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हिंदू धर्म में हर दिन का है अलग-अलग महत्व, जानें क्यों शुभ मुहूर्त पर ही किए जाते हैं सभी काम? - Shubh Muhurat

SHUBH MUHURAT AND SHUBH TITHI: हिंदू धर्म में किसी भी कार्य के लिए लोग एक शुभ दिन, शुभ तिथि, शुभ मुहूर्त को देखकर ही काम शुरू करते हैं. इसके लिए पंचांग का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन क्या आपको पता है कि हर कार्य से पहले शुभ मुहूर्त क्यों इतना जरूरी होता है. चलिए आज हम आपको बताते हैं.

SHUBH MUHURAT
शुभ मुहूर्त (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 12, 2024, 7:48 AM IST

Updated : Jul 12, 2024, 8:23 AM IST

पटना: सनातन धर्म में किसी भी शुभ या मांगलिक कार्यक्रम को शुरू करने से पहले शुभ मुहूर्त देखा जाता है. जिस दिन आप शुभ मांगलिक काम कर रहे हैं, उस दिन की तिथि क्या है, शुभ नक्षत्र है या नहीं, इन सभी चीजों को देखकर ही शुभ काम किया जाता है. मान्यता है कि शुभ मुहूर्त में किए गए काम में लाभ मिलता है. इसलिए सनातन धर्म में हर दिन का एक अपना महत्व है.

कैसे निकाला जाता है शुभ मुहूर्त?: यह परंपरा आज ही से नहीं बल्कि पौराणिक काल से चली आ रही है. आचार्य रामशंकर दूबे ने बताया कि सनातन धर्म में सौर्य मंडल में ग्रह, नक्षत्र और तिथि का शुभ कार्य के लिए विशेष स्थान है. यही कारण है कि शुभ दिन का इंतजार किया जाता है. वैदिक पंचांग अनुसार नक्षत्र, तिथि ,योग, करण और वार पांच अंगों के सहयोग से मिलकर शुभ दिन निकाला जाता है जिसे शुभ मुहूर्त कहा जाता है.

भूल कर भी ना करें ये गलती: आचार्य रामशंकर दूबे ने बताया कि शुभ मुहूर्त में विवाह, वाहन, जमीन खरीदना, गृह प्रवेश, मुंडन, उपनयन संस्कार, यहां तक की बच्चों के जन्म की भी तिथि देखी जाती है. साथ ही नामकरण का भी शुभ मुहूर्त देखा जाता है. माना जाता है कि बिना शुभ मुहूर्त में अगर कोई शुभ कार्य किया जाए तो उसमें हानि और आपका बना हुआ काम भी बिगड़ सकता है. धर्म शास्त्रों के अनुसार यह बताया गया है कि अशुभ समय में कोई भी शुभ कार्यक्रम किया जाए तो उससे कई तरह की समस्याओं का सामना परिवार के किसी सदस्य को करना पड़ सकता है.

हिंदू धर्म में होते हैं दो मुहूर्त: इसके अलावा आचार्य ने कहा कि हिंदू धर्म में हर दिन का खास महत्व है. इसमें ब्रह्म मुहूर्त को काफी विशेष माना गया है. 24 घंटे में लगभग 30 मुहूर्त होते हैं. सूर्योदय के पहले दो मुहूर्त होते हैं. पहला मुहूर्त विष्णु मुहूर्त होता है, दूसरा मुहूर्त ब्रह्म मुहूर्त कहलाता है.

ब्रह्म मुहूर्त में उठने से मिलेंगे ये लाभ: सुबह के 4:25 से 5:10 के मध्य के समय को ब्रह्म मुहूर्त कहा जाता है. ब्रह्म मुहूर्त में उठने से बुद्धि, बल, सुंदरता, स्वास्थ्य और क्षय का नाश होता है. विद्यार्थी जीवन के लिए यह मुहूर्त सबसे बेहद और खास होता है क्योंकि इस समय में मन मस्तिष्क तरोताजा रहता है. छात्र जीवन के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठाना बेहद लाभकारी है. वैसे इस समय पर उठना सभी लोगों के लिए बेहद ही फायदेमंद है.

"हिंदू धर्म में हर दिन का जिस तरह महत्व है, इस तरह हरपहर का भी महत्व है. इसलिए सनातन धर्म को मानने वाले लोग हर शुभ काम करने से पहले उस दिन की तिथि, नक्षत्र, शुभ लग्न और मुहूर्त जरूर अपने पंडित से दिखवा कर ही शुभ काम की शुरुआत करें."-रामशंकर दूबे, आचार्य

पढ़ें-सुहागिन महिलाएं क्यों लगाती हैं मांग में सिंदूर? जानें इसके पीछे की वजह - Reason Behind Applying Sindoor

पटना: सनातन धर्म में किसी भी शुभ या मांगलिक कार्यक्रम को शुरू करने से पहले शुभ मुहूर्त देखा जाता है. जिस दिन आप शुभ मांगलिक काम कर रहे हैं, उस दिन की तिथि क्या है, शुभ नक्षत्र है या नहीं, इन सभी चीजों को देखकर ही शुभ काम किया जाता है. मान्यता है कि शुभ मुहूर्त में किए गए काम में लाभ मिलता है. इसलिए सनातन धर्म में हर दिन का एक अपना महत्व है.

कैसे निकाला जाता है शुभ मुहूर्त?: यह परंपरा आज ही से नहीं बल्कि पौराणिक काल से चली आ रही है. आचार्य रामशंकर दूबे ने बताया कि सनातन धर्म में सौर्य मंडल में ग्रह, नक्षत्र और तिथि का शुभ कार्य के लिए विशेष स्थान है. यही कारण है कि शुभ दिन का इंतजार किया जाता है. वैदिक पंचांग अनुसार नक्षत्र, तिथि ,योग, करण और वार पांच अंगों के सहयोग से मिलकर शुभ दिन निकाला जाता है जिसे शुभ मुहूर्त कहा जाता है.

भूल कर भी ना करें ये गलती: आचार्य रामशंकर दूबे ने बताया कि शुभ मुहूर्त में विवाह, वाहन, जमीन खरीदना, गृह प्रवेश, मुंडन, उपनयन संस्कार, यहां तक की बच्चों के जन्म की भी तिथि देखी जाती है. साथ ही नामकरण का भी शुभ मुहूर्त देखा जाता है. माना जाता है कि बिना शुभ मुहूर्त में अगर कोई शुभ कार्य किया जाए तो उसमें हानि और आपका बना हुआ काम भी बिगड़ सकता है. धर्म शास्त्रों के अनुसार यह बताया गया है कि अशुभ समय में कोई भी शुभ कार्यक्रम किया जाए तो उससे कई तरह की समस्याओं का सामना परिवार के किसी सदस्य को करना पड़ सकता है.

हिंदू धर्म में होते हैं दो मुहूर्त: इसके अलावा आचार्य ने कहा कि हिंदू धर्म में हर दिन का खास महत्व है. इसमें ब्रह्म मुहूर्त को काफी विशेष माना गया है. 24 घंटे में लगभग 30 मुहूर्त होते हैं. सूर्योदय के पहले दो मुहूर्त होते हैं. पहला मुहूर्त विष्णु मुहूर्त होता है, दूसरा मुहूर्त ब्रह्म मुहूर्त कहलाता है.

ब्रह्म मुहूर्त में उठने से मिलेंगे ये लाभ: सुबह के 4:25 से 5:10 के मध्य के समय को ब्रह्म मुहूर्त कहा जाता है. ब्रह्म मुहूर्त में उठने से बुद्धि, बल, सुंदरता, स्वास्थ्य और क्षय का नाश होता है. विद्यार्थी जीवन के लिए यह मुहूर्त सबसे बेहद और खास होता है क्योंकि इस समय में मन मस्तिष्क तरोताजा रहता है. छात्र जीवन के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठाना बेहद लाभकारी है. वैसे इस समय पर उठना सभी लोगों के लिए बेहद ही फायदेमंद है.

"हिंदू धर्म में हर दिन का जिस तरह महत्व है, इस तरह हरपहर का भी महत्व है. इसलिए सनातन धर्म को मानने वाले लोग हर शुभ काम करने से पहले उस दिन की तिथि, नक्षत्र, शुभ लग्न और मुहूर्त जरूर अपने पंडित से दिखवा कर ही शुभ काम की शुरुआत करें."-रामशंकर दूबे, आचार्य

पढ़ें-सुहागिन महिलाएं क्यों लगाती हैं मांग में सिंदूर? जानें इसके पीछे की वजह - Reason Behind Applying Sindoor

Last Updated : Jul 12, 2024, 8:23 AM IST
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