवान शिव के दर्शन करते हैं. शिवरात्रि पर भगवान शिव को कच्चे दूध और गंगाजल से अभिषेक किया जाता है. इसके बाद एक-एक करके पूजा की सभी सामग्री भगवान पर अर्पित की जाती है. देसी घी का दीपक जलाया जाता है. शिव पूजा का समापन करने के लिए भगवान को भोग लगाने के बाद शिव आरती और शिव के विभिन्न मंत्रों का जाप करने से विशेष लाभ मिलता है.

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सावन शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में अंतर समझिए (ETV Bharat Chhattisgarh)

शिवरात्रि और महाशिवरात्रि को लेकर कुछ भक्तों में असमंजस की स्थिति रहती है. महामाया मंदिर के पुजारी पंडित मनोज शुक्ला ने बताया "शिवरात्रि का नाम सुनकर लोगों के मन में यही बात आती है कि यह महाशिवरात्रि है. लेकिन ऐसा नहीं है. हर महीने की शिवरात्रि को मासिक शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है. शिवरात्रि की तिथि हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पड़ती है, जिसे सामान्य भाषा में मास शिवरात्रि के नाम से जानते हैं. मासिक शिवरात्रि का यह पर्व भगवान शंकर को समर्पित है.

फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर पड़ने वाली शिवरात्रि, महाशिवरात्रि: होलिका दहन के ठीक 15 दिन पहले पड़ने वाले मास शिवरात्रि को महाशिवरात्रि के नाम से जाना जाता है, जो फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. बाकी जो 11 महीने की शिवरात्रि है, उसे मासिक शिवरात्रि के नाम से जानते हैं. इस बार मासशिवरात्रि का यहा पर्व श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 2 अगस्त शुक्रवार के दिन पड़ रही है. आज के दिन व्रती या फिर जातक भगवान शिव का व्रत रखकर पूरी श्रद्धा भाव से पूजा आराधना करेंगे तो उनके सारे दुख दूर हो जाएंगे."

सावन शिवरात्रि में व्रत का मुहूर्त: हिंदू पंचांग के अनुसार सावन शिवरात्रि शुक्रवार दोपहर 3:26 बजे शुरू होगा और इसका समापन 3 अगस्त सुबह 3:50 बजे होगा. इस वजह से सावन शिवरात्रि का व्रत 2 अगस्त शुक्रवार के दिन रखा जाएगा. सावन शिवरात्रि की पूजा का रात्रि प्रथम मुहूर्त 2 अगस्त को शाम 7:11 से रात्रि 9:49 बजे तक रहेगा और दूसरा पहर रात्रि 9:49 से 3 अगस्त की सुबह 12:27 बजे तक रहेगा. इसके बाद तीसरे पहर का मुहूर्त सुबह 12:27 से दोपहर 3:06 बजे तक रहेगा और चतुर्थ पहर का शुभ मुहूर्त दोपहर 3:06 से लेकर शाम 5:44 तक रहेगा.

सावन शिवरात्रि पर भोले को ऐसे करें प्रसन्न: सावन शिवरात्रि की पूजा में फूल, शहद, दही, धतूरा, बेलपत्र, रोली, दीपक, पूजा के बर्तन और साफ जल सहित गंगाजल को शामिल किया जाता है. पूजा करने के लिए भक्त सुबह मंदिर जाकर भगवान शिव के दर्शन करते हैं. शिवरात्रि पर भगवान शिव को कच्चे दूध और गंगाजल से अभिषेक किया जाता है. इसके बाद एक-एक करके पूजा की सभी सामग्री भगवान पर अर्पित की जाती है. देसी घी का दीपक जलाया जाता है. शिव पूजा का समापन करने के लिए भगवान को भोग लगाने के बाद शिव आरती और शिव के विभिन्न मंत्रों का जाप करने से विशेष लाभ मिलता है.

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