नई दिल्ली: सऊदी अरब ने एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चल रहे टकराव के मुद्दों के समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया है. दरअसल, सऊदी अरब के दौरे पर गए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने रविवार को द्विपक्षीय बैठक की थी. वार्ता के बाद सोमवार शाम को जारी संयुक्त बयान में, दोनों पक्षों ने क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए भारत-पाकिस्तान के बीच लंबित मुद्दों, विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए दोनों देशों के बीच बातचीत के महत्व पर जोर दिया.
हालांकि, संयुक्त बयान में कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का कोई जिक्र नहीं किया गया है. संयुक्त बयान यह रेखांकित करता है कि सऊदी अरब कश्मीर पर भारत की स्थिति का निरंतर समर्थन करता है. यह सऊदी अरब और भारत के बीच बढ़ती रणनीतिक साझेदारी को भी रेखांकित करता है.
साझा बयान में कहा गया है कि सऊदी अरब के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान और शहबाज शरीफ ने गाजा की स्थिति सहित आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर विचारों का आदान-प्रदान किया. दोनों नेताओं ने गाजा में इजराइल के सैन्य अभियानों को रोकने और मानवीय संकट को कम करने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयासों का आग्रह किया. साथ ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय से गाजा में युद्ध रोकने, अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करने और गाजा में निर्बाध मानवीय सहायता की पहुंच की सुविधा के लिए इजराइल पर दबाव बनाने का आह्वान किया.
दोनों नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और यूएन महासभा के प्रस्तावों के साथ-साथ अरब शांति पहल के अनुसार शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की जरूरत पर चर्चा की, जिसका उद्देश्य एक स्वतंत्र फिलिस्तीन राष्ट्र की स्थापना के लिए एक उचित और व्यापक समाधान ढूंढना है, जिसकी राजधानी पूर्वी येरुशलम हो.
गौरतलब है कि सऊदी अरब ने आर्थिक संकट से निपटने के लिए पाकिस्तान को पांच अरब डॉलर की आर्थिक मदद दी है. द्विपक्षीय वार्ता के दौरान दोनों पक्षों ने व्यापार और निवेश संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की.
पाकिस्तान अपने गलत इरादों के तहत विभिन्न मंचों पर कश्मीर मुद्दा उठाता रहा है. भारत ने पाकिस्तान की इस हरकत का हर बार कड़ा जवाब दिया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को ही पाकिस्तान को सख्त चेतावनी देते हुए कहा था कि 'हम कश्मीर में अशांति फैलाने वाले आतंकवादियों को नहीं छोड़ेंगे... जरूरत पड़ने पर हम उन्हें पाकिस्तान में घुसकर मारेंगे.' सिंह ने कहा कि 'सरकार भारत में शांति भंग करने की कोशिश करने वाले किसी भी आतंकवादी को करारा जवाब देगी. अगर वह पाकिस्तान भाग जाते हैं, तो हम उनका पीछा करेंगे और उसे पाकिस्तानी धरती पर मार गिराएंगे. भारत के पास क्षमता है और पाकिस्तान को भी यह बात समझ में आने लगी है.'
राजनाथ सिंह ने यह बयान ब्रिटेन के एक अखबार की उस रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर दिया था, जिसमें दावा किया गया था कि भारत सरकार ने विदेशी धरती पर आतंकवादियों को खत्म करने की व्यापक रणनीति के तहत पाकिस्तान में हत्याओं का आदेश दिया था. हालांकि, रक्षा मंत्री ने कहा 'भारत पड़ोसी देशों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध चाहता है.' उन्होंने कहा 'भारत का इतिहास रहा है कि हमने कभी किसी देश पर हमला नहीं किया, न ही किसी अन्य देश की जमीन पर कभी कब्जा किया.'
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