वाशिंगटन: संयुक्त राज्य अमेरिका ने इराकी प्रतिनिधि परिषद की ओर से वेश्यावृत्ति और समलैंगिकता विरोधी कानून पारित करने की निंदा की. कानून में समलैंगिकता को बढ़ावा देने वालों के लिए भारी जुर्माने और कारावास के साथ समलैंगिक संबंधों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. यह कानून इराक में संवैधानिक रूप से संरक्षित मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता को खतरे में डालता है.
अमेरिकी विदेश विभाग ने एक बयान में कहा कि अमेरिका इराकी प्रतिनिधि परिषद की ओर से मौजूदा कानून में संशोधन पारित करने से बहुत चिंतित है, जिसे आधिकारिक तौर पर वेश्यावृत्ति और समलैंगिकता विरोधी कानून कहा जा रहा है, जो संवैधानिक रूप से संरक्षित मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता को खतरे में डालता है. बयान में कहा गया है कि इसके साथ ही यह कानून समाज में कुछ व्यक्तियों के अधिकारों को सीमित कर देगा, जिससे सभी के अधिकार कमजोर हो जायेंगे.
विज्ञप्ति में कहा गया है कि कानून समान-लिंग संबंधों पर भारी जुर्माने और कारावास के साथ प्रतिबंध लगाता है. उन लोगों को दंडित करता है जो 'समलैंगिकता को बढ़ावा देते हैं.' समाज में कुछ व्यक्तियों के अधिकारों को सीमित करना सभी के अधिकारों को कमजोर करता है. इसके अलावा, संशोधन का उपयोग स्वतंत्र भाषण और अभिव्यक्ति में बाधा डालने और देश भर में गैर सरकारी संगठनों के संचालन को बाधित करने के लिए भी किया जा सकता है.
अमेरिकी बयान में कहा गया कि यह संशोधन इराकी समाज में सबसे अधिक जोखिम वाले लोगों के लिए खतरा है. इसका उपयोग स्वतंत्र भाषण और अभिव्यक्ति में बाधा डालने और पूरे इराक में गैर सरकारी संगठनों के संचालन को बाधित करने के लिए किया जा सकता है.
यह कानून इराक की अर्थव्यवस्था में विविधता लाने और विदेशी निवेश को आकर्षित करने की क्षमता को भी कमजोर करता है. इसमें कहा गया है कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार गठबंधन ने पहले ही संकेत दिया है कि इराक में इस तरह के भेदभाव से देश में व्यापार और आर्थिक विकास को नुकसान होगा.
अमेरिकी विदेश विभाग ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इराक की सुरक्षा, स्थिरता और समृद्धि के लिए मानवाधिकारों और राजनीतिक और आर्थिक समावेशन का सम्मान आवश्यक है. इसमें कहा गया है कि यह कानून इन मूल्यों के साथ असंगत है और सरकार के राजनीतिक और आर्थिक सुधार प्रयासों को कमजोर करता है.