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भारत में पोर्क मीट खाने से दिमाग में घुसा 'ब्रेन वर्म', रॉबर्ट कैनेडी जूनियर का दावा

रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर हो सकता है कि उन्हें भारत में अपनी यात्रा के दौरान अधपका पोर्क मीट खाने से संक्रमण हुआ हो.

रॉबर्ट कैनेडी जूनियर
रॉबर्ट कैनेडी जूनियर (X@RobertKennedyJr)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 2 hours ago

वॉशिंगटन: 70 साल रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर ने स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर अपने विवादास्पद, बल्कि बोल्ड विचारों के साथ-साथ अपनी साहसिक आदतों के लिए अक्सर ध्यान आकर्षित किया है. जब से उन्हें नवनिर्वाचित राष्ट्रपति-चुनाव डोनाल्ड ट्रंप ने पब्लिक हेल्थ का सेक्रेटरी नियुक्त करने का ऐलान किया है, तब से सभी की निगाहें उनकी हेल्थ और लाइफस्टाइल पर टिकी हुई हैं.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस साल की शुरुआत में रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर ने खुलासा किया था कि उनके दिमाग में एक परजीवी कीड़ा ( Parasitic Worm) है. एक इंटरव्यू में कैनेडी ने कहा कि हो सकता है कि उन्हें भारत में अपनी यात्रा के दौरान अधपका सूअर का मांस खाने से संक्रमण हुआ हो.

डॉक्टर समझ रहे थे ट्यूमर
कंप्यूटर वैज्ञानिक लेक्स फ्रिडमैन के साथ एक पॉडकास्ट में कैनेडी ने कहा कि उन्हें संदेह है कि उन्हें भारत में पोर्क मीट खाने की वजह से ब्रेनवॉर्म हुआ हो, जहां उन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में भारत में बहुत काम किया था. उन्होंने कहा कि डॉक्टरों ने शुरू में इसे ट्यूमर समझा.

दिमाग में एक परजीवी
बता दें कि रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर को 2010 में एक गंभीर हेल्थ समस्या का सामना करना पड़ा था, जिसने उनकी कॉग्निटिव एबिलिटी को प्रभावित किया था. इस स्थिति को शुरू में ब्रेन ट्यूमर समझ लिया गया था, लेकिन डॉक्टरों ने बाद में पाया कि यह वास्तव में उनके दिमाग में एक परजीवी था.

पसंद था टूना-मछली सैंडविच
कैनेडी ने बताया कि उन्हें संदेह है कि उनकी भारत यात्रा के दौरान उनके आहार ने इस अप्रत्याशित स्वास्थ्य समस्या को जन्म दिया होगा. पॉडकास्ट के दौरान उन्होंने बताया, "मुझे टूना-मछली सैंडविच बहुत पसंद था और मैं नियमित रूप से मीठे पानी की मछलियां, खास तौर पर पर्च पकड़ता और खाता था." कैनेडी ने यह भी खुलासा किया कि उनके आहार में मुख्य रूप से शिकारी मछलियां अधिक थीं, जो अपने मरकरी कंटेंट के लिए कुख्यात थीं जो मानव मस्तिष्क को संभावित नुकसान पहुंचा सकती थीं.

रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर दुनिया के सबसे प्रमुख एंटी-वैक्सीन कार्यकर्ताओं में से एक हैं. उन्होंने टीकों के कारण ऑटिज्म और अन्य हेल्थ समस्याओं के होने के दावों का बहुत दृढ़ता से समर्थन किया है. वह दिवंगत अटॉर्नी जनरल रॉबर्ट एफ कैनेडी के बेटे और राष्ट्रपति जॉन एफ. कैनेडी के भतीजे हैं.

यह भी पढ़ें- वैक्सीन के घोर विरोधी रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर होंगे अमेरिकी स्वास्थ्य सचिव, डोनाल्ड ट्रंप का ऐलान

वॉशिंगटन: 70 साल रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर ने स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर अपने विवादास्पद, बल्कि बोल्ड विचारों के साथ-साथ अपनी साहसिक आदतों के लिए अक्सर ध्यान आकर्षित किया है. जब से उन्हें नवनिर्वाचित राष्ट्रपति-चुनाव डोनाल्ड ट्रंप ने पब्लिक हेल्थ का सेक्रेटरी नियुक्त करने का ऐलान किया है, तब से सभी की निगाहें उनकी हेल्थ और लाइफस्टाइल पर टिकी हुई हैं.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस साल की शुरुआत में रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर ने खुलासा किया था कि उनके दिमाग में एक परजीवी कीड़ा ( Parasitic Worm) है. एक इंटरव्यू में कैनेडी ने कहा कि हो सकता है कि उन्हें भारत में अपनी यात्रा के दौरान अधपका सूअर का मांस खाने से संक्रमण हुआ हो.

डॉक्टर समझ रहे थे ट्यूमर
कंप्यूटर वैज्ञानिक लेक्स फ्रिडमैन के साथ एक पॉडकास्ट में कैनेडी ने कहा कि उन्हें संदेह है कि उन्हें भारत में पोर्क मीट खाने की वजह से ब्रेनवॉर्म हुआ हो, जहां उन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में भारत में बहुत काम किया था. उन्होंने कहा कि डॉक्टरों ने शुरू में इसे ट्यूमर समझा.

दिमाग में एक परजीवी
बता दें कि रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर को 2010 में एक गंभीर हेल्थ समस्या का सामना करना पड़ा था, जिसने उनकी कॉग्निटिव एबिलिटी को प्रभावित किया था. इस स्थिति को शुरू में ब्रेन ट्यूमर समझ लिया गया था, लेकिन डॉक्टरों ने बाद में पाया कि यह वास्तव में उनके दिमाग में एक परजीवी था.

पसंद था टूना-मछली सैंडविच
कैनेडी ने बताया कि उन्हें संदेह है कि उनकी भारत यात्रा के दौरान उनके आहार ने इस अप्रत्याशित स्वास्थ्य समस्या को जन्म दिया होगा. पॉडकास्ट के दौरान उन्होंने बताया, "मुझे टूना-मछली सैंडविच बहुत पसंद था और मैं नियमित रूप से मीठे पानी की मछलियां, खास तौर पर पर्च पकड़ता और खाता था." कैनेडी ने यह भी खुलासा किया कि उनके आहार में मुख्य रूप से शिकारी मछलियां अधिक थीं, जो अपने मरकरी कंटेंट के लिए कुख्यात थीं जो मानव मस्तिष्क को संभावित नुकसान पहुंचा सकती थीं.

रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर दुनिया के सबसे प्रमुख एंटी-वैक्सीन कार्यकर्ताओं में से एक हैं. उन्होंने टीकों के कारण ऑटिज्म और अन्य हेल्थ समस्याओं के होने के दावों का बहुत दृढ़ता से समर्थन किया है. वह दिवंगत अटॉर्नी जनरल रॉबर्ट एफ कैनेडी के बेटे और राष्ट्रपति जॉन एफ. कैनेडी के भतीजे हैं.

यह भी पढ़ें- वैक्सीन के घोर विरोधी रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर होंगे अमेरिकी स्वास्थ्य सचिव, डोनाल्ड ट्रंप का ऐलान

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