NAG PANCHAMI 2024: नाग पंचमी का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. हर नाग पंचमी को सर्प को दूध पिलाने की भी परंपरा है. जगह-जगह लोग पहले पूजा करते हैं, फिर जहां भी पाते हैं, वो नाग देवता को दूध पीने के लिए रखते हैं. इस बार नाग पंचमी कब है और कौन सा योग बन रहा है. क्यों विशेष है ये बताया है ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री ने..
कब है नागपंचमी ?
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं कि इस बार जो नाग पंचमी पड़ रही है, वो श्रावण शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि 9 अगस्त 2024 को है. इस बार नाग पंचमी बहुत ही विशेष है. कई योग बन रहे हैं और कई सालों के बाद ऐसा संयोग बन रहा है. ज्योतिष आचार्य कहते हैं, कि इस बार के नाग पंचमी में विधि-विधान से पूजा करने का बहुत महत्व है.
18 साल बाद बन रहा ऐसा योग
ज्योतिष आचार्य बताते हैं कि इस बार नागपंचमी के दिन दो विशेष योग भी पड़ रहे हैं. एक सिद्ध योग है, दूसरा अमृत सिद्धि योग है. यानी सिद्ध योग और अमृत सिद्धि योग दोनों ऐसे योग हैं. जो 18 साल बाद आ रहा है, इसलिए ये पर्व महत्वपूर्ण हो गया है. इस योग के पड़ने के कारण इस बार की नागपंचमी को बहुत विशेष भी माना गया है.
तीन समयकाल में करें पूजा
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं कि नागपंचमी के दिन नाग देवता की पूजा की जाती है. इस दिन जो नागों की पूजा करते हैं, दूध चढ़ाते हैं, शिवजी की आराधना करते हैं, वो बहुत ही विशेष फलदाई होता है. नागपंचमी में पूजन का विशेष समय भी होता है, एक होता है प्रातः कालीन, दूसरा होता है दोपहर का समय और तीसरा होता है सायं कालीन समय. मतलब तारागण उदय होने के पहले-पहले नागों की पूजा कर लें, आराधना कर लें, और किसी भी मंदिर में जाकर प्रणाम करें तो सांपों का आशीर्वाद मिलता है, सर्प भय नहीं होता है.
सर्पदोष के लिए करें ये उपाय ?
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं कि इस बार नाग पंचमी में कई महत्वपूर्ण और शुभ योग बन रहे हैं. कई सालों के बाद ऐसे योग बन रहे हैं, ऐसे में जो सर्प दोष से परेशान हैं, वो उपाय भी कर सकते हैं, नाग पंचमी के दिन पहले नाग देवता की पूजा करें. विधि विधान से पूजा करें और फिर नाग पंचमी के दिन नाग और नागिन का जोड़ा बनाकर दो नदियों के संगम में जाएं. वहां भी पूरे विधि विधान से पूजन करें, तो किसी भी प्रकार के कालसर्प दोष में शांति मिलती है, और उनकी आयु वृद्धि होती है. नागदेवता की कृपा उन पर बरसती है.