वाशिंगटन: अमेरिका में भारतीय मूल की पूर्व गवर्नर निक्की हेली ने रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए अपना प्रचार अभियान बुधवार को रोक दिया. उन्होंने यह निर्णय 'सुपर ट्यूजडे' को 15 राज्यों की पार्टी प्राइमरी में हार के बाद लिया है. हेली के इस फैसले के साथ ही पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी हासिल करने की दौड़ में एकमात्र प्रमुख उम्मीदवार रह जाएंगे. इस तरह नवंबर में होने वाले चुनाव में ट्रंप के सामने मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन होंगे.
'सुपर ट्यूजडे' की प्राइमरी के बाद ट्रंप (77) ने अपने एकमात्र रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी हेली (52) पर मजबूत बढ़त बना ली जिन्होंने वर्मोंट प्रांत में जीत हासिल करके उन्हें पूर्ण बहुमत से वंचित कर दिया था. साउथ कैरोलाइना की पूर्व गवर्नर हेली ने बुधवार को कहा, 'अब मेरा प्रचार अभियान रोकने का समय आ गया है.' उन्होंने कहा, 'मैं चाहती हूं कि अमेरिकियों की आवाज सुनी जाए. मैंने वही किया है. मुझे कोई पछतावा नहीं है. मैं अब उम्मीदवार नहीं रहूंगी, लेकिन मैं उन चीजों के लिए अपनी आवाज का इस्तेमाल करना बंद नहीं करूंगी जिनमें मैं विश्वास करती हूं.'
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत हेली तब ट्रंप की पहली मजबूत प्रतिद्वंद्वी के रूप में उभरी जब फरवरी 2023 में उन्होंने राष्ट्रपति पद के चुनावी दौड़ में शामिल होने की घोषणा की. हेली ने इस बारे में अंतिम निर्णय नहीं लिया है कि वह ट्रंप का समर्थन करेंगी या नहीं. हेली के करीबी लोगों की अलग-अलग राय है. कुछ लोगों का मानना है कि ट्रंप का समर्थन करना उनके लिए अच्छा होगा क्योंकि उन्हें एक टीम के रूप में देखा जाएगा. अन्य लोग उसका समर्थन करने का तीव्र विरोध करते हैं.
अपने अभियान के दौरान, हेली ने रिपब्लिकन प्रेसिडेंशियल प्राइमरी जीतने वाली पहली महिला बनकर इतिहास रचा. वह डेमोक्रेटिक या रिपब्लिकन प्राइमरी में जीत हासिल करने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी भी हैं. पिछले तीन अन्य भारतवंशी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार-2016 में बॉबी जिंदल, 2020 में कमला हैरिस और 2024 में विवेक रामास्वामी-एक भी प्राइमरी जीतने में असफल रहे थे.
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