इस्लामाबाद : पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के विरोधियों का मानना है कि अगर इसके संस्थापक इमरान खान और अन्य शीर्ष नेताओं को अदालत में लंबित विभिन्न मामलों में दोषी ठहराया जाता है तो पार्टी पर प्रतिबंध लग सकता है. विचाराधीन मामले 9 मई की हिंसा, साइफर मामले में गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन और विदेशी फंडिंग मामले सहित अन्य से संबंधित हैं.
2023 में पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने घोषणा की थी कि पीटीआई को 'निषिद्ध धन' प्राप्त हुआ था, जिससे शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली तत्कालीन पीडीएम सरकार के लिए पीटीआई को भंग करने का अवसर पैदा हो गया था.
पिछली सरकार में कानून और न्याय मंत्री आजम नजीर तरार ने द न्यूज को बताया, 'पीडीएम सरकार को पीटीआई को प्रतिबंधित इकाई घोषित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सवाल उठाने का मौका मिला था, लेकिन तब शहबाज शरीफ सरकार ने बाद में उचित समय पर इस मामले पर आंदोलन करने का विकल्प चुना.'
राजनीतिक दलों के घोषणापत्र में जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को मिली प्राथमिकता : उधर, पाकिस्तान को 2022 में विनाशकारी बाढ़ का सामना करना पड़ा था और यही वजह है कि आठ फरवरी को होने वाले आम चुनाव में देश की दो सबसे प्रमुख पार्टियों ने अपने चुनावी घोषणापत्र में जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को प्रमुखता दी है.
संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक जलवायु जोखिम सूचकांक के अनुसार जलवायु परिवर्तन के प्रति पांचवें सबसे संवेदनशील देश पाकिस्तान को गंभीर मौसमी घटनाओं का सामना करना पड़ेगा. एक आकलन के मुताबिक 2022 की विनाशकारी बाढ़ की वजह से पाकिस्तान की लगभग 3.30 करोड़ आबादी प्रभावित हुई थी.
पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ नीत पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और बिलावल भुट्टो जरदारी की अध्यक्षता वाली पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने शनिवार को अपने-अपने घोषणापत्र जारी किये और मतदाताओं से कई वादे किए.
दोनों पार्टियों के घोषणापत्रों में एक समानता यह थी कि दोनों ने जलवायु परिवर्तन से संबंधित मुद्दे पर जोर किया और इसके असर को कम करने के लिए कदम उठाने का वादा किया.
जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता वाली तीसरी सबसे अहम पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने अभी तक कोई घोषणापत्र जारी नहीं किया है. हालांकि, पार्टी जब सत्ता में थी तो उसने 'हरित विकास' पर जोर दिया था.