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पाकिस्तान: PTI पूरे रमजान में 'चुनावी धांधली' के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी रखेगी

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By ANI

Published : Mar 13, 2024, 8:50 AM IST

PTI continue protests in pakistan: पाकिस्तान में चुनावों में कथित धांधली का मुद्दा अभी भी गरमाया हुआ है. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के नेता अली जफर ने इस मुद्दे को लेकर रमजान के दौरान भी विरोध प्रदर्शन जारी रखने का ऐलान किया है.

Pakistan Tehreek-e-Insaf to continue protests against 'election rigging' throughout Ramzan (Photo IANS)
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पूरे रमजान में 'चुनावी धांधली' के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी रखेगी (फोटो आईएएनएस)

इस्लामाबाद : पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी नेता अली जफर ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी ने पूरे रमजान के दौरान आम चुनावों में कथित धांधली के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखने का फैसला किया है. डॉन के हवाले से यह रिपोर्ट खबर दी गई. जफर ने एक पार्टी बैठक में देश भर में शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बारे में समीक्षा की.

इसमें ईदुल फितर की प्रतीक्षा न करने और इसके बजाय प्रदर्शनों की वर्तमान श्रृंखला जारी रखने का निर्णय लिया गया. हमने आज देखा कि उन्होंने लोगों को इमरान खान से मिलने की अनुमति नहीं दी, इसलिए यह निर्णय लिया जा सकता है कि विरोध प्रदर्शन को अदियाला जेल के बाहर ले जाया जाए. इससे पहले दुनिया न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार पीटीआई नेता उमर अयूब ने 8 फरवरी को हुए आम चुनावों में कथित धांधली के खिलाफ पूरे पाकिस्तान में देशव्यापी शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था.

इस्लामाबाद में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, अयूब ने कहा कि देश का जनादेश चोरी हो गया है और दोहराया कि उनकी पार्टी ने 8 फरवरी के चुनावों के दौरान नेशनल असेंबली में 180 सीटें हासिल कीं. अयूब ने कथित धांधली की घटनाओं पर अफसोस जताया और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ-साथ लतीफ खोसा और सलमान अकरम राजा सहित 100 से अधिक वरिष्ठ पार्टी नेताओं की गिरफ्तारी को अनुचित मानते हुए पुलिस की आलोचना की.

दुनिया न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस के दुर्व्यवहार पर तिरस्कार व्यक्त करते हुए अयूब ने सरकार पर फासीवादी प्रवृत्ति प्रदर्शित करने का आरोप लगाया और कहा कि मौलिक मानवाधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है. दुनिया न्यूज के अनुसार, संवैधानिक और कानूनी मानदंडों के प्रति पीटीआई की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए, अयूब ने विधानसभाओं के भीतर और देश भर में विरोध प्रदर्शन करने में पार्टी के शांतिपूर्ण इरादे पर जोर दिया.

अयूब ने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी विशेष रूप से पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) पर हमला किया. उन्होंने जनता पर बोझ डालने वाली आर्थिक चुनौतियों की ओर इशारा करते हुए इसके लिए मुद्रास्फीति और खराब शासन नीतियों को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने आगे प्रधानमंत्री और पंजाब के मुख्यमंत्री पर कानूनी ढांचे से परे काम करने का आरोप लगाया.

अयूब ने 9 फरवरी को फॉर्म 45 में संशोधन का आरोप लगाया, जिसके परिणामस्वरूप फॉर्म 47 का निर्माण हुआ, जिससे सरकार 2024 के आम चुनावों के दौरान भ्रष्टाचार और चुनावी कदाचार में फंस गई. इसके अतिरिक्त उन्होंने सोशल मीडिया प्रतिबंधों को समाप्त करने का आह्वान किया और अभिव्यक्ति की अधिक स्वतंत्रता की वकालत करते हुए विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर प्रतिबंध हटाने की मांग की. उमर अयूब के बयान पाकिस्तान में गहराते राजनीतिक तनाव को रेखांकित करते हैं. पीटीआई ने लोकतांत्रिक सिद्धांतों और नागरिक स्वतंत्रता की वकालत करते हुए कथित चुनावी अनियमितताओं के खिलाफ अपने विपक्षी रुख को तेज कर दिया है.

ये भी पढ़ें- पाकिस्तान के नए राष्ट्रपति जरदारी ने देश के आर्थिक संकट का हवाला देते हुए वेतन लेने से किया इनकार

इस्लामाबाद : पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी नेता अली जफर ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी ने पूरे रमजान के दौरान आम चुनावों में कथित धांधली के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखने का फैसला किया है. डॉन के हवाले से यह रिपोर्ट खबर दी गई. जफर ने एक पार्टी बैठक में देश भर में शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बारे में समीक्षा की.

इसमें ईदुल फितर की प्रतीक्षा न करने और इसके बजाय प्रदर्शनों की वर्तमान श्रृंखला जारी रखने का निर्णय लिया गया. हमने आज देखा कि उन्होंने लोगों को इमरान खान से मिलने की अनुमति नहीं दी, इसलिए यह निर्णय लिया जा सकता है कि विरोध प्रदर्शन को अदियाला जेल के बाहर ले जाया जाए. इससे पहले दुनिया न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार पीटीआई नेता उमर अयूब ने 8 फरवरी को हुए आम चुनावों में कथित धांधली के खिलाफ पूरे पाकिस्तान में देशव्यापी शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था.

इस्लामाबाद में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, अयूब ने कहा कि देश का जनादेश चोरी हो गया है और दोहराया कि उनकी पार्टी ने 8 फरवरी के चुनावों के दौरान नेशनल असेंबली में 180 सीटें हासिल कीं. अयूब ने कथित धांधली की घटनाओं पर अफसोस जताया और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ-साथ लतीफ खोसा और सलमान अकरम राजा सहित 100 से अधिक वरिष्ठ पार्टी नेताओं की गिरफ्तारी को अनुचित मानते हुए पुलिस की आलोचना की.

दुनिया न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस के दुर्व्यवहार पर तिरस्कार व्यक्त करते हुए अयूब ने सरकार पर फासीवादी प्रवृत्ति प्रदर्शित करने का आरोप लगाया और कहा कि मौलिक मानवाधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है. दुनिया न्यूज के अनुसार, संवैधानिक और कानूनी मानदंडों के प्रति पीटीआई की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए, अयूब ने विधानसभाओं के भीतर और देश भर में विरोध प्रदर्शन करने में पार्टी के शांतिपूर्ण इरादे पर जोर दिया.

अयूब ने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी विशेष रूप से पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) पर हमला किया. उन्होंने जनता पर बोझ डालने वाली आर्थिक चुनौतियों की ओर इशारा करते हुए इसके लिए मुद्रास्फीति और खराब शासन नीतियों को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने आगे प्रधानमंत्री और पंजाब के मुख्यमंत्री पर कानूनी ढांचे से परे काम करने का आरोप लगाया.

अयूब ने 9 फरवरी को फॉर्म 45 में संशोधन का आरोप लगाया, जिसके परिणामस्वरूप फॉर्म 47 का निर्माण हुआ, जिससे सरकार 2024 के आम चुनावों के दौरान भ्रष्टाचार और चुनावी कदाचार में फंस गई. इसके अतिरिक्त उन्होंने सोशल मीडिया प्रतिबंधों को समाप्त करने का आह्वान किया और अभिव्यक्ति की अधिक स्वतंत्रता की वकालत करते हुए विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर प्रतिबंध हटाने की मांग की. उमर अयूब के बयान पाकिस्तान में गहराते राजनीतिक तनाव को रेखांकित करते हैं. पीटीआई ने लोकतांत्रिक सिद्धांतों और नागरिक स्वतंत्रता की वकालत करते हुए कथित चुनावी अनियमितताओं के खिलाफ अपने विपक्षी रुख को तेज कर दिया है.

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